Thursday, July 21, 2011


तेरी याद में रहती हूँ हरदम बेचैन,
ख़्वाबों में खोए -खोए रहते ये नैन,
तरसता मिलन को पल हर पल मेरा जिया,
तेरे बिन अब न ज़रा आए मुझको चैन !

47 comments:

संजय भास्‍कर said...

वाह ... बहुत कमाल की नज़्म है

संजय भास्‍कर said...

मिलन को पल हर पल मेरा जिया, तेरे बिन अब न ज़रा आए मुझको चैन !
यादें ऐसी ही होती हैं.......बबली जी

Yashwant R. B. Mathur said...

बेहतरीन।

सादर

BK Chowla, said...

A beautiful poem

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत बढ़िया दिल से लिखा गया शेर!

शिवम् मिश्रा said...

बहुत खूब ... बढ़िया भाव ... आभार !

Dr (Miss) Sharad Singh said...

भावनाओं का बहुत सुंदर चित्रण ....

Anupama Tripathi said...

sunder bhaav ...

Rakesh Kumar said...

बबली जी ,आप जल्दी में मेरे ब्लॉग पर होकर चली आयीं है.आपकी जो कुछ अलग हट कर टिपण्णी होती है,वही मन को अधिक भाती है.

आपकी बेचैनी,आपका ख्वाबों में खोया रहना,आपके जिया का हर पल मिलन को तरसना 'विरह' का अद्भूत चित्र प्रस्तुत कर रहें हैं.शानदार प्रस्तुति है जिससे आपके गुलदस्ते में एक ओर फूल सज गया है.
बहुत बहुत आभार.

सदा said...

बहुत ही बढि़या ...।

मुसाफ़िर said...

बहुत सुन्दर तरीके से भावनाओ को शब्दों में उतारा है आपने !

Unknown said...

तेरी याद में रहती हूँ हरदम बेचैन,
तू जो आये, तो चैन भी आ जाये

ख़्वाबों में खोए -खोए रहते ये नैन,
तू नैन मिलाये, तो मज़ा आ जाये

तरसता मिलन को पल हर पल मेरा जिया,
अब तो आजा पिया, हाय तू आ जा पिया

तेरे बिन अब न ज़रा आए मुझको चैन !
दिन तो फिर भी कट जाता है, कैसे काटूँ रैन ?


बहुत ख़ूब उर्मि जी..लगे रहो..आनन्द आ रहा है

kshama said...

Sundar chitr....sundar panktiyan!

Dr.Ashutosh Mishra "Ashu" said...

birah ka charmotkarsh..lajaba hai

Kunwar Kusumesh said...

बहुत बढ़िया .

Neeraj Kumar said...

बेहतरीन...

Dr Varsha Singh said...

बहुत प्यारी रचना...बहुत सुन्दर लिखती हैं आप.

जयकृष्ण राय तुषार said...

बहुत ही सुन्दर रचना बधाई उर्मि जी आपका ब्लॉग पर आना सावन की रिमझिम फुहारों सा लगा |आभार

vidhya said...

बहुत प्यारी रचना...बहुत सुन्दर लिखती हैं आप.

डॉ टी एस दराल said...

फोटो में भी बेचैनी नज़र आ रही है . सुन्दर है .

Bikram said...

very nice , beautiful ..


Bikram's

ज्ञानचंद मर्मज्ञ said...

बहुत बढ़िया !

Manish Khedawat said...

coooooooool

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...

उर्मिजी
फोटो इतने सुंदर न लगाया कीजिए …
देखिए , हमारे प्रिय डॉ.दराल साहब को भी कुछ कुछ होने लगा :)

… और आपके शब्दों का ज़ादू अलबेलाजी के सर चढ़ कर बोल रहा है …

आनंद आ गया … :)

आपकी हर पोस्ट पर लगे ख़ूबसूरत चित्र , जिनमें से कई आपकी बनाई पेंटिंग्स भी हैं … आपकी लघु रचनाओं की ख़ूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं …

हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !

- राजेन्द्र स्वर्णकार

Ravi Rajbhar said...

Bahut khoosurat...
ap ki ijajat ho to ye shayari ham unko bhej de.:):)

प्रेम सरोवर said...

तेरी याद में रहती हूँ हरदम बेचैन,
ख़्वाबों में खोए -खोए रहते ये नैन,
तरसता मिलन को पल हर पल मेरा जिया,
तेरे बिन अब न ज़रा आए मुझको चैन !

आपके अंतर्मन के उदगार किसी भी संवेदनशील व्यक्ति को दोलायमान कर सकते हैं। बहुत ही सुंदर प्रस्तुति। बहुत दिन बाद आपके पोस्ट पर आया हूँ। आपके निर्मल मन की उच्छवास मेरे मन को आदोलित कर गयी।
धन्यवाद।

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

प्रिय बबली जी बहुत खूब -
सुन्दर -मिलन की बेचैनी को खूबसूरती से आँका आप ने -पिय मिलन की आस होती ही ऐसी है
आभार आप का -बधाई भी
भ्रमर ५

Bharat Bhushan said...

चित्र और कविता का सुंदर संगम. बहुत बढ़िया.

sm said...

beautiful poem

पी.एस .भाकुनी said...

khubsurat sher.....abhaar.

Anonymous said...

kamal ki bat kah di tumane

sheetal said...

acchi hain aapki shayri.

ज्योति सिंह said...

nazm ke saath saath tasvir bhi pyari hai .aap aai achchha laga .

hamaarethoughts.com said...

very good! memories are like that!
lovely peotry!

महेन्‍द्र वर्मा said...

बहुत बढ़िया।
तस्वीर के चेहरे का भाव भी यही कह रहा है।

अजय कुमार said...

आनंद आ गया

sheetal said...

shukriya Babliji ki aapko meri kavita pasand aayi.

दिगम्बर नासवा said...

क्या बात है ... खूबसूरत नज़्म ...

महेन्द्र श्रीवास्तव said...

है तो सिर्फ चार ही लाइन, लेकिन बात मुकम्मल है।
बहुत बढिया
शुभकामनाएं.

virendra sharma said...

बहुत खूब इस सादगी पर कौन मर न जाए .बिंदास अभिव्यक्ति .

mridula pradhan said...

bahut achchi lagi......

कविता रावत said...

तरसता मिलन को पल हर पल मेरा जिया,
तेरे बिन अब न ज़रा आए मुझको चैन !
....प्रिय मिलन की उत्कंठा को बढ़िया तरीके से प्रस्तुति किया है आपने...

Udan Tashtari said...

बहुत खूब ...

सहज साहित्य said...

तेरी याद में रहती हूँ हरदम बेचैन,
ख़्वाबों में खोए -खोए रहते ये नैन,
-इन पंक्तियों के साथ चित्र का संयोजन उत्तम है और कविता के भाव को प्रस्फुटित करने वाला है ।

Nivedita Thadani said...

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Madan Mohan Saxena said...

बहुत सुंदर
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Sajid sheikh said...

very nice shayari and very good imges but i thing there should be more quality in photos . But very nice and keep it up