bbli bhn aapne bevfaayi or uske ntije ko chnd afaazon men jo pribhaashit krne ka kmaal kiya he voh sirf aap hi kr skti hen bdhaayi ho. akhtar khan akela kota rajsthan
I am a very cheerful, friendly and fun loving girl and have a great passion for travelling as I love to explore new places, love cooking, reading books, writing Hindi poems and English articles by which I am able to express my thoughts and feelings.
39 comments:
बहुत उम्दा शेर प्रस्तुत किया है!
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ईश्वर न करे किसी के साथ ऐसा हो!
गहरी संवेदना।
सुंदर शेर....धन्यवाद
आखरी लाइन तो बहुत बढ़िया है.
मंजिल जितना करीब दिखता है,
हमसफ़र लेकिन उतना ही दूर चला जाता है!
Khuda na kare,aisa kisee ke saath ho!
bbli bhn aapne bevfaayi or uske ntije ko chnd afaazon men jo pribhaashit krne ka kmaal kiya he voh sirf aap hi kr skti hen bdhaayi ho. akhtar khan akela kota rajsthan
वाह
हमेशा की तरह
खूबसूरत लफ्ज़ ...
खूबसूरत शायरी ...
खूबसूरत अंदाज़ .....
बबली जी
आप भले ही छोटी रचना लिखती है लेकिन प्रभावी रचना लिखती है.
आपको बधाई
Vaah ji vaah...last ki line dil ko chu gai.....bilkul sahi kaha aapne "jise mante hai hamsaphar apna. manjil uska koi our hota hai....."
I wish I could express my comments in Hindi
बडी गहरी बात कह दी………………उम्दा भाव्।
उम्दा शेर |
यह तो बेवफाई सहने वाले की दास्ताँ है. हालात बेवफा को बावफा भी बना देते हैं.
मानते है जिसे हम मंज़िल अपनी,
हमसफ़र उसका कोई और होता है !
प्रभावी रचना ..........
Beautifully expressed. Bewafayi, dangerous word.
बहुत बढ़िया.
बबली जी .
ऐसा भी होता है . यही प्रेम की विसंगति है ।
प्रशंसनीय ।
bahut sundar likha aapne
beautiful shayri must say
मंजिल जितना करीब दिखता है,
हमसफ़र लेकिन उतना ही दूर चला जाता है!
उम्दा रचना
Very beautiful and touching.Thanks a lot for sharing this Babli.
वाह!!! वाह!!!! वाह!!1
वाह
चाय के पियाली में तूफ़ान!!अब इसका माने चाहे जो हो!!मगर तुमरा कबिता होता ऐसने है...बहुत सुंदर!!
kya baat hai.......?
आप अक्सर दुखती रग----
बेहद उम्दा शेर |
बहुत ही गहरे भाव लिये सुन्दर शब्द रचना ।
bahut khub....
..सही है.
..हीर का ब्लॉग और इमरोज याद आ गए.
vah, bahut khoob
bhut khoob... kya likha h..bhut khob very nice post
खूबसूरत शेर....उम्दा प्रस्तुति !!
बेवफाई ...मंजिल...हमसफर
दिल रो रहा ...आँखें हँस रही
उम्दा शे`र !!!
मानते हैं जिसे हम मंज़िल अपनी,हमसफ़र उसका कोई और होता है। बेहतरीन शे"र।
रक्षाबंधन की बधाई और शुभकामनाए...
मानते है जिसे हम मंज़िल अपनी,
हमसफ़र उसका कोई और होता है !
...बहुत उम्दा शेर
Babli,Rakshabandhan mubarak ho!
Tumhari nayi post kee ittela to mil rahi hai,lekin post avtarit nahi hui hai!
रक्षाबंधन के पावन पर्व की ढेरों शुभकामनाएं
http://rp-sara.blogspot.com/2010/08/blog-post_23.html#comment-form
खूबसूरत शायरी .
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