ख़ामोश आंखें हर बात कह जाती है,
मोहब्बत की नहीं जाती हो ही जाती है,
इंतज़ार के लम्हें अब ख़त्म हो गए हैं,
आज के दिन हम एक दूजे के हो गए हैं !
मोहब्बत की नहीं जाती हो ही जाती है,
इंतज़ार के लम्हें अब ख़त्म हो गए हैं,
आज के दिन हम एक दूजे के हो गए हैं !
41 comments:
बहुत बहुत बधाई बबली जी।
वेलेंटाइन-डे पर बेहतरीन प्रस्तुति...वेलेंटाइन-डे की शुभकामनायें !!
बढ़िया प्रस्तुति ...
waah bahut sundar likha hai babli ji.
Beautiful poem on valentines day.
Beautiful Valentine thought.
बढ़िया है जी/
आंखें तो खामोश रहती ही है ।बहुत अच्छी रचना
बहुत बहुत बधाई बबली जी! Happy Valentine's day!
बहुत बढिया प्रस्तुति....
बढ़िया है जी, बधाई।
बधाई व शुभकामनाएँ.
Happy V. Day
बहुत सुंदर.
रामराम.
शिव बाबा घबरा रहे है आप की ऊपर ओर नीचे की पोस्ट देख कर :) अति सुंदर
Hameshaki tarah sundar rachana!
अच्छा मौसमी सौगात दिया है आपने
सुन्दर
Guldaste me jada ek aur sundar phool!
nice
वेलेंटाइन-डे पर बेहतरीन प्रस्तुति...
kam shabdon men zyadabhav, achchi rachna, badhai.
प्रेम दिवस पर सुन्दर मुक्तक!
बहुत बहुत बधाई बबली जी।
शुभकामनाएँ - 4 लाइनों पर
40 प्यार-भरे कमेंट्स के लिए!
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कह रहीं बालियाँ गेहूँ की - "वसंत फिर आता है - मेरे लिए,
नवसुर में कोयल गाता है - मीठा-मीठा-मीठा! "
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संपादक : सरस पायस
खामोश आँखों ने वो जादू कर दिया
तेरी मुहब्बत को सरंजाम कर दिया
बबली जी आदाब
इंतज़ार के लम्हें अब ख़त्म हो गए हैं,
आज के दिन हम एक दूजे के हो गए हैं...
वाह..
लेखन में दिन-प्रतिदिन आते निखार के लिये
आपको बहुत बहुत बधाई.
बेहद खूबसूरत ।
prem divas par is tarah ke prstuti ke liye danyavad hame ommeed hai kee aage bhee is tateeke sayari hame padane ko milege ek bar ham ye kahane ko majaboor hai kee vigyan nahi hota to hame guldaste e sayaree ka deedar nahi hota
bahut achhi baat....
wakai ik dooje ke ho gaye hain!!
बहुत सुन्दर गीत लिखा आपने..कभी मेरे ब्लॉग पर भी आयें.
सुन्दर रचना के लिए
आभार ..............
प्रेम से परिपूर्ण रचना के लिये बधाई
नहीं जी आजकल से मन से नहीं लिखा जा रहा है शायद
देखिए
खामोश आखें सब कुछ कह जाती हैं ,
प्रेमी रहे न रहें , मुहब्बत रह जाती है ॥
इंतज़ार के लम्हे अब खत्म हो गए ,
तुम संग मिले बोल , सब नज़्म हो गए ॥
हमेशा की तरह चुहल कर बैठा , आप थोडी रवानी में आईये न
अजय कुमार झा
वेलेंटाइन-डे की इस रचना पर आपको बहुत बहुत बधाई...
रिश्तों और प्यार के बीच इस गहराई को चंद लफ्ज़ो में उतरने के लिए शुक्रिया.
पढ़कर अच्छा लगा
वेलेंटाई डे पर सटीक रचना ... बहुत कमाल का लिखा है ... बधाई .........
wah, ynha bhi..jabardast panktiya..is din ko aapne apne ehsaso se jiyaa he
waah kya baat hai.....mast poetry.......hmmmm bahut badhiya
wow kitna romantic andaaz se isko aapne likha hai .... kafi umda
बहुत बढ़िया.
दिल की बात..दिल के जज्बात.
अभिनव प्रस्तुति.....बधाइयाँ .
उर्मी जी
आपकी पोस्ट पर किसी शायर का कलाम याद आ गया.....
माना कि ज़ुबां खामोश रहे,
होठों पे मगर काबू किसका,
अफसाने दिल होठों से नहीं
आखों से सुनाये जाते हैं.......!
उम्दा लिख आपने......!
Good one!!!!
Singhsdm ji aur aapke ke kalam pe arj hai....
woh kahte hai, Labon se kahne mein sharam aati hai....
Aur hume kambhakt aankhe nahi padhni aati hai....
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