कभी कभी ऐसी आद्ते हो जाती है .........बहुत ही सुन्दर भाव सीधे दिल निकली हुई...............जहाँ सिर्फ प्यार की पुकार है................खुब्सूरत एहसास........अमोल
तुम आ जाओ अब वापस ये गुज़ारिश है मेरी, शायद मुझे तुम्हारी आदत सी हो गई है....किन शब्दों में आपकी प्रशंशा करूँ समझ में नहीं आता.......बहुत खुबसूरत पंक्तियाँ!!!!!!!!!
I am a very cheerful, friendly and fun loving girl and have a great passion for travelling as I love to explore new places, love cooking, reading books, writing Hindi poems and English articles by which I am able to express my thoughts and feelings.
38 comments:
Very poignant. I love your short four line poetry.
wah wah in char panktiyon ne jaise jaadu kar diya.....adbhut shaayari hai!!
बहुत सुन्दर, बबली जी !!आप की पंक्तियाँ और आपका स्केच , और आप भी !!!
बबली जी।
कम शब्दों में
बहुत ऊँची बात कह देना
आपकी विषेशता है।
बेहतरीन शेर के लिए बधाई।
वाह ..लाजवाब.
रामराम.
कभी कभी ऐसी आद्ते हो जाती है .........बहुत ही सुन्दर भाव सीधे दिल निकली हुई...............जहाँ सिर्फ प्यार की पुकार है................खुब्सूरत एहसास........अमोल
शायद मुझे तुम्हारी kavitaon ki आदत सी हो गई है.....
babli ji bahut hi shandardar rachna hai....badhai...
aapki kalam yun hi sunder rachnayen karti rahe....
हमेशा की तरह शानदार।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
हमेशा की तरह , मनभावन ,
Gam-e-haal is dil ka na puchhiye
ki aadaton se teri
mera dam nikalta hai
vo kahenge bahut khoob
par aankhon men jab dekhiye
shabnam nikalta hai
ये aadat भी क्या bakaa है............. एक बार लग जाए तो choot ti नहीं है............ lajawaab sher हैं आपके
wah ji bahut sunder very nice plz keep it up
Again such beautiful lines! I really admire you for writing so beautifully and that too almost everyday!!
aap sachmuch laajawaab hai. bahut achchha likha. badhai.
tum aa jaao wapas ..abhi mujhe tumhaari aadat si ho gayi hai....wakai laajbaab likha hai...aur painting to use saarthak banaati hai......
तुम आ जाओ अब वापस ये गुज़ारिश है मेरी,
शायद मुझे तुम्हारी आदत सी हो गई है!
बबली जी जबाब नही , बहुत सुंदर.
धन्यवाद
aadat to aap lagaa rahi he urmiji apne sh'ro se/ sh'ro ko padhhne ki/
achha likha he/ badhai/
zindagi jab tak saza na de maza nahi aati........
तुम आ जाओ अब वापस ये गुज़ारिश है मेरी,
शायद मुझे तुम्हारी आदत सी हो गई है....किन शब्दों में आपकी प्रशंशा करूँ समझ में नहीं आता.......बहुत खुबसूरत पंक्तियाँ!!!!!!!!!
you are blessed by MA SARASWATI ji
ye aadat bala hai buri tum kya jaano
hamen hai tumhari zururat,tumna maano
rachna achchi lagi.
शायद मुझे भी तुम्हारी आदत सी हो गयी है
यह कमेंट आपकी शायरी के लिये :
"शायद मुझे तुम्हारी आदत सी हो गई है!"
हर शब्द बोल रहे है. बोलने को बचा क्या है.
यह कमेंट आपके sketch के लिये :
एहसास की हर लाईन
it is very fine
very beautiful
सटीक एहसास का बोध करती हुई रचना ,बधाई .
bablee kya bat hai....
mere cartoon ajkal achhe nahi ban rahe kya...
aap milne hi nahi aa rahi hai....
aapke intzar main mera ek aour cartoon......
बबली जी,
खूबसूरत शेर लाजवाब भाव कि किसी हमदम का आदत हो जाना।
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
आप जो लिखती है वह वाकई दिल पे आ जाता है । इस वार का शैर भी उतना ही लाजबाब है । लगता है मानो अपने साथ सच ही घटित हो रहा हो । सुन्दर लिखती है शुक्रिया
आज गम था इतना सीने मे की
उसका गम भी भुल गया
पर यादे कम्बख्त न जीने देती है न मरने
Vakai sundar panktiyan.
Samay Boye jai
Jibon chai na ta
Pichhu Phire Chai
Jani abar phire ashbe na
Tobu jadi tumi Aasho
Jhara Smiritir patai
Shabder gaan tule.
तुम आ जाओ अब वापस ये गुज़ारिश है मेरी,
शायद मुझे तुम्हारी आदत सी हो गई है!
babli ji naya cartoon dal diya hai.....jaroor dekhiyega....
behtareen sher
vakai aapane in chand paktiyon me kaphi-kuch kah diya hai. aapane ye line mere dil ko chho gaye.
very good and thanks
aap thode se hi dil ki baat ko samet lete ho ...........bhawanao me dubo dete ho
vah bahut bdhiya evam bhavanatmak abhivyakti---
Poonam
Very beautiful
Regards,
Dimple
http://poemshub.blogspot.com/
hnm
शायद मुझे भी तुम्हारी आदत सी हो गयी है
abhut khoobsurat khayal...
accha laga padh kar...
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