Tuesday, May 3, 2011


होंठ कह नहीं सकते फ़साना दिल का,
नज़र से वो बात हो जाती है,
इस उम्मीद में करते हैं इंतज़ार आपका,
कनखियों से ही तेरा दीदार हो जाये !

34 comments:

संजय भास्‍कर said...

बहुत ही खूब...

संजय भास्‍कर said...

सुंदर पंक्तियाँ ....बबली जी..

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

मन्ना दे का एक गाना याद आ गया "मुहवा से बोलs कनखिया न मारs!!
आप गायब कहाँ हो जाती हैं!!

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " said...

वाह ....क्या कहने !

रचना के साथ चित्र ......गज़ब

सदा said...

वाह ...बहुत खूब कहा है आपने इन पंक्तियों में ।

Kunwar Kusumesh said...

होंठ कह नहीं सकते फ़साना दिल का,
नज़र से वो बात हो जाती है,
इस उम्मीद में करते हैं इंतज़ार आपका,
कनखियों से ही तेरा दीदार हो जाये !

बहुत सुन्दर शब्द संयोजन और फोटो उसके एकदम अनुकूल .बहुत बढ़िया प्रस्तुति.कई दिनों बाद पढ़ा आपको.

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत खूब ...

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर रचना!

Unknown said...

kya baat hai bablee ji !

chha gayi aap to.......

SACCHAI said...

albela ji se sahemat ..umda

Neha said...

Lamhe Ye Suhane Saath Ho Na Ho,
Kal Mein Aaj Ki Baat Ho Na Ho,
Yaadoien Ke Hasin Lamhe Dil Mein Hamesha Rahenge,
Chahe Aapse Mulakat Ho Na Ho......

लोकेन्द्र सिंह said...

वाह क्या बात है... बहुत ही शानदार... कनखियों से दीदार का आनंद ही जुदा है...

Sardhana said...

होंठ कह नहीं सकते फ़साना दिल का,
नज़र से वो बात हो जाती है,
इस उम्मीद में करते हैं इंतज़ार आपका,
कनखियों से ही तेरा दीदार हो जाये !
बहुत सुंदर लिखा है, बधाई

मनोज भारती said...

कन-अंखियों से तेरा दीदार ... वाह क्या बात कही है...लाज़वाब !!!

Udan Tashtari said...

बेहतरीन...

रमेश कुमार जैन उर्फ़ निर्भीक said...

श्रीमान जी, मैंने अपने अनुभवों के आधार ""आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें"" हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है. मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग www.rksirfiraa.blogspot.com पर टिप्पणी करने एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.

रचना दीक्षित said...

भावनाओ की कोमल अभिव्यक्ति. बहुत सुंदर.

udaya veer singh said...

marmik,mohak panktiyan. sunder ban padi hain badhayi .

Anupama Tripathi said...

खुशनुमा ..बहुत सुंदर रचना .....
बधाई आपको बबली जी ...!!

Rakesh Kumar said...

चार लाइनों में दिल के जज्बात खूबसूरती से
व्यक्त करके आपने दिल को छू लिया है.

बहुत दिनों से मेरे ब्लॉग पर आप नहीं आयीं
हैं.आपका इंतजार है.

RAJNISH PARIHAR said...

वाह क्या बात है... बहुत ही शानदार प्रस्‍तुति......

अनामिका की सदायें ...... said...

jabardast. !

दर्शन कौर धनोय said...

waah !kyaa baat haae ?

पंकज मिश्रा said...

क्या खूब लिख दिया है आपने। कविता की तारीफ तो बहुत लोग कर चुके, लेकिन मुझे लगता है फोटो भी छांट कर निकाली है आपने। बहुत मेहनत से खोजी गई लगती है। बधाई।

Dr Varsha Singh said...

EXCELLENT...

डॉ. मोनिका शर्मा said...

सुंदर ...प्रभावी पंक्तियाँ.....

निर्मला कपिला said...

कनखियों से दीदार ---- क्या बात है।

कविता रावत said...

बहुत खूब...

रमेश कुमार जैन उर्फ़ निर्भीक said...

क्या आप हिंदी से प्रेम करते हैं? तब एक बार जरुर आये. मैंने अपने अनुभवों के आधार आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लेंहिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है.मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.

ज्योति सिंह said...

होंठ कह नहीं सकते फ़साना दिल का,
नज़र से वो बात हो जाती है,
इस उम्मीद में करते हैं इंतज़ार आपका,
कनखियों से ही तेरा दीदार हो जाये !
bahut sundar

Anju (Anu) Chaudhary said...

bahut khub

virendra sharma said...

"न कोई वक्त ,न कोई उम्मीद ,न कोई वायदा
खड़े थे रहगुज़र पर ,करना था ,इंतज़ार तेरा ."
इंतजारी का इक आलम यह भी है -
प्रतीक्षा में युग बीत गए ,सन्देश न कोई मिल पाया ,
सच बतलाऊँ तुम्हें प्राण ,इस जीने से मरना भाया ।
अच्छी भाव पूर्ण पंक्तियों के लिए -मुबारकबाद !

Arvind Mishra said...

वाह क्या खूब !

महेन्द्र श्रीवास्तव said...

अच्छी लाइनें.. बहुत सुंदर