Tuesday, May 26, 2009


काश आप समझते इस दिल की तड़प को,
तो यूँ हमें रुसवा किया होता,
आपकी ये बेरुखी भी मंज़ूर थी हमें,
बस एक बार हमें समझ तो लिया होता !

16 comments:

manu said...

गजब किया हुआ है बबली जी,
क्या कहा है ,,और क्या रंग बिखेरे हैं आपने,,,
जबरदस्त बोल्ड स्ट्रोक्स ,,,,,,,,

दिव्य नर्मदा divya narmada said...

आपकी बात मन को छू गयी.

निर्मला कपिला said...

babali ji ye samjhne smjhane ki bat ka hi to khel hai agar koi samajh le to itani badi bat kese kahi ja sakti hai achhi abhivyakti hai shubhkamnayen

satish kundan said...

काश आप समझते इस दिल की तड़प को,
तो यूँ न हमें रुसवा किया होता,
आपकी ये बेरुखी भी मंज़ूर थी हमें,
बस एक बार हमें समझ तो लिया होता !
......बबली जी आपकी हर रचना दिल को छूती है!!!!!

ARUNA said...

babli mein to samajh gayi tumhe achi tarah!!!!

जयंत - समर शेष said...

Waaaaaaaaaaaaaah.

Sajal Ehsaas said...

ye saari paintings aapki hai??..kamaal ki hai sach much :)

aur fir usko kavitamayee shabd bhi dena...waah

www.pyasasajal.blogspot.com

sujata sengupta said...

Very very good Urmi. Perfectly rhyming and makes perfect sense as well.

दिगम्बर नासवा said...

गज़ब का लिखा है बबली जी...........उनकी बेरुखी भी मंजूर थी.......बेहतरीन ख्याल है

मोहन वशिष्‍ठ said...

काश आप समझते इस दिल की तड़प को,
तो यूँ न हमें रुसवा किया होता,
आपकी ये बेरुखी भी मंज़ूर थी हमें,
बस एक बार हमें समझ तो लिया होता !

उर्मी जी क्‍या लिखते हो यार आप बोलती बंद कर देते हो सभी की शब्‍द ही खत्‍म हो जाते हैं आपकी रचना को पढकर बेहतरीन रचना ढेरों बधाईयां

Science Bloggers Association said...

अनुभूति को बहुत ही सरल ढंग से बयां किया है।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

daanish said...

bahut hi achhe khyalaat....
aur bahut bahut achhi paintings...
a nice blend.
congrats !!

---MUFLIS---

अनिल कान्त said...

dil ko chhoo lene wali panktiyaan

अजय कुमार झा said...

tu jahar hee de deti ,
jaam ke naam par...
main mare se pehle...
ik baar to bahak liya hota...

babli jee, is duniyaa mein yun to bahut se log honge jo aise hunar mein maahir honge magar main jin chand logon ko jaantaa hoon aap unmein se ek hain....beech mein anupasthit raha ...ummeed hai mitra samajh kar kshama kar dengee...

likhtee rahein......

RAJ SINH said...

मुश्किल है बहुत दिल की कोयी बात जान ले .
इस खेल मे ना जीत है ना मात जान ले .
गर दिल की सुन सके कोयी धडकन समझ सके
ख्वाबों की उसे छोटी सी सौगात जान ले .

shyam gupta said...

झांक लेते तुम जो इन भीगे द्रगों में,
जान जाते पीर मन की प्यार मन का।