चिरागों से अँधेरे दूर हो जाते,
तो चाँद की चाहत हमें कभी न होती,
अगर कट सकती यह ज़िन्दगी अकेले,
तो हमें आपकी भी ज़रुरत न होती !
तो चाँद की चाहत हमें कभी न होती,
अगर कट सकती यह ज़िन्दगी अकेले,
तो हमें आपकी भी ज़रुरत न होती !
Posted by Urmi at 3:34 AM
47 comments:
वाह, बहुत खूब!
इस शेर में तो आपने दिली हकीकत ही कह डाली!
बहुत लाजवाब शेर ...
अगर कट सकती यह ज़िन्दगी अकेले,
तो हमें आपकी भी ज़रुरत न होती !
.............वाह बेहतरीन !!!!
बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति।
वाह! बबली जी.
चाँद और चिराग
हम और आप
चाँद से अँधेरे दूर करने की चाहत
और उनसे अकेलापन दूर करने की चाहत.
सब चाहत का ही खेल है.
सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति.
क्या बात है - बहुत खूब
खूब कहा है.
बहुत सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति!
एक दम सच कहा ।
MAM DUS NUMBRI UPASTHIT HAI...
BEHTREEN SHER
JAI HIND JAI BHARAT
vaah kya baat hai.
Sach kahtee ho!
बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति।
लाजवाब.
रामराम
ज़रूरत के लिए!! सिर्फ ज़रूरत के लिए!!
आपने बहुत ही काबिले तारीफ शेर अर्ज किया है।इसमें किसी भी सहृदय मनुष्य की संवेदनशील भावनाओं को झकझोर देने का सामर्थ्य है। बहुत सुंदर। धन्यवाद।
bahot pyara.....likha hai.
वाह, बहुत खूब!
SAhi....
lovely worlds!
क्या बात है..कहाँ कट पाती है अकेले....
वाह...लाजवाब...
नीरज
Bahut khoob,Babli!
अगर कट सकती यह ज़िन्दगी अकेले,
तो हमें आपकी भी ज़रुरत न होती !
लाजवाब अभिव्यक्ति ...
दिल की अभिव्यक्ति को
चंद शब्दों में वयां कर दिया
बहुत खूब
beautifulllllll
story of my life it seems ..
Bikram's
बहुत ही प्यारा कता है। बधाई।
............
प्रेम एक दलदल है..
’चोंच में आकाश’ समा लेने की जिद।
Bahut khoob...
sach ke ash-pas hi ye sher.
hamare yaha bhi aaiye... apka swagat hi.
kya bat hain
chalo hamara bhi naam aaya aapaki
shayari mein
अगर कट सकती यह ज़िन्दगी अकेले...
आह...आह...आह
वाह!!!
बहुत लाजवाब शेर
हर कोई चाहता है एक मुठ्ठी आसमान .प्रेम के अभाव में आदमी अ-प्रयोज्य (वेस्तिजियल )अंग हो जाता है .प्रेम बिना जग सूना -तुम बिन जाऊं कहाँ ?
यूं बया अपने घौसले में जुगनुओं से भी काम चलाती है .यूं बच्चा भी अपनी माँ से कहता है मैया मई तो चन्द्र खिलौना लेहिं.हर कोई चाहता उसके जीवन में आके कोई उजास भरे .सहज मन की बिंदास अभिव्यक्ति .
सही लिखा है ... बहुत खूब
As always, its just so well written
वाह ...बहुत खूब कहा है ... बधाई ।
कितना सही लिखा है सुन्दरता के साथ बहुत सुन्दर बहुत अच्छा
तो हमें आपकी जरुरत ना होती....सुपर लाइक
"अक्षय-मन !!कुछ मुक्तक कुछ क्षणिकाएं!! से"
बहुत खूब .
aapki char laino ka jabab nahi hota..bahut shandar
वाह ...गज़ब का मुक्तक
बधाई अच्छे लेखन के लिए .ब्लॉग पर दस्तक के लिए भी .
बधाई अच्छे लेखन के लिए .ब्लॉग पर दस्तक के लिए भी .
बधाई !
जिंदगी तनहा नहीं कटती ये सच है... बखूबी कहा अपने...
Beautiful :)
sach hain wakai main jindagi akele nahi katti.
accha sher hain.
जीवन में सबकी ज़रूरत अपरिहार्य है , चाँद की भी और मन की बात समझने वाले की भी । उम्दा पेशकश !
भावपूर्ण प्रस्तुति!
अति सुन्दर मन मोहित होगया आप के ब्लॉग पे आने से इस केलिए आप को बहुत बहुत धन्यवाद्
आप मेरे ब्लॉग पे भी अपना कीमती समय निकाल के आवे
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