इस कदर हमारी चाहत का इम्तीहान मत लीजिये,
क्यूँ हो खफा ये बयान तो कीजिये...
कर दीजिये माफ़ अगर हो गई कोई खता,
यूँ ही याद न करके सज़ा तो न दीजिये...!!!
क्यूँ हो खफा ये बयान तो कीजिये...
कर दीजिये माफ़ अगर हो गई कोई खता,
यूँ ही याद न करके सज़ा तो न दीजिये...!!!
3 comments:
wah wah!! chah kar bhool jaana sabse badi sazaa hain..
Nice Written.
keep it up.
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मोहतरमा,
आप मेरे एक ही ब्लॉग की इक ही पोस्ट पर हर बार कमेन्ट कर रही हैं. कृपया मेरे अन्य ब्लॉग [मौजे-सागर]
[उल्टा तीर पत्रिका] [उल्टा तीर] पर अपनी अमूल्य राय दें. मुझे खुशी होगी.
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शुभकामनाओं सहित;
[अमित के सागर]
http://mauj-e-sagar.blogspot.com
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http://ut-patrika.blogspot.com
pyaar ki gahrai dekh kar aaccha laga.aap umda kalaakar hai meri badhai sweekaren.
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