Friday, September 23, 2011


खुशबू की तरह आपके पास बिखर जाऊँगी,
सुकून बनकर दिल में उतर जाऊँगी,
ज़रा महसूस करने की कोशिश कीजिये,
दूर रहकर भी पास नज़र आऊँगी !

52 comments:

सदा said...

वाह ...बहुत खूब कहा है ।

kshama said...

Kya kahun? Phir ek baar alfaaz kee mohtaaji hai!

vandana gupta said...

वाह वाह …………बहुत खूब कहा।

Bikram said...

bahut khoob..
true love that is :)


Bikram's

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

nazar aate rahiye aap babli jee

sheetal said...

bade dino baad likha par khub accha likha.

डॉ टी एस दराल said...

आज मूढ़ बदला बदला सा है ।
अति सुन्दर ।

Yashwant R. B. Mathur said...

बेहतरीन।

सादर
----
परिंदों का मन

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

बात तो सही है, लेकिन इस बीच काफी लंबा अंतराल रहा!! सब ठीक-ठाक तो है ना!!

संजय भास्‍कर said...

क्या बात है
......सुंदर पंक्तियाँ...बबली जी

संजय भास्‍कर said...

ननिहाल की कुछ यादें 
मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है
संजय भास्कर
http://sanjaybhaskar.blogspot.com

Anju (Anu) Chaudhary said...

waha bahut khub ...chand pankatiyon mei abhivykati

ताऊ रामपुरिया said...

लाजवाब.

रामराम

Sunil Kumar said...

वाह ...बहुत खूब ......

hamaarethoughts.com said...

wah... bahut khoob..very nice.

Rajesh Kumari said...

humesha ki tarah pyaari shayeri.

Manish Khedawat said...

bahut khoob :)

Kavita Saharia said...

Once again ,very beautiful !Have a great weekend Babli.

पूनम श्रीवास्तव said...

WAH-WAH--babli ji bahut hi khoobsurat lage aapke sher.maja aa gaya padh kar.
bahut hi sundar
badhai ---
deri se comment dene ke liye xhama chahti hun
dhanyvaad
poonam

रचना दीक्षित said...

सुंदर पंक्तियाँ बबली जी. बधाई.

अजय कुमार said...

आह --आह --वा-ह

Dr.Ashutosh Mishra "Ashu" said...

babli ji..aaj maine aapki july se lekar september tak ki sari post padhne ka lutf uthaya..kahin rumaniyat hai, kahin avsar bishesh ki anokhi chata ki prastuti hai..kam shabdon me apne baat kahne me aapko maharat hasil hai..dher sari shubhkamnaon aaur badhayee ke sath

Dr (Miss) Sharad Singh said...

ज़रा महसूस करने की कोशिश कीजिये,
दूर रहकर भी पास नज़र आऊँगी !

बेशक़...
बहुत खूब.

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बबली जी, बहुत खूब. वाह आप लिखती सिर्फ चार लाइन ही है,लेकिन दिल पर असर कर जाती है,अगर आपके पास समय हो तो मेरे अपने ब्लॉग में आने के लिए आमन्त्रित करता हूँ....
http://dheerendra11.blogspot.com
मेरी बहुत बहुत शुभ कामनाये बधाई इसी तरह निरंतर लिखती रहें....

Kunwar Kusumesh said...

वाह,खुशबू यहाँ तक महसूस हो रही है.

महेन्‍द्र वर्मा said...

खुशबू की तरह बिखरना...
वाह, सुंदर भाव।

Anupam Karn said...

सुन्दर पंक्तियाँ!!

Rakesh Kumar said...

आपका भी जबाब नहीं ,बबली जी
देरी से तो आयीं पर पास ही नजर आयीं.
सकून बनकर हमेशा ही दिल में उतरती हैं आप.
इसलिये आपकी देरी बेचैन कर देती हैं.

Maheshwari kaneri said...

बहुत खूब कहा है । सुन्दर पंक्तियाँ...बबली जी ।

अभिषेक मिश्र said...

खुबसूरत शब्दों के साथ दिल में उतर गई पंक्तियाँ.

वीरेंद्र सिंह said...

वाह! बहुत ख़ूब!

SACCHAI said...

wah ! behatarin alfazoan ko sanjoya hai aapne ..ek badhiya shayari

http://eksacchai.blogspot.com

Bharat Bhushan said...

बहुत दिन के बाद आपका ब्लॉग पर लौटना हुआ है. खूबसूरत भावनाओं को इन पंक्तियों में आप ने बहुत खूबी पिरोया है.

रविकर said...

सुन्दर पंक्तियाँ ||

लाजवाब ||

Kailash Sharma said...

वाह ! बहुत सुन्दर

संध्या शर्मा said...

बहुत खूब...

सु-मन (Suman Kapoor) said...

bahut khhob ....ahsas har vakt paas rhta hai..

amita kaundal said...

ati sunder alfaz nahi hain mere paas...........
amita

vidhya said...

वाह वाह …………बहुत खूब कहा।

दिगम्बर नासवा said...

हमेशा की तरह ... लाजवाब नज़्म और खूबसूरत चित्र ... नव रात्री की मंगल कामनाएं ..

Patali-The-Village said...

खूबसूरत भावनाओं को इन पंक्तियों में आप ने बहुत खूबी से पिरोया है|

Sawai Singh Rajpurohit said...

आपको मेरी तरफ से नवरात्री की ढेरों शुभकामनाएं. .
जय माता दी..

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...




वाह … अच्छा है

आपको सपरिवार
नवरात्रि पर्व की बधाई और शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !

-राजेन्द्र स्वर्णकार

prerna argal said...

खुशबू की तरह आपके पास बिखर जाऊँगी,
सुकून बनकर दिल में उतर जाऊँगी,
ज़रा महसूस करने की कोशिश कीजिये,
दूर रहकर भी पास नज़र आऊँगी !bahut khoob bahut hi rumaniyat liye hue bahut hi badiyaa post.badhaai aapko .

सहज साहित्य said...

क्या खूबसूरत भाव हैं!खुशबू बिखरती है तो सबके मन को तन को सुवासित कर देती है ।दिल में सुकून बनकर उतरना एकदम नवल कल्पना है । आत्मीयता अगर होती है तो स्थान की दूरियाँ स्वत: ख़त्म हो जाती हैं । उर्मि जी आपने गागर में खुशबू का सागर भर दिया है इन पंक्तियों में-
खुशबू की तरह आपके पास बिखर जाऊँगी,
सुकून बनकर दिल में उतर जाऊँगी,
ज़रा महसूस करने की कोशिश कीजिये,
दूर रहकर भी पास नज़र आऊँगी !

Dr.NISHA MAHARANA said...

bhut acha.

महेन्द्र श्रीवास्तव said...

बहुत सुंदर
क्या कहने

anilbigopur said...

wow hamesha ki tarahai lajawab

Udan Tashtari said...

बहुत बेहतरीन!!!

Dr.NISHA MAHARANA said...

अतिउत्तम।

M VERMA said...

ज़रा महसूस करने की कोशिश कीजिये,
दूर रहकर भी पास नज़र आऊँगी !
बहुत खूब

शाहजाहां खान “लुत्फ़ी कैमूरी” said...

kya baat hai bahut hi achha.