Monday, April 27, 2009


तेरे उस दिलकश चेहरे का,
तेरे संग बिताये हुए हसीन लम्हों का,
तेरे बेपनाह मोहब्बत का,
तेरे होठों के मीठे चुम्बन का,
मेरे रोम रोम में तेरा ही नशा छाया है,
बिन तेरे अब ये दिल एक पल सुकून पाया है,
बस एक तू ही है जिसे मैंने अपनी जान से भी ज़ादा चाहा है,
मेरे जानम अब तू ही मेरी जीने की वजह है,
तुझी से ज़िन्दगी का आगाज़ और...
तुझी
पे मर मिटने की तमन्ना है !!


13 comments:

'sammu' said...

SARAL SHABD SAHAJ ANUBHUTI.MAN SE SEEDHE LIKHEE GAYEE KAVITA .SUNDAR CHITRA VITHEE . BANAYE RAKHIYE !

Girish Kumar Billore said...

वाह
क्या बात है

manu said...

जिंदगी का आघाज नहीं,,,,,,,
आगाज लिख कर सही करें,,,,,
बहुत प्यारा काम है,,,,,आयल है शायद,,,
मजा आ गया,,,,,,,,,,
एकदम से अनूठा,,,,,
बेमिसाल,,,,,,,

shyam gupta said...

सुन्दर चित्र तुम्हारे हैं,
ये अशआर संवारे हैं ।--अता फ़रमायें--

तेरी गली से इक बार ही गुजरना श्याम,
हज़ार तीर्थों की सदायें दिया करता है।

हमने पी है उन आंखों की मय श्याम,
जिससे बढ्कर जमाने में कोई शराब नहीं।

sujata sengupta said...

Brilliant Urmi..really liked this one!

मोहन वशिष्‍ठ said...

तुझी से ज़िन्दगी का आगाज़ और...
तुझी पे मर मिटने की तमन्ना है !!

वाह जी वाह उर्मी जी हमेशा की तरह बेहतरीन

admin said...

कविता के भावों को चित्र कई गुना बढा देता है।

----------
S.B.A.
TSALIIM.

jamos jhalla said...

aapke vichaar jaan kar mujhe ek puraanaa gaanaa yaad aa rahaa hai .kisee ki muskuraahaton pe ho nisaar kisee kaa dard mil sake to le oodhaar kisee ke waaste ho tere dil me pyaar jeenaa isee kaa naam hai.

अनिल कान्त said...

mohabbat hai !!

anilbigopur said...

Aapki muskan hamari kamjori hai,
Keh na pana hamari majburi hai,
Aap kyon nahin samajhte is khamoshi ko,
Kya khamoshi ko zuban dena jaruri hai?

अभिन्न said...

तुझी से ज़िन्दगी का आगाज़ और...
तुझी पे मर मिटने की तमन्ना है !!

बहुत ही सुन्दर रोमांटिक शायरी है

जयंत - समर शेष said...

"तेरे संग बिताये हुए हसीन लम्हों का,
तेरे बेपनाह मोहब्बत का,
तेरे होठों के मीठे चुम्बन का,
मेरे रोम रोम में तेरा ही नशा छाया है,"

Very very romantic..
I generally am not into this kind of poetry, but this is exceptional..

Regards,
~Jayant

M Verma said...

समर्पण की यह अदा बहुत अच्छी लगी
बधाई