Thursday, March 4, 2010


ख़ामोश आँखों से जब बात होती है,
मोहब्बत की शुरुआत ऐसी ही होती है,
उनके ख्यालों में इस कदर खोए रहते हैं,
जाने कब दिन कब रात होती है !

42 comments:

कडुवासच said...

...सुन्दर!!!

शरद कोकास said...

दिन और रात का पता ही नहीं चलता है !
इस पंक्ति को एडिट कर कर दे
"पता नही कब दिन कब रात होती है "
कर दें लय बन जायेगी ।

Anonymous said...

Aankhen na hoti to kya mohabbat hoti?

Arvind Mishra said...

ख़ामोश आँखों से जब बात होती है,
मोहब्बत की शुरुआत होती है,
ख्यालों में इस कदर खोए रहते हैं,
दिन और रात तमाम होते हैं
थोड़ी मेहनत मैंने की है थोडा और आप कर दें कविता और अच्छी हो जायेगी !

Dr.R.Ramkumar said...

मैंने अपनी सुविधा के लिए उसे इस तरह लिखकर पढ़ लिया है।

ख़ामोश आँखों से जब बात होती है,
मोहब्बत की ऐसी शुरुआत होती है,
उनके ख्यालों में इस कदर खोए रहते हैं,
कौन जाने कब दिन,कब रात होती है !

मुहब्बत में जिस तरह खामोश रहती
है निगाहें और समझदार लोग सब कुछ समझ जाते हैं ,इसी प्रकार कविता है । शिल्प कुछ भी हो भाव महत्वपूर्ण है।

शब्द कभी कभी अर्थ का अनर्थ कर देते हैं।
आपकी बात कहने में अपनी जगह पूरी है।
शायद मुझ तक वही बात पहुंची है जो आप कहना चाहती थी।
अपनी कविता में इसे दखलंदाजी बिल्कुल न समझें

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत सुंदर रचना.

रामराम.

vandana gupta said...

pyar mein aisa hi hota hai.....sundar rachna.

Dr.R.Ramkumar said...

आपने अपनी कविता को उभारने के लिए जो पेन्सिल वर्क लगाया है उसे देखकर लौट आया हूं
आंखों होंटों में और बालों में जो व्याकुलता है ,वह मारक है।

बहुत अच्छी प्रस्तुति

Yashwant Mehta "Yash" said...

bhadiya hei.....ham bhi samajh gaye...

Anonymous said...

"ख़ामोश आँखों से जब बात होती है,
मोहब्बत की ऐसी ही शुरुआत होती है"
शायरी निखरने लगी है - शुभकामनाएं

अलीम आज़मी said...

lajawab, behtareen ,, abhivyakti ... really appreciatable...keep it up
aleem

kshama said...

Hameshaki tarah..bahut khoob!

M VERMA said...

ख़ामोश आँखों से जब बात होती है,
मोहब्बत की शुरुआत ऐसी ही होती है,
सुन्दर ऐसा ही होता है.

महेन्द्र मिश्र said...

खामोश आँखों से बात और मोहब्बत की शुरुआत .. निराली ही होती है और मन बेसुधा हो जाता है ..

डॉ टी एस दराल said...

ख़ामोश आँखों से जब बात होती है,
मोहब्बत की समझो शुरुआत होती है,
ख्यालों में इस कदर खोए रहते हैं,
जाने कब दिन , कब रात होती है ।

थोडा योगदान हमारा भी।

अजय कुमार said...

उफ़्फ़ ये मुहब्बत

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

लाजवाब अभिव्यक्ति के साथ.... बहुत सुंदर रचना....

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

वाह्! सचमुच बहुत ही सुन्दर रचना....

रवि धवन said...

mind blowing, superb, outstanding, jaimata di rock on.

विनोद कुमार पांडेय said...

प्रेम की बेहतरीन अभिव्यक्ति...गजब की रचना धन्यवाद बबली जी इस खूबसूरत शेर के लिए

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' said...

उनके ख्यालों में इस कदर खोए रहते हैं,
जाने कब दिन कब रात होती है !

वाह.....बहुत खूब

chitra said...

Bahut Khoob!!!

मनोज भारती said...

उम्दा पंक्तियाँ ....!!!

डॉ. मनोज मिश्र said...

उनके ख्यालों में इस कदर खोए रहते हैं,
जाने कब दिन कब रात होती है !
उम्दा.....

संजय भास्‍कर said...

bahut achha likha hain aapne

Nivedita Thadani said...

Beautiful!!

ARUNA said...

kya adbhut chitr hai, jaan hai us tasveer mein!!

Alpana Verma अल्पना वर्मा said...

bahut sundar !

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

wah wah wah...

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

वाह....बहुत खूब...

Birendra said...

Jaisa ki maine pahle bhi kaha hai, aapki lekhan-shaili adbhut hai. Kavita-lekhan par aapki pakad adbhut hai.

Ek aur behatareen rachna ke liye aapka kotisah dhanyawaad.

---Birendra

रश्मि प्रभा... said...

bahut khoob......badhai

रचना दीक्षित said...

ख़ामोश आँखों से जब बात होती है,
मोहब्बत की शुरुआत ऐसी ही होती है,

बहुत प्रभावशाली रचना सुंदर दिल को छूते शब्द

BK Chowla, said...

Very expressive as much anyones eyes could be.

Dr.Aditya Kumar said...

चार लाइनों में आपने बहुत कुछ कह दिया
मुझे भी कुछ याद आ गया -
"तेरे ख्यालों में खोया हूँ ,
कुछ इस तरह ,
क़ि तू खुद भी अगर बात करे ,
तो बुरा लगता है"

पंकज said...

चित्र में रंग होते तो और अच्छा होता, अभी तो केवल रात का अहसास है.

दिगम्बर नासवा said...

मुहब्बत में ऐसा ही होता है ... अच्छा लिखा ...

Creative Manch said...

हाँ जी बिलकुल सही
सौ फीसदी मानता हूँ आपकी बात
पचासों बार जब भी मुझे सच्चा इश्क हुआ
ऐसा ही हाल हुआ
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सुन्दर है कविता
आग्रह है
थोड़ी बड़ी रचना लिखा कीजिये
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आभार

arvind said...

ख़ामोश आँखों से जब बात होती है,
मोहब्बत की शुरुआत होती है,
........बहुत सुन्दर.

Akhilesh pal blog said...

bahoot khoob

Dimple said...

Babli ji,

Tussi kamaal karr ditta!!
Picture is fantastic and what a sensitive masterpiece is the thought!!

Fantabulous.......
Regards,
Dimple

Yatish said...

कुछ बातें अनकही सी होती है
http://ankahisi.blogspot.com/