Say thank you you looking for another extraordinary article. Where else could anybody suffer from that kind of intelligence in such a gargantuan path of writing.
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41 comments:
बबली जी...
क्या खूब लिखा शेर आपने ...
आप भले ही रहो दूर नजरों से,
पर बंद पलको में अपनी झलक रहने दो|
सुंदर पोस्ट,...
कोमल भावनाओं को व्यक्त करती खूबसूरत पंक्तियाँ.
सुंदर भाव ...उतम रचना ...!
nice couplet
आप भले ही रहो दूर नजरों से,
पर बंद पलको में अपनी झलक रहने दो|
laakh door raho nazron se
hamein paas paaoge
itne bedil bhee nahee
ruswaa ho jaayein tumse
वाह ... वाह ...
बहुत सुन्दर
Bahut khoob Babli,bahut khoob!
बहुत खूब ...
sunder khwaish ..
Beautiful composition!
Absolutely wonderful Shayari !
nice
पर बंद पलकों में अपनी झलक रहने दो
सुंदर पोस्ट
very nice! love the beau ..to always keep him in my eyes ..never let off go..wide awake or asleep!
very close to reality.
अतिसुन्दर
मर्मस्पर्सी
सुन्दर
manzil ko paane ki lalak rehne do zyaada suit karta shayad babli ji...
बहुत खूब...वाह.....
सादर बधाई...
Babli ji
bahut accha laga aapka ye sher.
bahut khoob.daad kabool karo.
वाह क्या बात कही है ... बंद अंकों में ख्याल रहने देना चाहिए ... लाजवाब शेर ...
वाह ...बहुत बढि़या ।
वाह..बहुत सुन्दर ....:))
bahut sundar ...swapnil aankhon ke sapne..umda
बबली जी गजब की छवि प्रस्तुत की आप ने इस पोस्ट में ..ऐसा भी होता है चाहत में ...मन को छू गयी
भ्रमर ५
आप भले ही रहो दूर नजरों से,
पर बंद पलको में अपनी झलक रहने दो|
वाह , बहुत सुन्दर ।
वाह क्या खूब लिखा है, जबरदस्त !!
बहुत सुन्दर
bhut khub .
chand shabdon mein saari baat kah daali... kaafi dinon baad mauka mila hai logon ko padhne ka... sabse pahle aapke dwar pe aaya hun...
खूबसूरत अभिव्यक्ति.
वाह क्या कहना ! भावपूर्ण तमन्नाओं की कसक !
बधाई हो !
अहा! क्या बात है!!
पर बंद पलकों में अपनी झलक रहने दो.
क्या बात है बबली जी.
आपकी शायरी का भी जबाब नही.
खूबसूरत प्रस्तुति के लिए आभार.
komal bhaw.....bahot sunder.
Very beautifully written. Touched the heart. Loved it.
Have a wonderful week ahead Babli:)
आप भले ही रहो दूर नजरों से,
पर बंद पलको में अपनी झलक रहने दो|
yah hui naa bat bahut khub
kya kahein sahab... bahut shandar...
बहुत खूब कहा है बबली .बंद पलकों को खोलना मना है .
बहुत खूब!!
<
26/11/2011को आपकी पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
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