Wednesday, June 24, 2009


तेरे इश्क का खुमार है
मेरी आंखों में,
मस्ती सा सुरूर है तेरी यादों में,
सुकून है इतना तेरी बाहों में,
ऐसा लगे खोयी रहूँ तेरी यादों में,
मेरे कतरे कतरे में बसी है तेरे इश्क की महक,
ले ले मुझे अपनी आगोश में कहीं जाऊँ न बहक !



46 comments:

admin said...

tere milne se achchha sa lage hai
jab bhee miloon kuchh naya sa lage hai

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar said...

मेरे कतरे कतरे में बसी है तेरे इश्क की महक,
ले ले मुझे अपनी आगोश में कहीं जाऊँ न बहक !

खूबसूरत----अभिव्यक्ति।

IMAGE PHOTOGRAPHY said...

कोई किसी से इतना प्यार कैसे कर सकता हु
इक बात और कहना चाहुगा आप फोटो बहुत ही खुबसुरत है जिसकी तारीफ जितनी की जाय कम है

ताऊ रामपुरिया said...

वाह..बहुत लाजवाब अभिव्यक्ति.

रामराम.

BrijmohanShrivastava said...

आँखों में खुमार ,मस्ती सा सरूर ;कतरे कतरे में तेरे इश्क की महक बसना . अच्छे शब्दों का चयन

cartoonist anurag said...

bahut khoob.....
chitra bhi bahut shandar lagaya hai....
main bhi daily aapki rachnayen padta hun......

satish kundan said...

मेरे कतरे कतरे में बसी है तेरे इश्क की महक,
ले ले मुझे अपनी आगोश में कहीं जाऊँ न बहक ...आह...कितना कोमल भावना...अपने प्रियतम के लिए

Kavita Saharia said...

ISHQ KARNA TO KOI AAP SE SEKHE.....you write with so much passion that it clearly shows in your writing....today's post is little more special...lovely.

Neeraj Kumar said...

उर्मी जी,
आपका हर शे'र दिल से बतियाता है...
आँखों को चौंधियाता है...

sujata sengupta said...

lovely !! beautiful painting..this is nice all happy and cheerful love poetry.Great one Urmi!!

राज भाटिय़ा said...

मेरे कतरे कतरे में बसी है तेरे इश्क की महक,
ले ले मुझे अपनी आगोश में कहीं जाऊँ न बहक !
इसे कहते है समपुरण आत्मसमर्पन प्रेम मै.
बहुत सुंदर.
धन्यवाद

NR said...

Zindagi ki rah man ho jaaon na bahak!!


lol...nice i liked it....strange even i came up with a line...lol m surprised!!!

admin said...

लाजवाब करती है आपकी कविता।

-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

अलीम आज़मी said...

waah urmi ji kya kahne aapke

प्रदीप मानोरिया said...

बहुत सुन्दर शानदार रचना
बधाई

ARUNA said...

Wow Babli, that painting is mind-blowing yaar. And i need not tell about ur poem anyways......u make me speechless always!

Bahut hi sundar aur shaandaar humeshaa ki tarah!

नीरज गोस्वामी said...

Jitne sundar bhav utne hi sundar chitr ke saath aapne ise pesh kiya hai...aap ki kalakaari ka main bahut bada prashanshak hoon...aap ne sundarta ko parakhne ki adbhut shakti hai...likhti rahen
neeraj

mark rai said...

bahut hi achchhi shaayeri...painting to lajabaab hai...

RAJNISH PARIHAR said...

जी ये प्यार का नशा या जादू है जो सर चढ़ कर बोल रहा है....!बस कुछ और दिखाई नहीं देता...

दिगम्बर नासवा said...

उनकी बाहों में जाकर बहकना तो है ही............ बहुत खूब लिखा है ............

Murari Pareek said...

bahut pyaari rachanaa hai ji

Yogesh Verma Swapn said...

khubsurat khayalaat.

प्रकाश पाखी said...

यादों का सुरूर इश्क की खुमारी है.
बाँहों के सुकून में जिन्दगी गुजारी है,
हर कतरे में न मिले तो महकना कैसा
ईश्क में होश गुम हो तो बहकाना कैसा.

पाखी

Anonymous said...

आपके गुलदस्ता-ए-शायरी के सारे फूल नायाब है...

M VERMA said...

इतनी सुन्दर अभिव्यक्ति तूलिका और लेखनी दोनों से बहुत खूब

manu said...

