हर पल ये सोचती थी वो पल कब आए,
एक पल के लिए तुम्हारा दीदार हो जाए,
वो पल भर का साथ यादगार बन जाए,
तुम्हारी याद में हर पल बीत जाए !
एक पल के लिए तुम्हारा दीदार हो जाए,
वो पल भर का साथ यादगार बन जाए,
तुम्हारी याद में हर पल बीत जाए !
Posted by Urmi at 5:29 AM
39 comments:
बहुत सुन्दर रचना है ! बधाई !
उस यादगार पल और सोच के लिए बधाई !!
Aapke guldasteme ek aur sundar phool!
बहुत सुन्दर ....
सुन्दर अनुभूति की सुन्दर अभिव्यक्ति ।
आखिरी पंक्ति से वक्त हटा दीजिये --रिपिटिशन लगता है।
यादगार पल के तलबगार तो सभी है
शुभकामनाएँ
सुन्दर तस्वीर
jaise ye rachna mere upar hi likhi ho .....
sundar rachna bilkul aap ki tarah
aakhri pankti me kuch kami lagi...
http://dilkikalam-dileep.blogspot.com/
this is awesome.
In-short:
pal pal dil ke pass tum rehti/rehte ho...correct?
बढ़िया पंक्तियाँ.
सुन्दर रचना तो है मगर छंद में आखिरी लाइन बहुत लम्बी हो गई है! इसलिए लय में कमी लग रही है!
बढियां !
Bahut khoob, Babli..wah!
बहुत सुंदर जी
बहुत सुन्दर .
" bahut hi khubsurat shayari..."
" badhaai "
---- eksacchai AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
Very Beautiful.... creation....
हर पल ये सोचती थी वो पल कब आए,
एक पल के लिए तुम्हारा दीदार हो जाए,
....chahat bhari abhivyakti ki bayangi achhi lagi.......
हर पल ये सोचती थी वो पल कब आए,
एक पल के लिए तुम्हारा दीदार हो जाए,
.....बहुत सुन्दर रचना ....vah vah vah.
बहुत सुंदर रचना.
रामराम.
aur jeene ka sabab mil jaye....waah
waqy me bahut sundar rachna
shandar mukta he
shkehar kumawat
आमीन ... सुंदर बोल .. अनुपम छन्द .....
वाह....बहुत खूबसूरत यूँ ही हर पल बीतता रहे..
छोटी है, पर लाजवाब है
जैसे फूलों में गुलाब है।
नित्यानंद सेक्स स्केंडल के बहाने कुछ और बातें
behatreen prastuti ......
Kya baat..!!
Bahut hi badiya...
"तुम्हारी याद में हर पल बीत जाए !"
Wonderful..
Regards,
Dimple
http://poemshub.blogspot.com
Apkee chotee chotee rachanaon men bhee kafee gahare bhav hain---.
kabhi yaad aati hai wo ,
kabhi kho jati hai wo ,
husn mrta hai dault k liye ,
mere pyar pe hr chiz lutati hai wo............
khash aapki kavita ko mera tohfa
bahut sundar rachna hai babliji........... mere blog par padharne ke liye shukria........
nice
ek pal jo har pal yaad ati ho
wow!! I love reading Shayari
and..
I stumbled acoss this blog..
thank you.
:)
सुंदर मुक्तक ... !!!
वाह ! क्या बात है !
Beautiful Wordings !! Fantastic post !!Also please visit my New Blog About Paranormal Studies of India.Click on the Link to view it Unseen Rajasthan Paranormal
I have linked see wave as pasandeeda link in my blog.
शृंगार रस के इस मुक्तक का भावांकन बहुत अच्छा है। इसका संशोधित रूप निम्नलिखित
भी हो सकता है।
सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी
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बरसों से सोंचती थी, वो पल कभी तो आएं।
दिलकश मिलन की छवियाँ आँखों में समा जाएं।।
हाथ आएं जो भी लम्हे वो ऐसी छाप छोड़ें-
ताउम्र उनको हरगिज हम फिर न भूल पाएं।।
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