Tuesday, May 4, 2010


जाने आज ये कैसी उदासी छाई है,
तन्हाई के बादल से भीगी जुदाई है,
इस कदर रो पड़ा है आज दिल मेरा,
जाने आज किसकी याद आयी है !


40 comments:

M VERMA said...

इस कदर रो पड़ा है आज दिल मेरा,
न जाने आज किसकी याद आयी है !
सुन्दर शायरी
बढिया

Anonymous said...

ये अच्छी उदासी है

YASHODA said...

BAHUT KHUB


YAD AAYI HE

SHAN DAR

http://shabnamishayari.blogspot.com/

EK NAJAR IDHAR BHI

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" said...

तन्हाई के बादल से भीगी जुदाई है,

वाह उर्मी जी ... क्या बात है ! बहुत सुन्दर !

परमजीत सिहँ बाली said...

bahut baDhiyaa!!

kshama said...

Aaj hamari 'bubbling' Babli udas kyon ho gayi?
Rachana to khair sundar haihi...

फ़िरदौस ख़ान said...

शानदार रचना है...

श्यामल सुमन said...

भाव सुमन को इतने अच्छे लगे
सोच न पाया गजल है या रूबाई है

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com

मनोज कुमार said...

अपने मन को स्थिर रखकर सभी परिस्थितियों में धैर्य बनाए रखें।

Dimple said...

"तन्हाई के बादल से भीगी जुदाई है"
Babli ji... bahut hi gehraai hai...

Regards,
Dimps

chitra said...

Yes . This happens to me. I feel like crying when I am lost in thought of my dear ones who are not in this world.

डॉ टी एस दराल said...

बढ़िया रचना ।
बढ़िया स्कैच ।
किसका है ?

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

क्या बात है ! बहुत सुन्दर !

राज भाटिय़ा said...

दिल से बस वाह वाह ही निकलती है आप की रचना पढ कर, बहुत सुंदर. धन्यवाद

Arvind Mishra said...

बढियां रचना

शिवम् मिश्रा said...

कभी कभी उदासी भी मुस्कुराती है !!
हाँ हाँ......... उदासी मुस्कुराती है !!
जब जब तन्हाई में तेरी याद आती है,
मेरी उदासी हर बार मुस्कुराती है !!



मुबारकबाद आपको आपके इस शेर पर कुछ कहने के चक्कर में
चार लाइन मैं भी लिख गया !!

सम्वेदना के स्वर said...

बहुत दिनों के बाद तुम्हारी पोस्ट है देखी
इतने साथी के होते क्या दुःख से डरना
यादों के बादल सब ग़ायब हो जायेंगे
रोना धोना छोड़ो, सारे कमेंट पढो ना!!

nilesh mathur said...

वाह ! कमाल की पंक्तियाँ लिखी है!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

विरह-वेदना का सुन्दर चित्रण!

देवेन्द्र पाण्डेय said...

शायरी और चित्र दोनों बेहतरीन..वाह!

मनोज भारती said...

तन्हाई में ... जब ये उदासी, जुदाई के बादल छँट जाएँ और दिल में सुकुँ हो तो समझना उस प्रिय की झलक मिली है जो सबके हिय में रहता है ... सुंदर मुक्तक ...

विनोद कुमार पांडेय said...

सुंदर भाव..बढ़िया रचना..धन्यवाद बबली जी अच्छी लगी आपकी यह प्रस्तुति

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

kya baat...kya baat...kya baat...

संजय भास्‍कर said...

Babli ji... bahut hi gehraai hai...

संजय भास्‍कर said...

क्या बात है ! बहुत सुन्दर !

vandana gupta said...

are waah bahut hi sundar bhav bhar diye hain............badhayi.

अंजना said...

सुन्दर रचना...

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

अति सुन्दर।

arvind said...

इस कदर रो पड़ा है आज दिल मेरा,
न जाने आज किसकी याद आयी है !
......वाह उर्मी जी ... क्या बात है ! बहुत सुन्दर !

कडुवासच said...

... बहुत खूब,प्रसंशनीय!!!!

शरद कोकास said...

सरल शब्दो मे गहरी बात ।

Anonymous said...

Beautiful. Very apt for my mood today..:)

Amrendra Nath Tripathi said...

उर्मी जी ,
आज आपके ब्लॉग पर आना हुआ .. यूँ ही टहलता हुआ आ गया ..
आपके ब्लोगों में वैविध्य है .. खाना मशाला देखकर मुंह में पानी
आ जाय .. यहाँ आपकी कई पोस्टों में चार - चार पंक्तियों को देखा ,
निवेदन आपसे इतना करना चाहता हूँ कि आप थोड़ा लय साधने
का यत्न करें तो मामला दुरुस्त होने लगेगा .. जो भाव हैं आपके पास
उन्हें बस शब्दों और शैलियों की तराश देना बाकी है , फिर कई अच्छी
रचनाएं देखने को मिलेंगी आपके ब्लॉग से .. थोड़ा सुधार तो आप
कर ही सकती हैं अगर ठान लें ! .. ब्लॉग जगत पर लोग वाह-वाह
ज्यादा करते हैं , इस शोर में जहां सुधार की गुंजाइश होती है वह
छुप जाती है ..यहाँ इस चीज से सम्हलना चाहिए ..
---- उम्मीद है कि आप मेरी बातें अन्यथा नहीं लेंगी ! आपकी
अच्छी कवितायें देखकर मुझे भी अच्छा लगेगा , जो कि थोड़े से प्रयास
द्वारा ही बन जायेंगी , इतना ध्यान रखा जाना चाहिए !
---- चित्र -चयन में आपकी काबिलियत की दाद देता हूँ , , , इन्हें ही
देखने आता रहूंगा ! आभार !

Amitraghat said...

कुछ पँक्तियाँ से पूरा मसला बयान हो गया है...

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ said...

यादां विछरे सज्जन दियां आयियाँ....
अच्छा शेर....

दिगम्बर नासवा said...

यादें तो रुला कर जाती हैं ....बहुत खूब ...

Sumandebray said...

bahut khub
Bahut badiya

hem pandey said...

यादें ऐसी ही होती हैं.

जयकृष्ण राय तुषार said...

Behtreen prastuti.melodious poem.

Dimple Maheshwari said...

udasi aur pyar ka sangam..bht khoob