रात चुप है मगर चाँद ख़ामोश नहीं,
कैसे कहूँ आज मुझे फिर होश नहीं,
ऐसे डूबे हैं हम उनकी यादों में,
रात गुज़र गयी हमें एहसास नहीं !
कैसे कहूँ आज मुझे फिर होश नहीं,
ऐसे डूबे हैं हम उनकी यादों में,
रात गुज़र गयी हमें एहसास नहीं !
Posted by Urmi at 5:44 AM
52 comments:
सुन्दर!!
ऐसे डूबे हैं हम उनकी यादों में,
रात गुज़र गयी हमें एहसास तक नहीं !
सुन्दर मुक्तक!
बढ़िया भाव!
वाह ..बहुत खूब....
बहुत पहले का लिखा अपना ही कुछ याद आ गया---
चाँद के बिना चांदनी रात कहाँ होती है
तेरे बिना मेरी बात कहाँ होती है
चाँद को देख जब आती है याद तेरी
तो तेरे दिल में मेरी याद कहाँ होती है....
बढ़िया |
achha lga,dhnyvaad.
बहुत खूब अच्छा लगा
hmm pyaar aisa hi hota hai
deewangi ise hi kahte hain
वाह वाह बहुत ही खूबसूरत रचना.
रामराम.
वाह । बहुत बढ़िया ।
यादों में रात यू हीं गुज़र जाती है और होशों हवास की बात तो कीजिये हीं नहीं.
अति सुन्दर
भावप्रद .. बधाई
रात चुप है मगर चाँद ख़ामोश नहीं,
कैसे कहूँ आज मुझे फिर होश नहीं,
मतला बहुत सुन्दर है!
ये किसी के प्यार का ही नशा होता है की हमें वक़्त का पता ही नहीं चलता...बहुत सुन्दर गुंथे हुए शब्द ...
वाह ..बहुत खूब....सुन्दर....
बहुत खूब !!!!
बेहतरीन। लाजवाब।
आखिरी पंक्ति में ’तक” क्यूँ जोड़ दिया..
वैसे भाव अच्छे हैं.
bahut badiya
yaado mein mein kisi ka koi bhi pabhondi nahi hote....
Yaad azad hai!
bahut umda shaayri......
wah wah !
aapko baanchna sadaiv aanand deta hai
हर बार की तरह इस बार भी लाजवाब ।
बहुत सूंदर जी.
धन्यवाद
यादें है यादों का क्या
प्यार का यही रंग तो अनमोल होता है बबली जी।
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
bahoot khoob chand ke chadani ko vaigyanico ne khoj nikala hai ham is par rahenge kab
bahut sundar
abhar
Babli, I envy you for the lovely pictures you have, besides your well written posts.
रात चुप है मगर चाँद ख़ामोश नहीं,
कैसे कहूँ आज मुझे फिर होश नहीं,
ऐसे डूबे हैं हम उनकी यादों में,
रात गुज़र गयी हमें एहसास नहीं !
kya baat hai Babli!
Adbhut!!!
Poetry par aapki pakad adbhut hai. Aapki pichhli kai post maine padhi hain aur har baar yahi laga ki aadhunik poetry aapke haathon mein bahut aage tak jaayegi.
kya baat hai babli ji...
chhaa gaye aap to!
waah....kya baat hai
ऐसे डूबे हैं हम उनकी यादों में,
रात गुज़र गयी हमें एहसास तक नहीं!!
सुन्दर भाव....
उनके ख्याल तो ऐसे ही हैं ....
उनके ख्याल आए तो आते चले गये ...
waah bahut hi sundar baat kah di.
बहुत लाजवाब, बहुत कुछ कह डाला इतने में ही बधाई
aap khaamosh hai par aap ke Lafz nahi ......
har bar ki tarah adbhut.....
बेपनाह मुहब्बत
bahut sunder rachna aapki....
बबली जी, आदाब
रात चुप है मगर चाँद ख़ामोश नहीं,
कैसे कहूँ आज मुझे फिर होश नहीं,
ऐसे डूबे हैं हम उनकी यादों में,
रात गुज़र गयी हमें एहसास नहीं !
वाह..वाह...बहुत खूब
Beautiful Words !! Great Piece of writing !!
बहुत खूब ....
Atisundar, chitr ki to daat deni padegi!!
Hello,
Very Nice picture... and emotional words... depth!
Regards,
Dimps
दिन ब दिन निखरते शब्द और यह पंक्तियां बहुत कुछ कहती हुई, बधाई ।
"होश रहा पर अहसास नहीं,"
अजीब विरोधाभाष का दर्शन
कहीं कुछ गड़बड़ नज़र आ रही है
चन्द्र मोहन
वाह...क्या बात है....चंद पंक्तियों में कई बार कई खूबसुरत बात कह देती हैं आप.....वाह वाह...वाह वाह...
Holikee anek shubhkamnayen!
होली की बधाइयाँ...आपके जीवन में भरपूर रंगों का हो समावेश...
आपको और आपके परिवार को होली की बहुत बहुत शुभ-कामनाएँ ...
बहुत सुन्दर रचना है शायद इसीलिए आज मैं भी एक नाकाम और नामुमकिन सफ़र की ओर बढ़ता हुआ कोशिश करता हूँ कि आपके द्वारा व्यक्त इस परम अहसास के दूसरे पक्ष को पुरुष-अभिव्यक्ति के तौर पर कुछ लिखूं.और,इसके लिए इस नादान को क्षमा करें.
"कभी सोचा नहीं था कि कभी ऐसा यहाँ होगा..
मेरी साँसे थमीं होंगी उन्हें यह याद न होगा..
कि अबदिल में मचे तूफाँ में तो तू ही सहारा है ,
गुजर जायेंगी सब रातें,उन्हें यह याद न होगा..!"
उर्मी जी,
अच्छे भाव हैं.
"रात गुज़र गयी हमें एहसास नहीं !"
- विजय
ऐसे डूबे हैं हम उनकी यादों में,
रात गुज़र गयी हमें एहसास नहीं !
These lines most suits to the photograph you cliped/published.
your photpgraphs explaine what you left to say.
Nice.
रात गुजर गयी हमें एहसास तक नहीं...
आपकी हर कविता जो दिल को छुती है.
बहुत खुब बबली जी, शब्दों का जाल बुनना तो
कोई आपसे सीखे. धन्यवाद
beautifully explained feelings....
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