Friday, June 19, 2009


क्या सोचा था और क्या हो गया,
जिसे चाहा था वही अन्जान हो गया,
उमर भर साथ निभाने का वादा किया,
पर एक पल में ही सब टूटकर बिखर गया,
मंजिलें तो मिली बहुत सी, पर उनका निशान खो गया !

32 comments:

ARUNA said...

अद्भुत रचना बबली.......और चित्र तो एकदम mind-blowing है!!!!

राज भाटिय़ा said...

सोचा कभी पुरा हो जाये ?? तो बात ही क्या है.
बहुत ही सुंदर लेकिन गहरे भाव लिये है आप की कविता.

मुझे शिकायत है
पराया देश
छोटी छोटी बातें
नन्हे मुन्हे

प्रकाश पाखी said...

मंजिलें तो मिली बहुत सी, पर उनका निशान खो गया !
बेहद सुन्दर भाव है...!

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत गहरी बात कह दी आज तो. शुभकामनाएं.

रामराम.

M VERMA said...

मंजिल तो मिली पर निशान --- बहुत खूब चित्र लाज़वाब

शोभना चौरे said...

जिसे चाहा था वही अन्जान हो गया,
kyabat khi hai?bhut khoob.

isi bat par ak sher
dosto ye jmana kya ho gya
jise chaha vhi bevfa ho gya .
shobhana

Yogesh Verma Swapn said...

sunder abhivyakti.

अमिताभ श्रीवास्तव said...

अगर यह आपने बनाया चित्र है तो वाकई लाज़वाब है.
शेर हर बार की तरह उम्दा.
...मंजिलें तो मिली बहुत सी, पर उनका निशान खो गया !"
यादे गर बनी हुई है तो वे भी एकतरह से निशानी का काम करती है../

cartoonist anurag said...

bahut hi achhi rachana hai babli ji.........
aage bhi aap esi hi umda
rachnayen padati rahen....

Saiyed Faiz Hasnain said...

आपने उन लोगो को राह दिखने का काम किया है,जो लोग अपने लक्ष्य से भटक जाते है ,और अपने जीवन में कोई काम नही कर पाते । लकिन यह भी सत्य है की हर सोच पूरी नही होती ....अगर पूरी हो जाए तो बात ही क्या । अच्छी लगी आप की यह रचना ......

Neeraj Kumar said...

सुन्दर...अतिसुन्दर...
पंक्तियाँ क्या चित्र भी लुभावन हैं हमेशा की तरह...

Murari Pareek said...

उमर भर साथ निभाने का वादा किया,
पर एक पल में ही सब टूटकर बिखर गया,
मन्ना डे का गाना खूब जमेगा यहाँ "कश्मे वादे प्यार वफ़ा सब बातें हैं बातों का क्या!!!

अलीम आज़मी said...

bahut umda urmi ji.....likhte rahiye

दिगम्बर नासवा said...

लाजवाब चित्र के साथ दिल को छूते शब्द............ क्या से क्या हो गया......बहुत खूब

अभिन्न said...

उमर भर साथ निभाने का वादा किया,
पर एक पल में ही सब टूटकर बिखर गया,
.....बहुत ही सुन्दर रचना .काफी दिनों बाद आना हुआ मुआफी चाहता हूँ दरअसल ब्लॉग से कटा हुआ था ....आपकी रचनाओं को बहुत पसंद करता हूँ

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar said...

मंजिलें तो मिली बहुत सी,
पर उनका निशान खो गया !
बबली जी ,
बहुत ऊंची बात लिख दी आपने.
हेमंत कुमार

IMAGE PHOTOGRAPHY said...

आज रिश्ते निभना बहुत ही कटिन है,
रिश्तो का भाव मन की गहरायी तक उतर गया

अमिताभ भूषण"अनहद" said...

मंजिलें तो मिली बहुत सी, पर उनका निशान खो गया
क्या बात है ,लाजबाब ,बहुत खूब

jamos jhalla said...

guruvaani ke anusaar sochne se kuch nahi hotaa.iske alaawaa kahaa bhee gayaa hai ki maangne se jo mout mil jaatee to kaun jeetaa is jamaane mai.
jalli kalam se
jhalli gallan
angrezivichar

Mumukshh Ki Rachanain said...

निशान तो खोते ही रहे हैं, किस्मत से निशान मिल जाये तो लोग उसे मंदिर का नाम भी तो दे देते हैं. वैसे भी मंदिर बहुत से हैं और कितने .....................शायद इसी लिए ही तो ...............

चन्द्र मोहन गुप्त

ओम आर्य said...

manjile to mili bahut par uasaka nishan kho gaya.......dil ko chhoo gayi .........sundar

दर्पण साह said...

painting acchi hain !! bahut acchi !!!
however, no comments bout poem !!

Ram Shiv Murti Yadav said...

आपकी अद्भुत सृजनशीलता का कायल हूँ....वाकई आपकी रचना तमाम रंग बिखेरती है...साधुवाद.***
"यदुकुल" पर आपका स्वागत है....

satish kundan said...

किसी के न मिलने का दर्द बयां करती है आपकी रचना मुझे बहुत पसंद आई..

Sharad said...

badiya hai sher-o-shayri aapki. aur oopar se sundar chitra char-chaand laga rahe hain. :)

मुकेश कुमार तिवारी said...

चाहना / पाना / खोना / पाना / बिछुडना और फिर मिलन की आस पालना ही जीवन का चक्र है। पूरा चक्र समेटे हुये है।

सादर,

मुकेश कुमार तिवारी

Preetilata【ツ】 said...

so much of depth in it. lovely. :)

!!अक्षय-मन!! said...

hamesha ki tarhaan dil ko chute ehsaas...
aur ye sundar shabd bahut hi accha likha hai........

Prem Farukhabadi said...

पर एक पल में ही सब टूटकर बिखर गया,
मंजिलें तो मिली बहुत सी, पर उनका निशान खो गया !

bahut sundar bhav

Harshvardhan said...

bahut khoob .............

manu said...

बहुत सुंदर लिखा है बबली जी,,
और चित्र तो कमाल का है,,

अभिन्न said...

मंजिले अपनी जगह है रस्ते अपनी जगह
.......
bahutpyari rachna hai