कभी दिल को, कभी शम्माँ को जलाकर रोए,
तेरी यादों को सीने से लगाकर रोए,
रात की गोद में जब सो गई दुनिया सारी,
तो हम चाँद की इक तस्वीर बनाकर रोए !
तेरी यादों को सीने से लगाकर रोए,
रात की गोद में जब सो गई दुनिया सारी,
तो हम चाँद की इक तस्वीर बनाकर रोए !
41 comments:
वाह वाह वाह .....गजब ...!
बहुत शानदार मुक्तक लिखा है आपने तो!
रोने का ढंग अच्छा लगा!
.
उर्मि जी
कमाल का लिखा है …
रात की गोद में जब सो गई दुनिया सारी
तो हम चाँद की इक तस्वीर बनाकर रोए
वाह वाऽऽह… बहुत ख़ूब !
रक्षाबंधन एवं स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाओ के साथ
-राजेन्द्र स्वर्णकार
विरह का सुन्दर प्रस्तुतीकरण किया है आपने.
सूरदास जी का गोपियों के विरह का वर्णन याद आ रहा है
'अँखियाँ हरि दर्शन की प्यासी
देखन चाहत कमल नयन को
निशदिन रहत उदासी'
हृदय में प्यार की पीर जगाई है आपने.
सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.
रक्षा बंधन के पावन पर्व पर आपको हार्दिक शुभ कामनाएं.
रात की गोद में जब सो गई दुनिया सारी
तो हम चाँद की इक तस्वीर बनाकर रोए .....
बहुत खूब...रोए भी तो तस्वीर बनाकर रोए...क्या बात है...?????
वाह ...बहुत ही बढि़या ।
बहुत खूब कहा आपने ....बड़े दर्द से दर्द को बयां किया है !!!!!
बबली जी...उम्दा शायरी...
अर्ज़ किया है..
ग़ुस्ताख़ियों के शमां में, बरबादियों का ज़श्न हुआ,
महफ़िल-ए-बेवफ़ाई में, हर लम्हा अश्क से बयां हुआ.
जो इक ग़ुस्ताख़ नज़र ने, हाल-ए-दिल को पढ़ लिया.
जश्न-ए-बरबादी, महफ़िल-ए-इश्क में बदल गयी.
bahut sunder......
bahut achche shabd umda shayeri.
चाँद की सूरत बना कर रोए.
बहुत खूब.
वाह वाह वाह .....गजब ...!
क्या कहूँ
बहुत खूब ..सुन्दर
बहुत सुंदर.
रामराम.
बहुत सुन्दर कोमल भावों को संजोये हुए शब्द ...
lajwaab .....prastuti .
बहुत गहन अभिव्यक्ति ।
Bahut khub mam, apne to rula hi diya....
Jai hind jai bharat
बबली जी
कभी दिल को, कभी शम्माँ को जलाकर रोए,
तेरी यादों को सीने से लगाकर रोए,
रात की गोद में जब सो गई दुनिया सारी,
तो हम चाँद की इक तस्वीर बनाकर रोए
बहुत ही अच्छा लिखा है.
रक्षा बंधन के पावन पर्व पर आपको हार्दिक शुभ कामनाएं.
गजब है, गजब है.
उम्दा ... जबरदस्त भाव ...आह ! दिल से निकले अल्फाज़ को ,दर्द में भिगो दिए है आपने
Admirable ! Very nice.
Wah Babli! Kamaal kar diya!
Hi Babli Di !! Visiting you after a long time !! This is really a beautiful poem !! I loved it !! great..
Wow! gazab..
Wonderfully done!
तो हम चाँद की इक तस्वीर बनाकर रोए
beautifully written
खूबसूरत
रक्षाबन्धन के पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएँ!
रात की गोद में जब सो गई दुनिया सारी
तो हम चाँद की इक तस्वीर बनाकर रोए
लाजवाब पंक्तियां।
रोने के बाद असीम शांति का अनुभव होता है, इसलिए रोना भी जरूरी है।
रात की गोद में जब सो गई दुनिया सारी,
तो हम चाँद की इक तस्वीर बनाकर रोए !
बहुत सुंदर...बधाई.
आज का आगरा ,भारतीय नारी,हिंदी ब्लॉगर्स फ़ोरम इंटरनेशनल , ब्लॉग की ख़बरें, और एक्टिवे लाइफ ब्लॉग की तरफ से रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं
सवाई सिंह राजपुरोहित आगरा
आप सब ब्लॉगर भाई बहनों को रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई / शुभकामनाएं
aapka jawaaab nahi :)
वाह वाह सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.
मन को छूने वाली...ख़ूबसूरत रचना..
बबली जी क्या बात है -शानदार मुक्तक -ये तस्वीरें भूलती कहाँ है ......
आप सब को भी राखी और स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएं
धन्यवाद आप का
भ्रमर५
रात की गोद में जब सो गई दुनिया सारी
तो हम चाँद की इक तस्वीर बनाकर रोए
kya bat hain
vah vah
वाह दिल को छु गए शब्द
तेरी यादों को सीने से लगाकर रोए,
रात की गोद में जब सो गई दुनिया सारी,
तो हम चाँद की इक तस्वीर बनाकर रोए ! बहुत खूब !बस आपके पहलू में आये ,रो दिए . यौमे आज़ादी की सालगिरह मुबारक .
http://veerubhai1947.blogspot.com/
संविधान जिन्होनें पढ़ा है .....
रविवार, १४ अगस्त २०११
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
Sunday, August 14, 2011
चिट्ठी आई है ! अन्ना जी की PM के नाम
वाह ... कमाल की कप्लाना है ... गज़ब अंदाज़ ....
yadon ko yad karne kee achhi rah. sunder kavita.
mere blog se yad ke liye-----
aaj yad kya aai unkee
kabra se uthaker aansu bahane lage.
www.nature7speaks.blogspot.com
wah kya baat hain.
bahut bahut sundar likha aapne
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