कर रही थी मैं उसका इंतज़ार
उसके दीदार के लिए थी बेक़रार,
हर पल मेरी निगाहें उसे ढूंढ़ती रही,
बस उसके एक झलक के लिए तरसती रही !
उसके दीदार के लिए थी बेक़रार,
हर पल मेरी निगाहें उसे ढूंढ़ती रही,
बस उसके एक झलक के लिए तरसती रही !
Posted by Urmi at 3:22 AM
35 comments:
Intezar na kar aur woh aayega...
बहुत बढ़िया शेर कहा है आज तो।
कम शब्दों में ही सब कुछ
हाल-ऐ-दिल बयान कर दिया।
बहुत सुन्दर । प्रार्थना है कि यह इन्तजार खत्म हो ।
Intezar ka nasha hi kuch hota hai...bahut behtareen..:)
बेहतरीन कहा है.
चित्र मे भी इंतजार बखूबी झलक रहा है.
Intezar mai bahut mazza hai.
बहुत सुंदर,
धन्यवाद
सुंदर अभिव्यक्ति
दर्शन को तरसती ...निगाहों में दिल का अक्स उभर आया है ।
http://gunjanugunj.blogspot.com
तस्वीर में झलकते भाव, पंक्तियों से पूर्णतय मेल खाते हुए.
सुन्दर प्रस्तुति.
दीदार...इंतजार...बेकरार...!तीन शब्दों में दिल का हाल बयां कर दिया...
Hope the wait ends...Babli ,very romantic lines,beautiful as always.
यहां अभिव्यक्ति की स्पषटता प्रमुख है।
शायरी और तस्वीर का ज़बरदस्त मेल...........
वाह !
बधाई !
अत्यन्त सुन्दर रचना
सुंदर अभिव्यक्ति...बढ़िया रचना...बधाई
बहुत बढ़िया..वाह!
कर रही थी मैं उसका इंतज़ार
उसके दीदार के लिए थी बेक़रार,
बढ़िया प्रस्तुति........
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com
jab bhi koi dastak sunayi di..mera dil keh utha "kahi yeh woh to nahi..."
आज बहुत दिनों बाद तुम्हें पढ़ने का मज़ा लिया है।
बहुत ही मज़े से लिखा हुआ है। लगता नहीं है कि तुम्हारी जिंदगी से ये शब्द नही जुड़े हों... हर एक शब्द के बहुत ही नज़दीक लगती हो।
;-)
चित्र और कविता का संयोजन हमेशा की तरह बेहतरीन ।
कुछ यूं था हमें उनका इंतजार,
मिलने को था जो ये दिल बेकरार,
तकती रहीं आखें उम्र भर ,
और रूह को भी न हुआ उनका दीदार..
आपको पढ कर बरबस ही जो मन से निकल जाता है .....
Intjaar, Bekarar aur deedar... lagta hai yeh sab ek doosare ke liye hee bane hain
wah! bahut hi behtareen......... aur achchi kavita likhi hai aapne.......
shall I add here that "intezar ke phaal mitha hota hai"!
Bahut khub
वाह जीतनी सुन्दर पंक्तियाँ उतनी ही बेहतर स्केच है बधाई हो !!
LAJAWAAB LIKHA HAI ...... ACHHA SHER......
इंतज़ार में बैठी निगाह की बेकरारी का आलम क्या है, दीदार होते ही एक चमक सब ब्यान कर देती है.... बहुत ही बढ़िया...
कुच्छ दिल से....
लाजवाब करती रचना है, बधाई।
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Babli ji bahut lajawab.....
shabdon ke gehrayi... dil ko shoo jane wali hai.
mere blog ka naya url ap check karein
बहुत सुन्दर भाव्नत्मक अभिव्यक्ति---
पूनम
aap to likhati achchha hi hai ,dhanteras ke saath dipawali ki bhi shubkaamnaaye .
इन्तजार की यह पंक्तियां बहुत ही लाजवाब बन पड़ी हैं ।
aapko deepawali ki haardik shubhkaamnayen......
Intzar ka bhi kya anmol ehsas hai.
Har wakat koi na koi khash pyash hai.
kaya khub likhte ho bada achha likhte ho likhte raho likhte raho bada achha lagta hai..............
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