कमाल की रचना...
वाह बबली जी वाह,,

पूनम श्रीवास्तव said...

Babli ji ,
bahut badhiyaa dhang se aapne manobhavon ko likhaa hai.Kya chitr bhii apke dvara banaye gaye hain?
shubhkamnayen.
Poonam

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' said...

अपने प्रेमी की बाहों में कौन नही खोना चाहेगा....
रचना बहुत अच्छी लगी....बहुत बहुत बधाई....

rajesh singh kshatri said...

ले ले मुझे अपनी आगोश में कहीं जाऊँ न बहक ...
bahut khub

saiyed faiz hasnain said...

yaade yaad aati hai baate bhool jaati hai .......

sundar post . likhti rahiye

अमिताभ श्रीवास्तव said...

yado me jab masti shumaar ho jaaye to jindgi guljaar ho jaati he, bahut achha likha he/aour ye bhi ki mere katre katre me basi he tere ishq ki mahak.....//aagosh me aakar bahkne se bachaa jaa sakta he, sach kaha.///baaho me sukoon, aour fir yaado me khona...//ye bhi ek kism ki yaad hogi, kalpana hogi..kyuki ynha dono pankti me virodhabhaas he, kher..ye sab tab chalta he jab aap sirf bhavana ke sang likh rahe ho, yaani ,bahut achha likha he aapne/

KK Yadav said...

आपका ब्लॉग नित नई पोस्ट/ रचनाओं से सुवासित हो रहा है ..बधाई !!
__________________________________
आयें मेरे "शब्द सृजन की ओर" भी और कुछ कहें भी....

ओम आर्य said...

aapki abhiwyakti me ek aisi khumari chha jaatee hai ki ......man aapne bite palo ke sath bin piye bahak jaata hai.......

Unknown said...

Wonderful choice of words...

to get it right is an art....


and you have the ability to move mountains....absolutely loved it!!!!

Keep writing...

Raj

Akshitaa (Pakhi) said...

Aunty! Ap bachhon ke liye bhi kuchh likhti hain..

cartoonist anurag said...

:EK NAYA VIGYAPN:
daily tazgee ke liye babli ji ko padiye....
aap naya liken na liken main phir bhi aapki rachna padkar tarotaza ho jata hun........

प्रकाश गोविंद said...

बेहतरीन अभिव्यक्ति और नयनाभिराम चित्र

बहुत खूब

आज की आवाज

shyam gupta said...

बहुत खूब--
"" दिखा के हमें रौशनी का मन्ज़र,
कितने अन्धेरों की राह दिखादी तुमने।
डूब ही जायेंगे इस समंदर में अब,
हाथ को हाथ जो न दिया तुमने ।""

Prem Farukhabadi said...

मेरे
कतरे
कतरे
में
बसी
है
तेरे
इश्क
की
महक,
ले
ले
मुझे
अपनी
आगोश
में
कहीं
जाऊँ

बहक !
jab rachna itni kamaal ki to jaane rachna karne vaala kitna kamaal ka hoga.dil se badhai!

!!अक्षय-मन!! said...

bahut hi accha likha hai gehre bhav...wakai main shabdon main jaan bhar di...

Manoshi Chatterjee मानोशी चटर्जी said...

आप बहुत अच्छी पेंटिंग करती हैं। नई बात नहीं कही होगी मैंने पर मेरी बधाई स्वीकारें।

Anonymous said...

तूमि बाँगाली जनताम ना। एतो भालो हिन्दी शीखले किकोरे?

मानोशी (मानसी)

email me at cmanoshi at gmail dot com

Murari Pareek said...

aapke blog par Yo FM sun kar achha lagaa ab to sunata hi rahungaa!!

मोहन वशिष्‍ठ said...

तेरे इश्क का खुमार है मेरी आंखों में,
मस्ती सा सुरूर है तेरी यादों में,
सुकून है इतना तेरी बाहों में,
ऐसा लगे खोयी रहूँ तेरी यादों में,

वाह जी मजा आ गया

Mumukshh Ki Rachanain said...

रचना और कला का अद्भुत संयोजन, किसे ज्यादा महत्त्व दूं , समझ से बाहर.

कुल मिला कर दोनों ही क्षेत्र आपके शुक्रगुजार.

चन्द्र मोहन गुप्त

Subhash Ujjwal said...

Jay hind,
aap ka blog or aap ki kritiyan bahut sunder lagi deeptsav ki aseem subhkamnayen..