WAH-WAH--babli ji bahut hi khoobsurat lage aapke sher.maja aa gaya padh kar. bahut hi sundar badhai --- deri se comment dene ke liye xhama chahti hun dhanyvaad poonam
babli ji..aaj maine aapki july se lekar september tak ki sari post padhne ka lutf uthaya..kahin rumaniyat hai, kahin avsar bishesh ki anokhi chata ki prastuti hai..kam shabdon me apne baat kahne me aapko maharat hasil hai..dher sari shubhkamnaon aaur badhayee ke sath
बबली जी, बहुत खूब. वाह आप लिखती सिर्फ चार लाइन ही है,लेकिन दिल पर असर कर जाती है,अगर आपके पास समय हो तो मेरे अपने ब्लॉग में आने के लिए आमन्त्रित करता हूँ.... http://dheerendra11.blogspot.com मेरी बहुत बहुत शुभ कामनाये बधाई इसी तरह निरंतर लिखती रहें....
खुशबू की तरह आपके पास बिखर जाऊँगी, सुकून बनकर दिल में उतर जाऊँगी, ज़रा महसूस करने की कोशिश कीजिये, दूर रहकर भी पास नज़र आऊँगी !bahut khoob bahut hi rumaniyat liye hue bahut hi badiyaa post.badhaai aapko .
क्या खूबसूरत भाव हैं!खुशबू बिखरती है तो सबके मन को तन को सुवासित कर देती है ।दिल में सुकून बनकर उतरना एकदम नवल कल्पना है । आत्मीयता अगर होती है तो स्थान की दूरियाँ स्वत: ख़त्म हो जाती हैं । उर्मि जी आपने गागर में खुशबू का सागर भर दिया है इन पंक्तियों में- खुशबू की तरह आपके पास बिखर जाऊँगी, सुकून बनकर दिल में उतर जाऊँगी, ज़रा महसूस करने की कोशिश कीजिये, दूर रहकर भी पास नज़र आऊँगी !
I am a very cheerful, friendly and fun loving girl and have a great passion for travelling as I love to explore new places, love cooking, reading books, writing Hindi poems and English articles by which I am able to express my thoughts and feelings.
52 comments:
वाह ...बहुत खूब कहा है ।
Kya kahun? Phir ek baar alfaaz kee mohtaaji hai!
वाह वाह …………बहुत खूब कहा।
bahut khoob..
true love that is :)
Bikram's
nazar aate rahiye aap babli jee
bade dino baad likha par khub accha likha.
आज मूढ़ बदला बदला सा है ।
अति सुन्दर ।
बेहतरीन।
सादर
----
परिंदों का मन
बात तो सही है, लेकिन इस बीच काफी लंबा अंतराल रहा!! सब ठीक-ठाक तो है ना!!
क्या बात है
......सुंदर पंक्तियाँ...बबली जी
ननिहाल की कुछ यादें
मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है
संजय भास्कर
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
waha bahut khub ...chand pankatiyon mei abhivykati
लाजवाब.
रामराम
वाह ...बहुत खूब ......
wah... bahut khoob..very nice.
humesha ki tarah pyaari shayeri.
bahut khoob :)
Once again ,very beautiful !Have a great weekend Babli.
WAH-WAH--babli ji bahut hi khoobsurat lage aapke sher.maja aa gaya padh kar.
bahut hi sundar
badhai ---
deri se comment dene ke liye xhama chahti hun
dhanyvaad
poonam
सुंदर पंक्तियाँ बबली जी. बधाई.
आह --आह --वा-ह
babli ji..aaj maine aapki july se lekar september tak ki sari post padhne ka lutf uthaya..kahin rumaniyat hai, kahin avsar bishesh ki anokhi chata ki prastuti hai..kam shabdon me apne baat kahne me aapko maharat hasil hai..dher sari shubhkamnaon aaur badhayee ke sath
ज़रा महसूस करने की कोशिश कीजिये,
दूर रहकर भी पास नज़र आऊँगी !
बेशक़...
बहुत खूब.
बबली जी, बहुत खूब. वाह आप लिखती सिर्फ चार लाइन ही है,लेकिन दिल पर असर कर जाती है,अगर आपके पास समय हो तो मेरे अपने ब्लॉग में आने के लिए आमन्त्रित करता हूँ....
http://dheerendra11.blogspot.com
मेरी बहुत बहुत शुभ कामनाये बधाई इसी तरह निरंतर लिखती रहें....
वाह,खुशबू यहाँ तक महसूस हो रही है.
खुशबू की तरह बिखरना...
वाह, सुंदर भाव।
सुन्दर पंक्तियाँ!!
आपका भी जबाब नहीं ,बबली जी
देरी से तो आयीं पर पास ही नजर आयीं.
सकून बनकर हमेशा ही दिल में उतरती हैं आप.
इसलिये आपकी देरी बेचैन कर देती हैं.
बहुत खूब कहा है । सुन्दर पंक्तियाँ...बबली जी ।
खुबसूरत शब्दों के साथ दिल में उतर गई पंक्तियाँ.
वाह! बहुत ख़ूब!
wah ! behatarin alfazoan ko sanjoya hai aapne ..ek badhiya shayari
http://eksacchai.blogspot.com
बहुत दिन के बाद आपका ब्लॉग पर लौटना हुआ है. खूबसूरत भावनाओं को इन पंक्तियों में आप ने बहुत खूबी पिरोया है.
सुन्दर पंक्तियाँ ||
लाजवाब ||
वाह ! बहुत सुन्दर
बहुत खूब...
bahut khhob ....ahsas har vakt paas rhta hai..
ati sunder alfaz nahi hain mere paas...........
amita
वाह वाह …………बहुत खूब कहा।
हमेशा की तरह ... लाजवाब नज़्म और खूबसूरत चित्र ... नव रात्री की मंगल कामनाएं ..
खूबसूरत भावनाओं को इन पंक्तियों में आप ने बहुत खूबी से पिरोया है|
आपको मेरी तरफ से नवरात्री की ढेरों शुभकामनाएं. .
जय माता दी..
♥
वाह … अच्छा है
आपको सपरिवार
नवरात्रि पर्व की बधाई और शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !
-राजेन्द्र स्वर्णकार
खुशबू की तरह आपके पास बिखर जाऊँगी,
सुकून बनकर दिल में उतर जाऊँगी,
ज़रा महसूस करने की कोशिश कीजिये,
दूर रहकर भी पास नज़र आऊँगी !bahut khoob bahut hi rumaniyat liye hue bahut hi badiyaa post.badhaai aapko .
क्या खूबसूरत भाव हैं!खुशबू बिखरती है तो सबके मन को तन को सुवासित कर देती है ।दिल में सुकून बनकर उतरना एकदम नवल कल्पना है । आत्मीयता अगर होती है तो स्थान की दूरियाँ स्वत: ख़त्म हो जाती हैं । उर्मि जी आपने गागर में खुशबू का सागर भर दिया है इन पंक्तियों में-
खुशबू की तरह आपके पास बिखर जाऊँगी,
सुकून बनकर दिल में उतर जाऊँगी,
ज़रा महसूस करने की कोशिश कीजिये,
दूर रहकर भी पास नज़र आऊँगी !
bhut acha.
बहुत सुंदर
क्या कहने
wow hamesha ki tarahai lajawab
बहुत बेहतरीन!!!
अतिउत्तम।
ज़रा महसूस करने की कोशिश कीजिये,
दूर रहकर भी पास नज़र आऊँगी !
बहुत खूब
kya baat hai bahut hi achha.
Post a Comment