Wednesday, May 27, 2009


कैसे कहूँ ये दिल तुझपे फ़िदा है,
पास होकर भी तू मुझसे जुदा है,
बिन तेरे अब एक पल भी गुज़रे,
इन आँखों से तेरे इश्क का नशा उतरे!

25 comments:

satish kundan said...

वाह...क्या बात है!!आपकी हर रचना मुझे पसंद है

sujata sengupta said...

Wah!! Wah!! beautiful lines!!

ARUNA said...

wah Babli bahut sundar shaayari hai...ekdum pataaka! Aur haan mere pichle comment ka matlab tha ki mein achi tarah samajh gayi hoon ki tum shabdon pe jaadoo karke unhe ek sundar shaayari ka roop de sakti ho!!

Saiyed Faiz Hasnain said...

यादे कभी भी नही भूली जाती है ...अच्छी लगी आपकी ये शायरी ....

प्रीतीश बारहठ said...

आपके ब्लॉग अच्छे हैं, चित्र संयोजन बहुत खूबसूरत है।

दिगम्बर नासवा said...

वाह..........प्रेम की सत्य अभिव्यक्ति है .........बहूत ही खूब लिखा है, चित्र तो और भी लाजवाब है

jamos jhalla said...

dard hi jiski dawaa hai
woh ishq ISHQ hai ishq.

दिव्य नर्मदा divya narmada said...

dil dil pe aa gaya,

hai ye ahsas hi kafee.

jb gairiyat ho, kahen tabhee

sorry ya mafee.

ankon ne ankhon ko diya

chupchap ye paigam.

chal sabse aankh bacha ke

mil piyenge coffee.

ताऊ रामपुरिया said...

बेहद खूबसूरती से अभिव्यक्त किये गये जज्बात. बहुत शुभकामनाएं.

रामराम.

Yogesh Verma Swapn said...

sunder abhivyakti.

अमिताभ श्रीवास्तव said...

achha he/
prem ki saral abhivyakti he/

Anonymous said...

थोड़े शब्दों में गहरी अभिव्यक्ति....

साभार
हमसफ़र यादों का.......

RAJ SINH said...

तू पास भी है तू है भी जुदा
कैसे कह दूं दिल तुझ्पे फ़िदा
पल छिन भी ना गुजरें तेरे बिना
नज़रों मे नशा तेरा इश्क खुदा

Unknown said...

aapki shayri liye....ek sher achha lage to blog par comment chahunga....
जिन्दगी की उड़न से बहार , हम हुए आसमान से बहार, वो जिन्दा है देखते है जो, जिन्दगी को जान से बाहर, पूछकर दाम खिलोने के, हम निकल आये दुकान से बाहर !

jai ho mangalmay ho

अलीम आज़मी said...

aapke sher kafi romantic ...aur saadgi se bharpoor bota hai ....jo bhi padhe aapka....fan ho jaaye ....likhte rahiye....
apka
dost
Aleem Azmi

Arvind Gaurav said...

very romantic.....

Harshvardhan said...

bahut sundar gajak lagi.. bas aap niyamit lekhan karte rahiye

अभिषेक मिश्र said...

क्या बात है!लाजवाब.

●๋• सैयद | Syed ●๋• said...

बेहद खूबसूरत !

Anil Sawan said...

wah wah! kya bath hein. aapka tho jawab nahi yar. beautiful!

Sajal Ehsaas said...

pic bhi achhi hai,lines bhi...bas ye samajh nai aaya ki in panktiyo pe ye tasveer kaise suit karti hai...ek utsukta hai,anyathaa na le :)

sanjiv gautam said...

बहुत बढिया बबली जी. ये इश्क है ही ऐसा कि लगाए न लगे और मिटाये न मिटे.

वहां सब ठीक तो है? यहां अच्छी खबरें नहीं आ रही हैं. असल में है क्या?

"MIRACLE" said...

aapki shayri ka jabab nahi.pyar ke liye sirf itna hi kaha ja sakt hai.
"hum to do bol keh kar hare hai.hum tumhare hai,tum hamare ho.

मोहन वशिष्‍ठ said...

कैसे कहूँ ये दिल तुझपे फ़िदा है,
पास होकर भी तू मुझसे जुदा है,
बिन तेरे अब एक पल भी न गुज़रे,
इन आँखों से तेरे इश्क का नशा न उतरे!

बहुत खूब उर्मी जी बेहतरीन keep it up

~PakKaramu~ said...

Pak Karamu raeding your blog