ख़ामोश आँखों से जब बात होती है,
मोहब्बत की शुरुआत ऐसी ही होती है,
उनके ख्यालों में इस कदर खोए रहते हैं,
जाने कब दिन कब रात होती है !
मोहब्बत की शुरुआत ऐसी ही होती है,
उनके ख्यालों में इस कदर खोए रहते हैं,
जाने कब दिन कब रात होती है !
Posted by Urmi at 3:31 AM
42 comments:
...सुन्दर!!!
दिन और रात का पता ही नहीं चलता है !
इस पंक्ति को एडिट कर कर दे
"पता नही कब दिन कब रात होती है "
कर दें लय बन जायेगी ।
Aankhen na hoti to kya mohabbat hoti?
ख़ामोश आँखों से जब बात होती है,
मोहब्बत की शुरुआत होती है,
ख्यालों में इस कदर खोए रहते हैं,
दिन और रात तमाम होते हैं
थोड़ी मेहनत मैंने की है थोडा और आप कर दें कविता और अच्छी हो जायेगी !
मैंने अपनी सुविधा के लिए उसे इस तरह लिखकर पढ़ लिया है।
ख़ामोश आँखों से जब बात होती है,
मोहब्बत की ऐसी शुरुआत होती है,
उनके ख्यालों में इस कदर खोए रहते हैं,
कौन जाने कब दिन,कब रात होती है !
मुहब्बत में जिस तरह खामोश रहती
है निगाहें और समझदार लोग सब कुछ समझ जाते हैं ,इसी प्रकार कविता है । शिल्प कुछ भी हो भाव महत्वपूर्ण है।
शब्द कभी कभी अर्थ का अनर्थ कर देते हैं।
आपकी बात कहने में अपनी जगह पूरी है।
शायद मुझ तक वही बात पहुंची है जो आप कहना चाहती थी।
अपनी कविता में इसे दखलंदाजी बिल्कुल न समझें
बहुत सुंदर रचना.
रामराम.
pyar mein aisa hi hota hai.....sundar rachna.
आपने अपनी कविता को उभारने के लिए जो पेन्सिल वर्क लगाया है उसे देखकर लौट आया हूं
आंखों होंटों में और बालों में जो व्याकुलता है ,वह मारक है।
बहुत अच्छी प्रस्तुति
bhadiya hei.....ham bhi samajh gaye...
"ख़ामोश आँखों से जब बात होती है,
मोहब्बत की ऐसी ही शुरुआत होती है"
शायरी निखरने लगी है - शुभकामनाएं
lajawab, behtareen ,, abhivyakti ... really appreciatable...keep it up
aleem
Hameshaki tarah..bahut khoob!
ख़ामोश आँखों से जब बात होती है,
मोहब्बत की शुरुआत ऐसी ही होती है,
सुन्दर ऐसा ही होता है.
खामोश आँखों से बात और मोहब्बत की शुरुआत .. निराली ही होती है और मन बेसुधा हो जाता है ..
ख़ामोश आँखों से जब बात होती है,
मोहब्बत की समझो शुरुआत होती है,
ख्यालों में इस कदर खोए रहते हैं,
जाने कब दिन , कब रात होती है ।
थोडा योगदान हमारा भी।
उफ़्फ़ ये मुहब्बत
लाजवाब अभिव्यक्ति के साथ.... बहुत सुंदर रचना....
वाह्! सचमुच बहुत ही सुन्दर रचना....
mind blowing, superb, outstanding, jaimata di rock on.
प्रेम की बेहतरीन अभिव्यक्ति...गजब की रचना धन्यवाद बबली जी इस खूबसूरत शेर के लिए
उनके ख्यालों में इस कदर खोए रहते हैं,
जाने कब दिन कब रात होती है !
वाह.....बहुत खूब
Bahut Khoob!!!
उम्दा पंक्तियाँ ....!!!
उनके ख्यालों में इस कदर खोए रहते हैं,
जाने कब दिन कब रात होती है !
उम्दा.....
bahut achha likha hain aapne
Beautiful!!
kya adbhut chitr hai, jaan hai us tasveer mein!!
bahut sundar !
wah wah wah...
वाह....बहुत खूब...
Jaisa ki maine pahle bhi kaha hai, aapki lekhan-shaili adbhut hai. Kavita-lekhan par aapki pakad adbhut hai.
Ek aur behatareen rachna ke liye aapka kotisah dhanyawaad.
---Birendra
bahut khoob......badhai
ख़ामोश आँखों से जब बात होती है,
मोहब्बत की शुरुआत ऐसी ही होती है,
बहुत प्रभावशाली रचना सुंदर दिल को छूते शब्द
Very expressive as much anyones eyes could be.
चार लाइनों में आपने बहुत कुछ कह दिया
मुझे भी कुछ याद आ गया -
"तेरे ख्यालों में खोया हूँ ,
कुछ इस तरह ,
क़ि तू खुद भी अगर बात करे ,
तो बुरा लगता है"
चित्र में रंग होते तो और अच्छा होता, अभी तो केवल रात का अहसास है.
मुहब्बत में ऐसा ही होता है ... अच्छा लिखा ...
हाँ जी बिलकुल सही
सौ फीसदी मानता हूँ आपकी बात
पचासों बार जब भी मुझे सच्चा इश्क हुआ
ऐसा ही हाल हुआ
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सुन्दर है कविता
आग्रह है
थोड़ी बड़ी रचना लिखा कीजिये
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आभार
ख़ामोश आँखों से जब बात होती है,
मोहब्बत की शुरुआत होती है,
........बहुत सुन्दर.
bahoot khoob
Babli ji,
Tussi kamaal karr ditta!!
Picture is fantastic and what a sensitive masterpiece is the thought!!
Fantabulous.......
Regards,
Dimple
कुछ बातें अनकही सी होती है
http://ankahisi.blogspot.com/
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