Sunday, April 5, 2009


सिर्फ़ चाहने से कोई बात नहीं होती,
सूरज के सामने कभी रात नहीं होती,
हम चाहते हैं जिन्हें जान से भी जादा,
वो सामने है पर बात भी नहीं होती!

5 comments:

tradeink said...

come on friend,
just talk to him.
just talk.
we can recall remembrance
but not men.
once they go, it's over.
just spent with him.
thanks for the poem.

chhandik said...

khub sundor kobita....sanjoy

chhandik said...

wow wondderful

sujata sengupta said...

briliant shayari Urmi, hum fida huye apke andaaze bayan pe...beautiful, I look forward to your shayari everyday..keep going!!!

रचना गौड़ ’भारती’ said...

फिर एक शानदार शेर के लिए बधाई।
आप गूगल पर फ़्री डाउनलोड BARAHA 7.0 टाइप करें और इस सोफ़्ट्वेयर को डाउनलोड कर लें । आपके डेस्कटाप पर तीन आइकान बनेंगे । इसमे से सीधे मेल पर या कमेंट बोक्स में हिन्दी मे लिखने के लिए डेस्कटोप पर आए BARAH DIRECT 7.0 पर क्लिक करने से नीचे एक साइन आ जाएगा । अब आप रोमन मे टाइप करेंगी और डिस्प्ले पर हिन्दी आएगा । कुछ ही दिनो में आपको प्रेक्टिस हो जाएगी । जैसे आपको बहुत सुन्दर के लिए bahuta sundara टाइप करना पडेगा । जब भी इंगलिश में टाइप करना हो इस बटन को ओन ओफ करना होगा । मेरे ब्लोग को अपने ब्लोग से जोडिए और समय समय पर पढ्ते रहिए ।