गम ने हँसने न दिया,
ज़माने ने रोने न दिया,
इस उलझन ने हमें जीने न दिया,
थक के जब सितारों से पनाह ली,
नींद आई तो तेरी याद ने सोने न दिया !
ज़माने ने रोने न दिया,
इस उलझन ने हमें जीने न दिया,
थक के जब सितारों से पनाह ली,
नींद आई तो तेरी याद ने सोने न दिया !
34 comments:
aakhir neend aayee kaise...?
wah babli kya jadoo hai in shabdon mein!!
Wah...
बबली जी, बहुत खूब. कुछ इससे मिलता जुलता है:-
जख्म ऐसा हुआ फूलों पे सोया न गया!!
जिंदगी ख़ाक हो गयी ! आँख से रोया न गया!!
bahut sundar ...... sabd bahut achche hai .....
Wow!! what beautiful lines!!
थक के जब सितारों से पनाह ली,
नींद आई तो तेरी याद ने सोने न दिया !
वाह.....लाजवाब शेर, सचमुच ऐसा होता है......... नींद तो आती है पर कुछ यादें सोने नहीं देती .........
वाह वाह क्या बात है कम शव्दो मै इतनी गहरी बात.बहुत सुंदर कविता
क्या खूबसूरत अंदाज मे अभिव्यक्त किया है. बहुत सुंदर.
रामराम.
IS KAVITA NE ABHI KUCH BHI PADNE NA DIYA........
BAHUT HI BEHTAREEN RACHNA HAI BABLI JI AAPKI...
BADHAI...
wah........
bahut khub!
PYAAR ME NIND KI PARWAAH HOTI HAI KYA....BAHUT HI SUNDAR RACHANA
ham par bhi khumari chha gayi aapke es rachna ka....aaj to hame bhi nind nahi aayegi
achha likhaa he/
ye zabardast hai ji........
kamal ke shabd hain lagta hai aap shabdon ki jadugarni hain.....
bahut hi sundar aur satik shayeri........
बहुत सुन्दर भावः शब्द और कविता
लाजवाब शायरी
लाजवाब चित्रकारी
सुन्दरम्।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
बबली जी सबसे पहले धन्यवाद मुझे अनुसरण करने के लिये ।
गम का एहसास बहुत ही सन्जीदा होता है, गम मे हसना और रोना दोनो भुल जाते है
नींद आई तो तेरी याद ने सोने न दिया...गुर की तरह मीठी है आपकी रचना...मैंने एक नयी पोस्ट डाली है आपका स्वागत है...
वाह बहुत ही ख़ूबसूरत अन्दाज़
उम्दा......
साभार
हमसफ़र यादों का.......
How do you come up with such beautiful lines.....interesting and impressive.
Babli
I am spell bound. Kintu Kichhu Bangla Kabita Please. Besides I say once again Je eto bahlo kabita lekhe Se Aaro bhalo Raandhe.
Keno je ekhno dariye aachhi
Ghum nei Ghum nei
Sesh train Chole gechhe
Smiritir signal post e
Sudhui allo jale
Naki Rater Jonaki Jale.
My gift to you.
Pahli baar aapke blog par aaya. Achi rachnaayen.
गम ने हँसने न दिया,
ज़माने ने रोने न दिया,
इस उलझन ने हमें जीने न दिया,
थक के जब सितारों से पनाह ली,
नींद आई तो तेरी याद ने सोने न दिया !
kya "banti" ki yaad ne sone nahi diya.. ha... ha... bura na manna.. joke tha... bahut khoobsurat shabd hain...
थक के जब सितारों से पनाह ली,
नींद आई तो तेरी याद ने सोने न दिया !
kya baat hai Babli ji . aapki khasiyat aapki rachna mein jhalak rahi hai.badhai sundar bhavon ke liye.apne is roop ko banaye rakhen.
ज़माने ने रोने न दिया,
इस उलझन ने हमें जीने न दिया,..
क्या खूब लिखा है आपनें .
kya kahne aapke.....
गम ( bublegum) अगर होगा मुंह में
तो क्या खाक हंसोंगे ?
ज़माने (to freez) से अश्क भी
जम जाते है आंख में
.........किसी की याद जब सोने न दे
तो एक ही इलाज नींद की गोलियां ओर चैन से सो जाओ
हां हा
काफी दिनों बाद आया हूँ आपके ब्लॉग पर,,,
काफी कुछ बना डाला हिया आपने,,,
कमाल का चित्र,,शायद पेन का काम hai
niind ka to pata nahi....
painting ne baNdh liya
niind ka to pata nahi....
painting ne baNdh liya
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