Saturday, November 19, 2011


बेताब तमन्नाओ की कसक रहने दो,
मंजिल को पाने की झलक रहने दो,
आप भले ही रहो दूर नज़रों से,
पर बंद पलकों में अपनी झलक रहने दो !

41 comments:

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बबली जी...
क्या खूब लिखा शेर आपने ...

आप भले ही रहो दूर नजरों से,
पर बंद पलको में अपनी झलक रहने दो|
सुंदर पोस्ट,...

Bharat Bhushan said...

कोमल भावनाओं को व्यक्त करती खूबसूरत पंक्तियाँ.

केवल राम said...

सुंदर भाव ...उतम रचना ...!

Nirantar said...

nice couplet
आप भले ही रहो दूर नजरों से,
पर बंद पलको में अपनी झलक रहने दो|


laakh door raho nazron se
hamein paas paaoge
itne bedil bhee nahee
ruswaa ho jaayein tumse

शिवम् मिश्रा said...

वाह ... वाह ...

vandana gupta said...

बहुत सुन्दर

kshama said...

Bahut khoob Babli,bahut khoob!

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत खूब ...

Anupama Tripathi said...

sunder khwaish ..

Rahul Bhatia said...

Beautiful composition!

Ramakrishnan said...

Absolutely wonderful Shayari !

Randhir Singh Suman said...

nice

sm said...

पर बंद पलकों में अपनी झलक रहने दो
सुंदर पोस्ट

hamaarethoughts.com said...

very nice! love the beau ..to always keep him in my eyes ..never let off go..wide awake or asleep!
very close to reality.

Arun sathi said...

अतिसुन्दर
मर्मस्पर्सी
सुन्दर

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

manzil ko paane ki lalak rehne do zyaada suit karta shayad babli ji...

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

बहुत खूब...वाह.....
सादर बधाई...

sheetal said...

Babli ji
bahut accha laga aapka ye sher.

Rajesh Kumari said...

bahut khoob.daad kabool karo.

दिगम्बर नासवा said...

वाह क्या बात कही है ... बंद अंकों में ख्याल रहने देना चाहिए ... लाजवाब शेर ...

सदा said...

वाह ...बहुत बढि़या ।

सु-मन (Suman Kapoor) said...

वाह..बहुत सुन्दर ....:))

डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति said...

bahut sundar ...swapnil aankhon ke sapne..umda

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

बबली जी गजब की छवि प्रस्तुत की आप ने इस पोस्ट में ..ऐसा भी होता है चाहत में ...मन को छू गयी
भ्रमर ५

आप भले ही रहो दूर नजरों से,
पर बंद पलको में अपनी झलक रहने दो|

डॉ टी एस दराल said...

वाह , बहुत सुन्दर ।

कुमार संतोष said...

वाह क्या खूब लिखा है, जबरदस्त !!

डॉ. दिलबागसिंह विर्क said...

बहुत सुन्दर

Dr.NISHA MAHARANA said...

bhut khub .

Crazy Codes said...

chand shabdon mein saari baat kah daali... kaafi dinon baad mauka mila hai logon ko padhne ka... sabse pahle aapke dwar pe aaya hun...

Sapna Nigam ( mitanigoth.blogspot.com ) said...

खूबसूरत अभिव्यक्ति.

Jeevan Pushp said...

वाह क्या कहना ! भावपूर्ण तमन्नाओं की कसक !
बधाई हो !

मनोज कुमार said...

अहा! क्या बात है!!

Rakesh Kumar said...

पर बंद पलकों में अपनी झलक रहने दो.

क्या बात है बबली जी.
आपकी शायरी का भी जबाब नही.

खूबसूरत प्रस्तुति के लिए आभार.

mridula pradhan said...

komal bhaw.....bahot sunder.

Arti said...

Very beautifully written. Touched the heart. Loved it.
Have a wonderful week ahead Babli:)

Sunil Kumar said...

आप भले ही रहो दूर नजरों से,
पर बंद पलको में अपनी झलक रहने दो|

yah hui naa bat bahut khub

लोकेन्द्र सिंह said...

kya kahein sahab... bahut shandar...

virendra sharma said...

बहुत खूब कहा है बबली .बंद पलकों को खोलना मना है .

Udan Tashtari said...

बहुत खूब!!

Anupama Tripathi said...

<
26/11/2011को आपकी पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

Always Unlucky said...

Say thank you you looking for another extraordinary article. Where else could anybody suffer from that kind of intelligence in such a gargantuan path of writing.

From everything is canvas