babli ji... aapke guldaste ke kuch phoolo se mili ....her phool ki ek alag ada ,alag khoosboo aur ek alag ahesaas jaise ....jindagi ki kitni galiya ek jagah aaker mili ho...
आपसे कब मिलेंगे पता नहीं, फिर भी यूँ लगता है आप मिलकर गए अभी अभी....................aisa hi lagata hai......is chhoti si jindagi me jab koi apna/paraya milta hai ...
very good and nice blog this is but when I comment on this blog sayab kuch kaas hoga tabhi ye yehsaas hoga yaha par blog padta hi nahee koi aur cament dena kya majak hoga
aap ko main manch par amntrat karta hun ki aaye aur pahlee mahila bane aur blog manch ko raunak kare
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं , तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
एक दोस्त है कच्चा पक्का सा , एक झूठ है आधा सच्चा सा . जज़्बात को ढके एक पर्दा बस , एक बहाना है अच्छा अच्छा सा .
जीवन का एक ऐसा साथी है , जो दूर हो के पास नहीं . कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं , तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
हवा का एक सुहाना झोंका है , कभी नाज़ुक तो कभी तुफानो सा . शक्ल देख कर जो नज़रें झुका ले , कभी अपना तो कभी बेगानों सा .
जिंदगी का एक ऐसा हमसफ़र , जो समंदर है , पर दिल को प्यास नहीं . कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं , तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
एक साथी जो अनकही कुछ बातें कह जाता है , यादों में जिसका एक धुंधला चेहरा रह जाता है . यूँ तो उसके न होने का कुछ गम नहीं , पर कभी - कभी आँखों से आंसू बन के बह जाता है .
यूँ रहता तो मेरे तसव्वुर में है , पर इन आँखों को उसकी तलाश नहीं . कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं , तुम कह देना कोई ख़ास नहीं ..
I am a very cheerful, friendly and fun loving girl and have a great passion for travelling as I love to explore new places, love cooking, reading books, writing Hindi poems and English articles by which I am able to express my thoughts and feelings.
20 comments:
एक दम सधे हाथों से बना शानदार स्केच,,,खूबसूरत ख्याल के साथ ..
बहुत पसंद आया,,,,
waaaaaaahhhhhhhh!!!!!!
jab bhee koi khyaal aataa hai, tabhee tabhee,
un khyaalon ke beech aa jaate ho, tum bhee, kabhee kabhee,
yun hee aate rahein....
bahut sundar....
Ma,m
आपसे कब मिलेंगे पता नहीं,
फिर भी यूँ लगता है आप मिलकर गए अभी अभी !
A very real emotion.
Were these sketches drawn by you...
So beautiful!
babli ji...
aapke guldaste ke kuch phoolo se mili ....her phool ki ek alag ada ,alag khoosboo aur ek alag ahesaas jaise ....jindagi ki kitni galiya ek jagah aaker mili ho...
bahut khoobsorat
beautiful thought!! loved it Urmi..great going
बहुत खूब। आपकी रचनाओं में शब्दों की लडियाँ आमसान से गिरती बर्फ की तरह हौले हौले हृदय में उतर जाती हैं।
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TSALIIM.
-SBAI-
आपका जवाब नहीं लाजवाव हो उर्मी जी क्या पेंटिंग करते हो और शब्दों को तो बेहतरीन
मिलने बिछड़्ने की बाते वो करे ,
जो दूर हो एक दुजे से.
हम ने दिल मे सजा रखी है,
तस्वीरे यार की ..........
आपसे कब मिलेंगे पता नहीं,
फिर भी यूँ लगता है आप मिलकर गए अभी अभी....................aisa hi lagata hai......is chhoti si jindagi me jab koi apna/paraya milta hai ...
अभी-अभी रचना पढी, मन को भायी खूब.
चित्र रुचा मुझको बहुत, गया भाव में डूब.
jab sanjeev jee ne khud badaaee kari hai to meri kya majaal kuchh kahne ki bahot khub...
arsh
"सच बोल कि काला कौवा काट खायेगा"
very good and nice blog this is but when I comment on this blog sayab kuch kaas hoga tabhi ye yehsaas hoga
yaha par blog padta hi nahee koi
aur cament dena kya majak hoga
aap ko main manch par amntrat karta hun ki aaye aur pahlee mahila bane aur blog manch ko raunak kare
aap ko lekhan amntaran bheja ja chuka hai
jate jaate
सच बोल कि काला कौवा काट खायेगा
मै जान सकता हऊ कि बब्ली या उर्मी
और ब्लोग पर F M wah bhai wah
हमने याद किया तो मिटटी ने पैगाम दिया उनको
वो बहके तो मेरी यादों ने जाकर थाम लिया उनको
Woh nadiyan nahi aansu they mere, jinpar woh kashti chalate rahe.
Manzil mile unhein yeh chahat thi meri, isliye hum aansu bahate rahe.
YEH PREM KHUSBOO ,
BADTEE JAATEEHAI |
JAB NAHIN HOTAA,
APNAA PREM RUBROO||
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
एक दोस्त है कच्चा पक्का सा ,
एक झूठ है आधा सच्चा सा .
जज़्बात को ढके एक पर्दा बस ,
एक बहाना है अच्छा अच्छा सा .
जीवन का एक ऐसा साथी है ,
जो दूर हो के पास नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
हवा का एक सुहाना झोंका है ,
कभी नाज़ुक तो कभी तुफानो सा .
शक्ल देख कर जो नज़रें झुका ले ,
कभी अपना तो कभी बेगानों सा .
जिंदगी का एक ऐसा हमसफ़र ,
जो समंदर है , पर दिल को प्यास नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
एक साथी जो अनकही कुछ बातें कह जाता है ,
यादों में जिसका एक धुंधला चेहरा रह जाता है .
यूँ तो उसके न होने का कुछ गम नहीं ,
पर कभी - कभी आँखों से आंसू बन के बह जाता है .
यूँ रहता तो मेरे तसव्वुर में है ,
पर इन आँखों को उसकी तलाश नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं ..
बहुत सुन्दर चित्र ,बबली /उर्मी ,
जो पवन मेरे तन से लिपत कर बही
चन्दनी सी महक लेके आती रही ।
मैं समझ ही गया ये सुरभि बावरी ,
तेरे तन की छुअन लेके गाती रही।
Dil ko bahlane ko...ye khyaal acha hai.../
achi shyri hai aapki
nice sketch and emotional words...
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