वो बारिश ही क्या जिसमें भीगा न जाए,
वो बिछड़ना ही क्या जिसमें आँसूं न आए,
वो पल ही क्या जब तेरी याद न आए,
वो प्यार ही क्या जिसे निभाया न जाए !
वो बिछड़ना ही क्या जिसमें आँसूं न आए,
वो पल ही क्या जब तेरी याद न आए,
वो प्यार ही क्या जिसे निभाया न जाए !
37 comments:
वाह दिल को छू गयी रचना
बहुत खूब्…………………उम्दा प्रस्तुति।
बहुत सुंदर प्रस्तुति...
sach hi kaha aapne,
barsaat ki un thandi fuharo main bheegna,
kisi se bichadkar aankho ka sajal hona,
har pal is dil main kisi ki yaad ko basana,
aur pure tanman ke saath rishto ko nibhana,yehi to jindagi hain.
Bahut khubsurat likha aapne,dil ko puri tarah se is khubsurat ehsaas se bhigo diya aapne.
वो प्यार ही क्या जिसे निभाया न जाए
सच ही है
Beautiful creation,.
वाह वाह जी बहुत खुब सुरत रचना
बहुत सुंदर
sadaa ki tarah bahut sundar.
Short, simple and sweet composition. Enjoyed the read.
Nice one and the picture looks very pretty.
बहुत लाजवाब,
रामराम.
मार्मिक
Hameshaki tarah..Babli,itna sundar kaise likh leti ho harbaar?
मन खुस हो गया...
वाह , बहुत सुन्दर ।
गागर में सागर । हर पंक्ति सार गर्भित ,अंतःकरण को छूने में सक्षम , बधाई ।
ऊफ दिल कि बात लिखती है आप...
सच में वो प्यार ही क्या जिसे निभाया न जाए!!!बहुत खूब्…………………
सुंदर प्रस्तुति.
बेहतरीन!
खूबसूरत पंक्तियाँ, बेंचमार्क निर्धारित कर दिये हैं आपने हर चीज के, और सभी सटीक।
बढ़िया प्रस्तुति,
यहाँ भी पधारें :-
अकेला कलम...
वो प्यार ही क्या जिसे निभाया न जाए
दिल को छू गयी रचना
बहुत सुंदर प्रस्तुति...
bahut hi badiya....
Mere blog par bhi sawaagat hai aapka.....
http://asilentsilence.blogspot.com/
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Very touching
कमाल की अभिव्यक्ति है!
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बधाई!
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दो दिनों तक नेट खराब रहा! आज कुछ ठीक है।
शाम तक सबके यहाँ हाजिरी लगाने का
बहुत खूब .. सच में प्यार निभाना चाहिए ...
अति सुंदर।
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ब्लॉगर्स की इज्जत का सवाल है।
कम उम्र में माँ बनती लड़कियों का एक सच।
बब्ली जी ,सच कहा आपने ---वो बारिश ही क्या जिसमें भीगा न जाय।---सुन्दर पंक्तियां।
बहुत सुंदर ....
आभार ...
beautiful
oh poem he kya
jise comment na mile
very beautiful
चारों बाते सही निशाने पर.......
और बबली जी की वह शायरी ही क्या जो दिल को न छू जाए। सही कहा न।
वो बादल ही क्या जो बारिश न दें
वो शायरी ही क्या जो मज़ा न दे....
बबली जी....
बहुत ही अच्छा लिखा है....मज़ा आ गया पढ़कर...
bahut khoob
वो दोस्त ही क्या जो तारीफ ही न कर पाए !
wow... wonderful lines..
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