Monday, February 6, 2012


हम तुमसे दूर कैसे रह पाते,
दिल से तुमको कैसे भूल पाते,
काश तुम आईने में बसे होते,
ख़ुद को देखते तो तुम नज़र आते !

70 comments:

संजय भास्‍कर said...

बहुत सुंदर पंक्तियाँ ,खूबसूरत भाव

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

प्रेम की पराकाष्ठा इसी को कहते हैं!!

Neeraj Kumar said...

क्या खूब प्रतिबिंब है... प्रेम मे खुद मे उनको देखने की तमन्ना कमाल है...

Nirantar said...

दिल के मेहमाँ
मेरे अखलाक का
तकाजा नहीं कहता
की घर आये को
लौटाऊँ
वो दुश्मन ही क्यूँ
ना हो
उसे गले से ना
लगाऊँ
तुम तो दिल के
मेहमाँ हो
दिल रोशन जिस से
उस शमा को
को कैसे भूल जाऊँ?
निरंतर हर लम्हा
जिया तुम्हारे खातिर
तुम्हें भूल कर
मौत को गले कैसे
लगाऊँ?
(अखलाक=सदभावना,सदाचार)
22-09-2011
1541-112-09-11

kshama said...

Kya kamal khayal hai!

Bikram said...

beautiful

but in reality why would one want to remember someone who has left one in the middle of the road

Bikram's

मेरा मन पंछी सा said...

यही तो प्यार है ..
बेहद सुंदर रचना है ...

लोकेन्द्र सिंह said...

बहुत खूब...

रचना दीक्षित said...

विचार अच्छा है. खूबसूरत है.

विभूति" said...

.बेजोड़ भावाभियक्ति....

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

वाह!!!!!बहुत बेहतरीन रचना,लाजबाब प्रस्तुति,
NEW POST....
...काव्यान्जलि ...: बोतल का दूध...

डॉ टी एस दराल said...

काश तुम आईने में बसे होते !
वाह , बहुत खूब एक्सप्रेशन ।

India Darpan said...

सराहनीय प्रयास, शुभकामनाएं

Jeevan Pushp said...

बहुत सुन्दर अभिलाषा !
आभार !

virendra sharma said...

हम तुमसे दूर कैसे रह पाते,
दिल से तुमको कैसे भूल पाते,
काश तुम आईने में बसे होते,
ख़ुद को देखते तो तुम नज़र आते !
शीशा -ए दिल में है तस्वीरे यार ,जब जरा गर्दन झुकाई देख ली .

somali said...

bahut hi kamal khayal hai...khubsurat panktiyan

hamaarethoughts.com said...

Wah wah...
its like ... exchanging names in love..
happy Valentines!
perfect..as love is in the air!

BK Chowla, said...

Unique,as always

sheetal said...

bahut accha likha aapne.

संतोष त्रिवेदी said...

आईने में देखलो,वोही दिखेंगे !

avanti singh said...

सुंदर पंक्तियाँ .....प्रेम की पराकाष्ठा

P.N. Subramanian said...

सुभानल्ला. काश ऐसा हो सकता.

Ramakrishnan said...

Beautiful words.

Anonymous said...

bahut khoob

dinesh aggarwal said...

प्रेम की पराकाष्ठा......

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

khubshurat bhav kee acchee rchnaa...

Bharat Bhushan said...

चार पंक्तियों का सुंदर पुष्प गुच्छ.

महेन्‍द्र वर्मा said...

आईना तो सबसे अच्छा मित्र होता है।
सुंदर रचना।

अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) said...

बहुत बढ़िया, वाह !!!!!

Udan Tashtari said...

सुंदर पंक्तियाँ !

सु-मन (Suman Kapoor) said...

मेरे चेहरे की रौनक बता देती है मुझे

तेरा एहसास मेरी जिन्दगी बन गया है

आईना शर्माता है अब मेरे अक्स से

तेरा होना न जाने क्या जादू कर गया

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बेहतरीन सुंदर रचना,अच्छी प्रस्तुति,
MY NEW POST ...कामयाबी...

pooja said...

bahut khoob.....keep it up...best wishes

Anonymous said...

check this http://drivingwithpen.blogspot.in/2012/02/another-award.html

an award for you

सहज साहित्य said...

बहुत खूब्सूरत बात कही उर्मि जी

Dr (Miss) Sharad Singh said...

बहुत सुंदर मर्मस्पर्शी कविता....
हार्दिक बधाई..

Rahul Bhatia said...

सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति.

Anonymous said...

bahut khoob

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' said...

सुन्दर..बहुत बहुत बधाई...होली की शुभकामनाएं....

ashok andrey said...

bahut sundar,badhai.

नीरज गोस्वामी said...

