Thursday, March 11, 2010


प्यार वो हमको बेपन्हा कर गए,
जाने क्यूँ हमें तन्हा छोड़ गए,
चाहत थी उनके इश्क़ में फ़नाह होने की,
पर वो वादा करके फिर मुँह मोड़ गए !

36 comments:

डॉ टी एस दराल said...

पर वो वादा करके फिर मूंह मोड़ गए ।

बढ़िया मुक्तक, बबली जी।

विनोद कुमार पांडेय said...

सुंदर अभिव्यक्ति....बधाई

AKHRAN DA VANZARA said...

अच्छा है...

पसन्द आया ...

-----राकेश वर्मा

Mithilesh dubey said...

बढ़िया ,

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत सुंदर.

रामराम.

रवि धवन said...

न जाने क्यूँ हमें तन्हा छोड़ गए
wah!

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

वाह ..बहुत खूब...

एक शेर याद आया---

वादा किया था मिलने का पांच दिन में
किसी से सुन लिया होगा जिंदगी चार दिन की है

Alpana Verma said...

sher achchha hai.

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

सुन्दर!
साथ में चित्र भी अच्छा लगाया है....

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर लाईने,धन्यवाद.

Arvind Mishra said...

प्यार वो हमको बेपनाह कर गए,
फिर जाने क्यूँ हमें तन्हा छोड़ गए,
चाहत थी उनके इश्क़ में फ़ना हो जाने की,
मगर वे खुद ही वादा तोड़ के चल दिए

वाह कितना सुन्दर !

M VERMA said...

वायदे पर इतना यकीन न कर
नीलाम कर आये है वे तो शहर

Randhir Singh Suman said...

पर वो वादा करके फिर मुँह मोड़ गए .nice

Arshad Ali said...

punah shandar work
pictures ka salection 100% satik
badhai

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

लपट अंगार में जलकर
सँवर जाती नजाकत है।

विरह के ताप में तपकर
निखर जाती मुहब्बत है!

महेन्द्र मिश्र said...

बहुत खूब वो वादा कर मुंह मोड़ गए .....उम्दा प्रस्तुति ...

Amitraghat said...

"सुन्दर.."
amitraghat.blogspot.com

Pushpendra Singh "Pushp" said...

bahut khub rachna

रश्मि प्रभा... said...

bahut hi badhiyaa

Akshitaa (Pakhi) said...

बेहतरीन लिखा आपने ...खूबसूरत रचना !!
______________

"पाखी की दुनिया" में देखिये "आपका बचा खाना किसी बच्चे की जिंदगी है".

kumar zahid said...

uf!!!!!!
apki paintings----

aap painting par rang Bhara raheen hai---

उफ् !!!!!!
आपकी पेन्टिंग्ज़..आप पेन्टिंग को शब्दो से कलर कर रही हैं..

नीरज गोस्वामी said...

हमेशा की तरह...बहुत खूबसूरत रचना....लिखती रहें.
नीरज

Anonymous said...

बबली जी बात यहाँ तक पहुँच चुकी है "चाहत थी उनके इश्क़ में फ़नाह होने की" - शुभकामनाएं

BK Chowla, said...

Babli very very nice and I get very impressed by the pictured besides of course the poem.

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' said...

तंहाई का दर्द.....
खूबसूरत अल्फ़ाज़ में....
शिकवा-शिकायत.....
सब कुछ प्रभावशाली है.

Amitraghat said...

"शुक्रिया आपका.........."
amitraghat.blogspot.com

Nivedita Thadani said...

Hi Babliji,
I really enjoy your shayari!
Adding my one line to yours!
दिल में हज़ार दर्द छोड़ गये

Sumandebray said...

ek pal ke pyar ke liye zindagi bhar k judai manzoor thi

geeta said...

Impressive deep thoughts...loved reading it...

हितेष said...

पर वो वादा करके फिर मूंह मोड़ गए ।

बहुत सुन्दर लिखा है बबली जी !

मस्तानों का महक़मा said...

बहुत बढ़िया....
सुन्दर पंक्तियां और शब्दों के जोड़ से सजी ये रचना खुद में एक भाव व्यक्त करती है।

Ashish (Ashu) said...

अहा आपकी शायरी भी...माशाअल्लाह बिल्कुल आपकी ही की तरह..

पूनम श्रीवास्तव said...

babali ji
aapaka har sher hameash hi ek nayae andaz me pesh hota hai .kya baat hai. sabhi ek se badakar ek ,behatareen .
poonam

दिनेश शर्मा said...

सुन्दरम्‌

कडुवासच said...

....bahut khoob !!!!

अनामिका की सदायें ...... said...

apki shero-shayri bahut acchhi he..dil se nikli awaaz.