ओस की बूँदें हैं, आखों में नमी है,
न ऊपर आसमान है और न नीचे ज़मीन है,
ये कैसा मोड़ है ज़िन्दगी का,
जो लोग खास है बस उन्ही की कमी है!
न ऊपर आसमान है और न नीचे ज़मीन है,
ये कैसा मोड़ है ज़िन्दगी का,
जो लोग खास है बस उन्ही की कमी है!
Posted by Urmi at 9:28 PM
1 comments:
lgta hai bahut pyar karti hain apne jiwan saathi se aap
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