Monday, April 19, 2010


हर पल ये सोचती थी वो पल कब आए,
एक पल के लिए तुम्हारा दीदार हो जाए,
वो पल भर का साथ यादगार बन जाए,
तुम्हारी याद में हर पल बीत जाए !

39 comments:

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" said...

बहुत सुन्दर रचना है ! बधाई !

Kusum Thakur said...

उस यादगार पल और सोच के लिए बधाई !!

shama said...

Aapke guldasteme ek aur sundar phool!

समय चक्र said...

बहुत सुन्दर ....

डॉ टी एस दराल said...

सुन्दर अनुभूति की सुन्दर अभिव्यक्ति ।
आखिरी पंक्ति से वक्त हटा दीजिये --रिपिटिशन लगता है।

M VERMA said...

यादगार पल के तलबगार तो सभी है
शुभकामनाएँ
सुन्दर तस्वीर

Saiyed Faiz Hasnain said...

jaise ye rachna mere upar hi likhi ho .....
sundar rachna bilkul aap ki tarah

दिलीप said...

aakhri pankti me kuch kami lagi...
http://dilkikalam-dileep.blogspot.com/

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

this is awesome.

Anonymous said...

In-short:
pal pal dil ke pass tum rehti/rehte ho...correct?

Udan Tashtari said...

बढ़िया पंक्तियाँ.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

सुन्दर रचना तो है मगर छंद में आखिरी लाइन बहुत लम्बी हो गई है! इसलिए लय में कमी लग रही है!

Arvind Mishra said...

बढियां !

kshama said...

Bahut khoob, Babli..wah!

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर जी

मनोज कुमार said...

बहुत सुन्दर .

SACCHAI said...

" bahut hi khubsurat shayari..."

" badhaai "
---- eksacchai AAWAZ }

http://eksacchai.blogspot.com

Mahfooz Ali said...

Very Beautiful.... creation....

कविता रावत said...

हर पल ये सोचती थी वो पल कब आए,
एक पल के लिए तुम्हारा दीदार हो जाए,
....chahat bhari abhivyakti ki bayangi achhi lagi.......

arvind said...

हर पल ये सोचती थी वो पल कब आए,
एक पल के लिए तुम्हारा दीदार हो जाए,
.....बहुत सुन्दर रचना ....vah vah vah.

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत सुंदर रचना.

रामराम.

रश्मि प्रभा... said...

aur jeene ka sabab mil jaye....waah

amritwani.com said...

waqy me bahut sundar rachna

shandar mukta he


shkehar kumawat

दिगम्बर नासवा said...

आमीन ... सुंदर बोल .. अनुपम छन्द .....

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

वाह....बहुत खूबसूरत यूँ ही हर पल बीतता रहे..

Kulwant Happy said...

छोटी है, पर लाजवाब है

जैसे फूलों में गुलाब है।

नित्यानंद सेक्स स्केंडल के बहाने कुछ और बातें

Dev said...

behatreen prastuti ......

Dimple said...

Kya baat..!!
Bahut hi badiya...
"तुम्हारी याद में हर पल बीत जाए !"

Wonderful..
Regards,
Dimple
http://poemshub.blogspot.com

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar said...

Apkee chotee chotee rachanaon men bhee kafee gahare bhav hain---.

Shri"helping nature" said...

kabhi yaad aati hai wo ,
kabhi kho jati hai wo ,
husn mrta hai dault k liye ,
mere pyar pe hr chiz lutati hai wo............

khash aapki kavita ko mera tohfa

Harshvardhan said...

bahut sundar rachna hai babliji........... mere blog par padharne ke liye shukria........

Randhir Singh Suman said...

nice

Sumandebray said...

ek pal jo har pal yaad ati ho

Sorcerer said...

wow!! I love reading Shayari
and..
I stumbled acoss this blog..
thank you.
:)

मनोज भारती said...

सुंदर मुक्तक ... !!!

nilesh mathur said...

वाह ! क्या बात है !

Unseen Rajasthan said...

Beautiful Wordings !! Fantastic post !!Also please visit my New Blog About Paranormal Studies of India.Click on the Link to view it Unseen Rajasthan Paranormal

जयकृष्ण राय तुषार said...

I have linked see wave as pasandeeda link in my blog.

डॉ० डंडा लखनवी said...

शृंगार रस के इस मुक्तक का भावांकन बहुत अच्छा है। इसका संशोधित रूप निम्नलिखित
भी हो सकता है।
सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी
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बरसों से सोंचती थी, वो पल कभी तो आएं।
दिलकश मिलन की छवियाँ आँखों में समा जाएं।।
हाथ आएं जो भी लम्हे वो ऐसी छाप छोड़ें-
ताउम्र उनको हरगिज हम फिर न भूल पाएं।।
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