हम अपनी दोस्ती को यादों में सजायेंगे,
दूर रहकर भी बंद आंखों में नज़र आयेंगे,
हम कोई वक्त नहीं जो बीत जायेंगे,
जब याद करोगे तब चले आयेंगे !!
दूर रहकर भी बंद आंखों में नज़र आयेंगे,
हम कोई वक्त नहीं जो बीत जायेंगे,
जब याद करोगे तब चले आयेंगे !!
Posted by Urmi at 4:34 PM
5 comments:
waah!
तुम्हारी याद को लेकर, बड़ी ही दूर आये हैं।
छिपाकर अपनी आँखों में तुम्हारा नूर लाये हैं।
बहुत सुंदर .
very well said...the house of a friend is never far!!!
हम कोई वक्त नहीं जो बीत जायेंगे,
जब याद करोगे तब चले आयेंगे !!
...........दोस्ती हो तो ऐसी ..लेकिन यह जज्बा अब कितने लोग रखते हैं
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