पिछले कुछ दिनों से अधिक व्यस्त रहा इसलिए आपके ब्लॉग पर आने में देरी के लिए क्षमा चाहता हूँ...

इस रचना के लिए बधाई स्वीकारें

नीरज

नीरज गोस्वामी said...

पिछले कुछ दिनों से अधिक व्यस्त रहा इसलिए आपके ब्लॉग पर आने में देरी के लिए क्षमा चाहता हूँ...

इस रचना के लिए बधाई स्वीकारें

नीरज

मेरा साहित्य said...

sunder bhav
rachana

Monika Jain said...

wah wah :)bahut khoob

welcome to माँ मुझे मत मार

dinesh gautam said...

सुंदर पंक्तियाँ। गागर में सागर!

Rajnish tripathi said...

बहुत खूब लिखा है... मुझे कुछ लाइने याद आ रही है... किसी की याद का जंगल है भागे जा रहा हूं मै...मेरी किस्मत में तो आवरगी लिख दी है मौला ने... नहीं मै भी तो पढ़ लिख कर के नौकर बन गया होता.... कभी हमारे ब्लाग हल्ला गुल्ला पर दस्तक दे...रजनीश...

Dr.Ashutosh Mishra "Ashu" said...

bahut lamba maun brat ho gaya...ab phir char char laaino wali chaukon kee paari khelne aa jaayeiye

Dr.Ashutosh Mishra "Ashu" said...

bahut lamba maun brat ho gaya...ab phir char char laaino wali chaukon kee paari khelne aa jaayeiye

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

ऊर्मी जी ..बहुत सुन्दर प्यारी रचना ....काश कोई दिल में भी झाँक कर देख पाता प्यार के सतरंगी रंग .... जय श्री राधे
भ्रमर ५

राजेश सिंह said...

very first time through a link I landed on your blog.I realy liked it but you have not posted since long ?

Bharat Bhushan said...

प्रेम के अहसास की सनातन अनुभूति. सुंदर भाव.

Irfanuddin said...

how r you doing, no updates since so many months.....

Unknown said...

खूबसूरत भाव, कितनी सरलता से कह दी...

amrendra "amar" said...

सुंदर भाव सुंदर प्रस्तुति.

Kavita Rawat said...

Babli ji! bahut din se nayee post nahi likhi aapne..

Darshan Darvesh said...

Wah !

Darshan Darvesh said...

Wah........

Arshia Ali said...

बहुत ही प्‍यारी कविता। हार्दिक बधाई।

ईद की दिली मुबारकबाद।
............
हर अदा पर निसार हो जाएँ...

janta ki aawaz said...

kafi dino bad aaj blog ki duniya me wapas lauta aap ki yad aap ki kawita ki taraf kheech layi ...hamesha ki tarah adhbhut prastooti...

नीरज कुमार said...

वाह, क्या खूब लिखा!
बहुत दिनों से गायब था लेकिन सोचा की आज घूमा जाये ब्लॉग की दुनिया मे तो आपके उपवन का ही ख्याल सबसे पहले आया...
सारी रचनाएँ अत्यंत प्रभावशाली हैं... सदा की तरह...

Rakesh Kumar said...

उर्मी जी,आपकी बहुत याद आती है.
आप बहुत बीजी हैं,यह भी तो मजबूरी है.
आपके ब्लॉग के आईने में आपको
देख कर ही खुश हो लेते हैं,बस.

आप सदा स्वस्थ और खुश रहें
यही दुआ और शुभकामनाएँ हैं.

Wordpress Development Delhi said...

I was suggested this web site by way of my cousin. I'm now not positive whether this publish is written by him as nobody else recognise such distinctive about my problem.You are wonderful! Thanks!

Breast Conserving Surgery Jaipur said...

great post using real-world examples. Keep it up!

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...


उर्मि जी
नमस्कार !

आशा है सपरिवार स्वस्थ सानंद हैं
नई पोस्ट बदले हुए बहुत समय हो गया है …
आपकी प्रतीक्षा है सारे हिंदी ब्लॉगजगत को …
:)

शुभकामनाओं सहित…
राजेन्द्र स्वर्णकार

Unknown said...

wahh...kya baat hai ....
चाहत के फासले ,युहीँ नही मिटा करते है "अधीर"..
खुद को तबाह कर लो,तो भी कसर रह ही जाती है।
http://ehsaasmere.blogspot.in/

Akhilesh pal blog said...

bahoot khoob

हितेष said...

बेहद सुन्दर, भाव दिल को छु गए !

Ankur Jain said...

वाह...सुंदर क्षणिका :)

সুশান্ত কর said...

আপনি হঠাৎ করে আর ব্লগ লিখছেন না কেন? আপনার ব্লগতো বেশ জনপ্রিয় ছিল!

Akhilesh pal blog said...

nice bahoot achha