Sunday, April 19, 2009


कितनी जल्दी मुलाक़ात गुज़र जाती है,
प्यास बुझती नहीं और बरसात गुज़र जाती है,
आपकी यादों से कहदो इस तरह आया करे,
नींद आती नहीं और रात गुज़र जाती है !

15 comments:

Anonymous said...

रचना तो बहुत उम्दा है...पर ये तस्वीर कुछ मैच नहीं हुई रचना के साथ.

sujata sengupta said...

great poetry Urmi..very very nice!!

अविनाश वाचस्पति said...

चित्र अपनी कहानी कहते हैं
शायरी में अलग रवानी बहती है।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

प्यास बुझती नहीं और बरसात गुज़र जाती है,
नींद आती नहीं और रात गुज़र जाती है !
बेहतरीन शेर।
मुबारकवाद।

डॉ. मनोज मिश्र said...

प्यास बुझती नहीं और बरसात गुज़र जाती है,
नींद आती नहीं और रात गुज़र जाती है !..
अच्छी लाइनें हैं .

अभिन्न said...

आपकी यादों से कहदो इस तरह आया न करे,
नींद आती नहीं और रात गुज़र जाती है !

....वाह वाह वाह ..काया कहने इस शायरी के

अभिन्न said...

आपकी यादों से कहदो इस तरह आया न करे,
नींद आती नहीं और रात गुज़र जाती है !

....वाह वाह वाह ..काया कहने इस शायरी के

manu said...

aur tasweer se kaise match hogi ji,,,,,,,,??????????

shyam gupta said...

लाख हमने कहा तुम न समझे ,
इशारे हमारे भी तुम न समझे।
अब न कभी आवाज़ देंगे -
जो अब न समझे ,खुदा तुम से समझे।


जवानी हुश्न शानो-शौक ने एसा गज़ब ढाया,
जहां की नज़रें झुक जायें,कहीं चर्चा नहीं होता।

shyam gupta said...

सखि री ! तेरी कटि छीन
पयोधर भार भला धरती हो कैसे?

Unknown said...

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thank you..

जयंत - समर शेष said...

"प्यास बुझती नहीं और बरसात गुज़र जाती है,"

बबली जी,

क्या बात है.. एक ही पंक्ति में पूरा सागर समा गया..
चित्र के बारे में भी कुछ टिप्पणियाँ है, पर मुझे तो कलाकृति के तौर पर सुन्दर लगा..

~जयंत

रावेंद्रकुमार रवि said...

यह कलाकृति इससे पहले
फिल्म टाइटेनिक में देखी थी!

कलाकृति तो सुंदर है ही,
पर सैयद अकबर की बात भी
ग़लत नहीं है!

निर्झर'नीर said...

gagar mein sagar..


kya ye kalakritti or panktiyan aapki hai?

both r speechlees

Unknown said...

देखिये चित्र बहुत बढिया है लेकिन ये सन्केत देता है कि नायिका अभी हाल हुए प्रणय मिलन के बाद भी प्यासी रह गई है.

आपकी यादों से कहदो इस तरह आया न करे,
याद करते समय नायिका को कला के लिये ही सही नग्न नही होना चाहिये था.

कविता अच्छी है. विचार अच्छे है़ कहने का अन्दाज़ बहुत अच्छा है