होंठ कह नहीं सकते फ़साना दिल का,
नज़र से वो बात हो जाती है,
इस उम्मीद में करते हैं इंतज़ार आपका,
कनखियों से ही तेरा दीदार हो जाये !
नज़र से वो बात हो जाती है,
इस उम्मीद में करते हैं इंतज़ार आपका,
कनखियों से ही तेरा दीदार हो जाये !
Posted by Urmi at 11:59 PM
34 comments:
बहुत ही खूब...
सुंदर पंक्तियाँ ....बबली जी..
मन्ना दे का एक गाना याद आ गया "मुहवा से बोलs कनखिया न मारs!!
आप गायब कहाँ हो जाती हैं!!
वाह ....क्या कहने !
रचना के साथ चित्र ......गज़ब
वाह ...बहुत खूब कहा है आपने इन पंक्तियों में ।
होंठ कह नहीं सकते फ़साना दिल का,
नज़र से वो बात हो जाती है,
इस उम्मीद में करते हैं इंतज़ार आपका,
कनखियों से ही तेरा दीदार हो जाये !
बहुत सुन्दर शब्द संयोजन और फोटो उसके एकदम अनुकूल .बहुत बढ़िया प्रस्तुति.कई दिनों बाद पढ़ा आपको.
बहुत खूब ...
बहुत सुन्दर रचना!
kya baat hai bablee ji !
chha gayi aap to.......
albela ji se sahemat ..umda
Lamhe Ye Suhane Saath Ho Na Ho,
Kal Mein Aaj Ki Baat Ho Na Ho,
Yaadoien Ke Hasin Lamhe Dil Mein Hamesha Rahenge,
Chahe Aapse Mulakat Ho Na Ho......
वाह क्या बात है... बहुत ही शानदार... कनखियों से दीदार का आनंद ही जुदा है...
होंठ कह नहीं सकते फ़साना दिल का,
नज़र से वो बात हो जाती है,
इस उम्मीद में करते हैं इंतज़ार आपका,
कनखियों से ही तेरा दीदार हो जाये !
बहुत सुंदर लिखा है, बधाई
कन-अंखियों से तेरा दीदार ... वाह क्या बात कही है...लाज़वाब !!!
बेहतरीन...
श्रीमान जी, मैंने अपने अनुभवों के आधार ""आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें"" हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है. मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग www.rksirfiraa.blogspot.com पर टिप्पणी करने एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.
भावनाओ की कोमल अभिव्यक्ति. बहुत सुंदर.
marmik,mohak panktiyan. sunder ban padi hain badhayi .
खुशनुमा ..बहुत सुंदर रचना .....
बधाई आपको बबली जी ...!!
चार लाइनों में दिल के जज्बात खूबसूरती से
व्यक्त करके आपने दिल को छू लिया है.
बहुत दिनों से मेरे ब्लॉग पर आप नहीं आयीं
हैं.आपका इंतजार है.
वाह क्या बात है... बहुत ही शानदार प्रस्तुति......
jabardast. !
waah !kyaa baat haae ?
क्या खूब लिख दिया है आपने। कविता की तारीफ तो बहुत लोग कर चुके, लेकिन मुझे लगता है फोटो भी छांट कर निकाली है आपने। बहुत मेहनत से खोजी गई लगती है। बधाई।
EXCELLENT...
सुंदर ...प्रभावी पंक्तियाँ.....
कनखियों से दीदार ---- क्या बात है।
बहुत खूब...
क्या आप हिंदी से प्रेम करते हैं? तब एक बार जरुर आये. मैंने अपने अनुभवों के आधार आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लेंहिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है.मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.
होंठ कह नहीं सकते फ़साना दिल का,
नज़र से वो बात हो जाती है,
इस उम्मीद में करते हैं इंतज़ार आपका,
कनखियों से ही तेरा दीदार हो जाये !
bahut sundar
bahut khub
"न कोई वक्त ,न कोई उम्मीद ,न कोई वायदा
खड़े थे रहगुज़र पर ,करना था ,इंतज़ार तेरा ."
इंतजारी का इक आलम यह भी है -
प्रतीक्षा में युग बीत गए ,सन्देश न कोई मिल पाया ,
सच बतलाऊँ तुम्हें प्राण ,इस जीने से मरना भाया ।
अच्छी भाव पूर्ण पंक्तियों के लिए -मुबारकबाद !
वाह क्या खूब !
अच्छी लाइनें.. बहुत सुंदर
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