Sunday, March 7, 2010


देखे किधर, हम किसको बुलाए,
कितने अकेले देखो, हम हो गए,
बैठे तन्हा, बार बार ये सोचे,
प्यार करने की भूल हम क्यूँ किए !

37 comments:

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

wah ji wah babli ji...

shubhkaamnaayein....mahila diwas ki...

arvind said...

प्यार करने की भूल हम क्यूँ किए !
....bahut sundar.,lekin pyar karna koi bhul to nahi hai.shubhkaamnaaye

kshama said...

Hameshaki tarah sundar rachana!

संजय भास्‍कर said...

बहुत खूब, लाजबाब !

vandana gupta said...

बहुत सुन्दर्……………बधायी।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर शेर!
मातृ-शक्ति को नमन!

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' said...

बबली जी
?????
हमसफ़र तो ज़रूरी होता है.

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' said...

महिला दिवस पर बहुत बहुत शुभकामनाएं

Akhilesh pal blog said...

bhoot khoob lajabaab

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर . धन्यवाद

Pawan Kumar said...

babli ji...
"प्यार करने की भूल क्यों की........."
अच्छा द्वन्द है इस क्षणिका में......
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनायें...... !

डॉ टी एस दराल said...

प्यार करने की भूल हो ही जाती है।
सुन्दर ।

BK Chowla, said...

Babli, very well written
Happy women's day.

रवि धवन said...

अब क्या कहें हम।

Unknown said...

bahut dinon baad aapko padhne ka soubhaagy mila.......

vahi tazagi.......

vahi maasoomi.........

vahi aakarshan

jai ho !

ताऊ रामपुरिया said...

ये भूल जान बूझ कर कोई नही करता बल्कि भूल हो जाने के बाद पता चलता है कि भूल हो गई. बहुत सुंदर रचना.

रामराम.

समय चक्र said...

बहुत बढ़िया... महिला शक्ति को प्रणाम

अजय कुमार said...

महिला दिवस की हार्दिक बधाई

Arshad Ali said...

एक बार फिर मनभावन प्रस्तुति ...
सधी हुई बात सधे शब्दों में.

चार पंक्तियाँ गहरे अनुभव बताने में सफल रहे..बधाई

Saiyed Faiz Hasnain said...

Uske Shaher Se Begane Hokar Laute Hai ...Ji chahta Hai Aag Laga Do Jahan Ko /....
sunder rachan ....

Pushpendra Singh "Pushp" said...

bahut sundra rachna
abhar...........

दिगम्बर नासवा said...

ऐसा ही होता है .. प्यार कहीं का नही रखता .....

chitra said...

Beautiful lines.

dipayan said...

बहुत सुन्दर । wish you a very happy woman's day .

पूनम श्रीवास्तव said...

babali ji aapke sheroon shayari ka jawab nahin,kya khoob likhti hain.
poonam

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

अब ये भूल कोई करता नहीं बस हो जाती है :):) बहुत खूब

सदा said...

हमेशा की तरह लाजवाब शब्‍द रचना ।

ताऊ रामपुरिया said...

बहु बेहतरीन.

रामराम.

मनोज कुमार said...

बेहतरीन। बधाई।

अलीम आज़मी said...

bahutsunder rachna ....

Dimple said...

Hello Babli :)

Bahut gehraa hai yeh thought. And the picture is so beautiful.

I mean so much pain is there in these words... nice composition!

Thanks for your so nice comments on my blog

Regards,
Dimple
http://poemshub.blogspot.com

Chandan Kumar Jha said...

दर्द है इस रचना में ।

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ said...

पहले मुझको तन्हाई में भी भीड़ का अहसास था,
तुझसे मिला ऐ सनम, भीड़ में भी तनहा हूँ मैं!
क्या करें ऐसा ही होता है प्यार फिर चाहे इंडिया में हो या ऑस्ट्रेलिया में!
हा हा हा !

निर्मला कपिला said...

रे अब तो हो गयी भूल अब क्या पछताना। बहुत खूब शेर। आभार्

ज्योति सिंह said...

ek dard bhare ahsaas hai ,sundar ,mahila divas ki badhai .

Sulabh Jaiswal "सुलभ" said...

Hmmm!

sahanubhooti hai.

BrijmohanShrivastava said...

अच्छी रचना