नज़रें मिलाकर नज़रें मत चुरा लेना, प्यार करके हमें यूँ न भुला देना, हम रहेंगे तुम्हारे न बेगाना समझना, तुमसे दूर रहने की सज़ा हमें न देना ! bahut hi khubsurat andaz
बहुत अच्छी पोस्ट, शुभकामना, मैं सभी धर्मो को सम्मान देता हूँ, जिस तरह मुसलमान अपने धर्म के प्रति समर्पित है, उसी तरह हिन्दू भी समर्पित है. यदि समाज में प्रेम,आपसी सौहार्द और समरसता लानी है तो सभी के भावनाओ का सम्मान करना होगा. यहाँ भी आये. और अपने विचार अवश्य व्यक्त करें ताकि धार्मिक विवादों पर अंकुश लगाया जा सके., हो सके तो फालोवर बनकर हमारा हौसला भी बढ़ाएं. मुस्लिम ब्लोगर यह बताएं क्या यह पोस्ट हिन्दुओ के भावनाओ पर कुठाराघात नहीं करती.
I am a very cheerful, friendly and fun loving girl and have a great passion for travelling as I love to explore new places, love cooking, reading books, writing Hindi poems and English articles by which I am able to express my thoughts and feelings.
35 comments:
बहुत खूब ...सुन्दर शब्द ।।
bahut hi achha likha hai
सुंदर पंक्तियाँ ....
आभार.........
प्यार भी क्या है ..कहा भी न जाए चुप रहा भी न जाए ..!
बहुत भावुक और मार्मिक है। बधाई
बहुत सुन्दर है तुम्हारी नजरे !
इन्हें चुराना नही ?
हम रहेगे सदा तुम्हारे
बेगाना हमे समझना नही !
आपका ब्लॉग पहली बार देखा. थोड़े शब्दों में भावाभिव्यक्ति को चित्रों का प्रयोग पूर्णता प्रदान कर रहा है. बहुत अच्छा लगा.
आपको भी होली की शुभकामनाएँ.
बहुत प्यारा मुक्तक लिखा है आपने!
बधाई!
बहुत ही खूब.
सरलता से बयाँ की गयी अभिव्यक्ति.
सलाम.
बहुत खूबसूरत.
रामराम
कौन टाल सकेगा यह आग्रह.
बहुत सुंदर जी..
अल्लाह आपकी हर ख्वाहिश पूरी करे!!
Very very nice
इल्तिजा के ये भाव सुन्दर लगे
wah! loving lines... maan gaye boss
दिल की गहराई से निकले हुए अहसास की खुशबू से सराबोर !
आभार !
मुहब्बत से लबरेज़.
vaah
क्या बात है,
sundar likha aapne.
der se hi sahi Holi ki hardik subhkamnai.
हम रहेंगे तुम्हारे न बेगाना समझना,
तुमसे दूर रहने की सज़ा हमें न देना !
वाह क्या खूब कहा है .....
sundar ati sundar!
nice:)
wo nazre mila ke nazre chura lete hai ...
zalim pyar karte hai kisi aur se aur kisi aur se shadi racha lete hai ........
बहुत खूब !
sunder muktak
Beautiful lines....
kya naat hai. badhiya likha hai.
..वाह!
wah.. bahut aacha .. kya baat
बहुत सुन्दर रचना|
नवसंवत्सर २०६८ की हार्दिक शुभकामनाएँ|
क्या बात है ...जुदाई का दर्द ....या रब्बा दुश्मन को भी न दे
नज़रें मिलाकर नज़रें मत चुरा लेना,
प्यार करके हमें यूँ न भुला देना,
हम रहेंगे तुम्हारे न बेगाना समझना,
तुमसे दूर रहने की सज़ा हमें न देना !
bahut hi khubsurat andaz
बहुत अच्छी पोस्ट, शुभकामना, मैं सभी धर्मो को सम्मान देता हूँ, जिस तरह मुसलमान अपने धर्म के प्रति समर्पित है, उसी तरह हिन्दू भी समर्पित है. यदि समाज में प्रेम,आपसी सौहार्द और समरसता लानी है तो सभी के भावनाओ का सम्मान करना होगा.
यहाँ भी आये. और अपने विचार अवश्य व्यक्त करें ताकि धार्मिक विवादों पर अंकुश लगाया जा सके., हो सके तो फालोवर बनकर हमारा हौसला भी बढ़ाएं.
मुस्लिम ब्लोगर यह बताएं क्या यह पोस्ट हिन्दुओ के भावनाओ पर कुठाराघात नहीं करती.
वाह... अति सुंदर
urmi ji
bahut bahut hi khoobsurat v pyaar karne ka ijhaar bhi nirala
kua baat hai
bahut sundar
poonam
बहुत खूब सुंदर प्रस्तुति बधाई और शुभकामनाएं |
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