Tuesday, June 16, 2009


गम ने हँसने दिया,
ज़माने ने रोने दिया,
इस उलझन ने हमें जीने दिया,
थक के जब सितारों से पनाह ली,
नींद आई तो तेरी याद ने सोने दिया !


34 comments:

admin said...

aakhir neend aayee kaise...?

ARUNA said...

wah babli kya jadoo hai in shabdon mein!!

Neeraj Kumar said...

Wah...

Murari Pareek said...

बबली जी, बहुत खूब. कुछ इससे मिलता जुलता है:-
जख्म ऐसा हुआ फूलों पे सोया न गया!!
जिंदगी ख़ाक हो गयी ! आँख से रोया न गया!!

Harshvardhan said...

bahut sundar ...... sabd bahut achche hai .....

sujata sengupta said...

Wow!! what beautiful lines!!

दिगम्बर नासवा said...

थक के जब सितारों से पनाह ली,
नींद आई तो तेरी याद ने सोने न दिया !

वाह.....लाजवाब शेर, सचमुच ऐसा होता है......... नींद तो आती है पर कुछ यादें सोने नहीं देती .........

राज भाटिय़ा said...

वाह वाह क्या बात है कम शव्दो मै इतनी गहरी बात.बहुत सुंदर कविता

ताऊ रामपुरिया said...

क्या खूबसूरत अंदाज मे अभिव्यक्त किया है. बहुत सुंदर.

रामराम.

cartoonist anurag said...

IS KAVITA NE ABHI KUCH BHI PADNE NA DIYA........
BAHUT HI BEHTAREEN RACHNA HAI BABLI JI AAPKI...
BADHAI...

Yogesh Verma Swapn said...

wah........

Raghav said...

bahut khub!

ओम आर्य said...

PYAAR ME NIND KI PARWAAH HOTI HAI KYA....BAHUT HI SUNDAR RACHANA

Arvind Kumar said...

ham par bhi khumari chha gayi aapke es rachna ka....aaj to hame bhi nind nahi aayegi

अमिताभ श्रीवास्तव said...

achha likhaa he/

!!अक्षय-मन!! said...

ye zabardast hai ji........
kamal ke shabd hain lagta hai aap shabdon ki jadugarni hain.....
bahut hi sundar aur satik shayeri........

प्रकाश पाखी said...

बहुत सुन्दर भावः शब्द और कविता

M Verma said...

लाजवाब शायरी
लाजवाब चित्रकारी

श्यामल सुमन said...

सुन्दरम्।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

IMAGE PHOTOGRAPHY said...

बबली जी सबसे पहले धन्यवाद मुझे अनुसरण करने के लिये ।

गम का एहसास बहुत ही सन्जीदा होता है, गम मे हसना और रोना दोनो भुल जाते है

satish kundan said...

नींद आई तो तेरी याद ने सोने न दिया...गुर की तरह मीठी है आपकी रचना...मैंने एक नयी पोस्ट डाली है आपका स्वागत है...

Vinay said...

वाह बहुत ही ख़ूबसूरत अन्दाज़

Anonymous said...

उम्दा......

साभार
हमसफ़र यादों का.......

Kavita Saharia said...

How do you come up with such beautiful lines.....interesting and impressive.

pradipwritenow said...

Babli
I am spell bound. Kintu Kichhu Bangla Kabita Please. Besides I say once again Je eto bahlo kabita lekhe Se Aaro bhalo Raandhe.
Keno je ekhno dariye aachhi
Ghum nei Ghum nei
Sesh train Chole gechhe
Smiritir signal post e
Sudhui allo jale
Naki Rater Jonaki Jale.
My gift to you.

ss said...

Pahli baar aapke blog par aaya. Achi rachnaayen.

sandeep sharma said...

गम ने हँसने न दिया,
ज़माने ने रोने न दिया,
इस उलझन ने हमें जीने न दिया,
थक के जब सितारों से पनाह ली,
नींद आई तो तेरी याद ने सोने न दिया !


kya "banti" ki yaad ne sone nahi diya.. ha... ha... bura na manna.. joke tha... bahut khoobsurat shabd hain...

Prem Farukhabadi said...

थक के जब सितारों से पनाह ली,
नींद आई तो तेरी याद ने सोने न दिया !

kya baat hai Babli ji . aapki khasiyat aapki rachna mein jhalak rahi hai.badhai sundar bhavon ke liye.apne is roop ko banaye rakhen.

डॉ. मनोज मिश्र said...

ज़माने ने रोने न दिया,
इस उलझन ने हमें जीने न दिया,..
क्या खूब लिखा है आपनें .

अलीम आज़मी said...

kya kahne aapke.....

अभिन्न said...

गम ( bublegum) अगर होगा मुंह में
तो क्या खाक हंसोंगे ?
ज़माने (to freez) से अश्क भी
जम जाते है आंख में
.........किसी की याद जब सोने न दे
तो एक ही इलाज नींद की गोलियां ओर चैन से सो जाओ
हां हा

manu said...

काफी दिनों बाद आया हूँ आपके ब्लॉग पर,,,
काफी कुछ बना डाला हिया आपने,,,
कमाल का चित्र,,शायद पेन का काम hai

निर्झर'नीर said...

niind ka to pata nahi....

painting ne baNdh liya

निर्झर'नीर said...

niind ka to pata nahi....

painting ne baNdh liya