Sunday, June 14, 2009


दिल ने दिल को पुकारा है,
होठों पर नाम तुम्हारा आया है,
दिल की चाहत ने पुकारा है,
आंखों के सामने चेहरा तुम्हारा आया है,
मुझे मालूम है के तुम ज़रूर आओगे,
बार बार ये ख्याल मन में आया है !

25 comments:

M Verma said...

बबली जी
आप अपनी खूबसूरत रचना के लिये इतने सटीक चित्र कहा से लाती है. बहुत सुन्दर रचना.

M Verma said...

गलती से दो बार पोस्ट हो गया अत: तीसरी बार मुखातिब हू – कृपया उचित समझे तो कमेंट के लिये फुल पेज़ का आप्शन चुने.

ARUNA said...

Babli tum itni achi chitrakaar ho.....tumhaare chitr kaafi hain dil ko lubhaane ke liye!!!

sweet gabru said...

babli ji very cute! Keep it.
ऐसे ही महकाते रहे !

अजय कुमार झा said...

वो आयेंगे आज चुपके से..
हवाओं ने बतलाया है...
हवाएं झूठ नहीं कहती..,
मन को भी समझाया है
हवाओं के लिए ,खिड़कियों से,
परदों को हटवाया है....

बबली जी आपको पढना किसे अच्छा नहीं लगेगा...मुझे भी लगा..इसमें कौन सी नई बात है..

Murari Pareek said...

वाह बबली जी लगता है कलाकारी कूट कूट के भरी हुई है!!!!

!!अक्षय-मन!! said...

आपकी ये रचना भी अच्छी लगी.......
लेकिन आज थोडी कमी-कमी सी लगी. न जाने क्यूँ..

अक्षय-मन

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत खूबसूरत भाव. शुभकामनाएं.

रामराम.

Neeraj Kumar said...

Sorry Ma'am,
Wo to is gaane men Aamir ajeeb-ajeeb jumle chhod rahe the...Ek hi achchha she'r tha isliye yaad rah gaya... waise bhi main TV bahut jyada dekhta hun...Bura laga ho to maaf karengi...

Aapke Blog par roz isleyi aata hun kyonki chhote-chote She'r aur Chitrmilkar behtarin parabhav dalte hain hriday pe...

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर लगी आप की गजल, ओर गजल के साथ यह चित्र,बबली जी, यह नाम मुझे बहुत प्यारा है, क्योकि बचपन मे मुझे भी इसी नाम से पुकारा जाता था,

Arvind Gaurav said...

bahut achhi rachna.....hamesha ki tarah

ओम आर्य said...

आप जो भी लिखती है वह प्यार से भरा होता है...

दिगम्बर नासवा said...

लाजवाब लिखा है.. shabon को khoobsoorti से baandhaa है.........itnaa ही kahoonga..........aameen........... आपका khyaal pooraa हो..........

satish kundan said...

मुझे मालूम है के तुम ज़रूर आओगे,
बार बार ये ख्याल मन में आया है !......सच में जिसे हम दिल से चाहते हों वो आये या न आये पर उसका रास्ता ताउम्र तकते हैं..हैं की नहीं बबली जी???????????

Preetilata【ツ】 said...

nice one it was. pyara sa anubhav de gayi. :)

Kavita Saharia said...

YOU have an amazing blog....shayaris are great and the paintings add lots of character to them....thanks for your support.from now on you are my source of everyday interesting shayaris.

अमिताभ श्रीवास्तव said...

जब ख्याल मज़्बूत होता हे तो भगवान भी मिल जाता हे, मीत किस खेत कि मूली हे/
अच्छी लगती हे आपकी चार पंक्तिया/
चित्र भी लाज्वाब हे/ बधाई //

sujata sengupta said...

eita aage ekbar post korechili ki? very beautiful indeed!!

vijay kumar sappatti said...

mam,

aap itne kam shabdo me itna jyaada kaise express kar lete hai ji .. i am amazed ...

is sajiv chitran ke liye aapko badhai ..

vijay
pls read my new sufi poem :
http://poemsofvijay.blogspot.com/2009/06/blog-post.html

kishore said...

आह .... आप तो सीधे दिल तक पहुंचती है, बस मर जाने को जी चाहता है आपके शेर सुन के... आपकी तरह शेर भी दिचास्प होते हैं.. बस लिखती रहिये और जान लेती रहिये आह आह

लोकेन्द्र विक्रम सिंह said...

प्यारी रचना के साथ ख़ूबसूरत चित्र वाह बहुत खूब........

RAJNISH PARIHAR said...

विरह अग्नि में जलने पर ऐसा ही अहसास होता है,रह रह कर प्रियतम की याद सताती है...पर करें भी तो क्या ..ये दूरी मिलने कहाँ देती है..!बहुत ही अच्छी रचना...

Akanksha Yadav said...

सुन्दर भावों की अभिव्यक्ति से भरी नज्म ...बधाई.
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मेरे ब्लॉग "शब्द-शिखर" पर भी एक नजर डालें तथा पढें 'ईव-टीजिंग और ड्रेस कोड'' एवं अपनी राय दें.

Anonymous said...

बहुत बेहतरीन रचना...

manu said...

आंखों के सामने चेहरा तुम्हारा आया है,
मुझे मालूम है के तुम ज़रूर आओगे,
कमाल कहा है जी,,,