पल पल तरसते थे जिस पल के लिए,
वो पल भी आया तो कुछ पल के लिए,
सोचा था उस पल को ज़िन्दगी बनालें,
पर वो पल भी ठहरा तो कुछ पल के लिए !
वो पल भी आया तो कुछ पल के लिए,
सोचा था उस पल को ज़िन्दगी बनालें,
पर वो पल भी ठहरा तो कुछ पल के लिए !
Posted by Urmi at 10:06 PM
40 comments:
बहुत सुंदर चित्र है... और पंक्तियाँ तो कमाल की हैं... बेवफा पल-वाह!
Jin palon se zindagee ban saktee hai,wo pal to kabhi thaharte hee nahee...bas beet jate hain!Bahut sundar rachana!
zindgee kaa khel
aisaa hee hotaa
ek pal rulaataa
ek pal hansaataa
ek pal lubhaataa
मन मोह गयी यह सुन्दर पंक्तियाँ...
sunder prastuti ke liye badhai
bahut hiu sunder bhav chipa rakhe hai isme
waah
पलों का हासिल ,नखलिस्तान ही तो ज़िन्दगी का हासिल है शेष ज़िन्दगी तो समझौता है .'समझौता एक्सप्रेस' है .आपकी ब्लोगिया टिपण्णी के लिए शुक्रिया .
waah,waah,waah !
bahut hi sundar !
वाह ...बहुत ही बढि़या।
पल ही पल में कितने पल समेट लिए लिए आपने ... लाजवाब ...
आज तो क्या ग़ज़ब ढाया है .
पढ़कर बड़ा आनंद आया है .
बधाई .
बहुत सुंदर पंक्तियाँ.बधाई .
यह पल पल का ही खेल है ..सुन्दर अभिव्यक्ति
बेहतरीन।
सादर
bahut sundar panktiya.
सुन्दर!!
अति सुन्दर |
शुभकामनाएं ||
dcgpthravikar.blogspot.com
आपकी कविता ने एक गाना याद दिला दिया.
गाना है:-
पल पल दिल के पास तुम रहती हो..............
बढि़या। काश ऐसा हो सकता जैसा एक शायर ने कहा है- एक अटका हुआ है पल शायद। वक्त में पड़ गया है बल शायद।
waah !
anupam !!!
आपकी ये रचना मुझे बहुत अच्छी लगी,..बधाई
पोस्ट पर आने के लिए आभार...
नेताओं की पूजा क्यों, क्या ये पूजा लायक है
देश बेच रहे सरे आम, ये ऐसे खल नायक है,
इनके करनी की भरनी, जनता को सहना होगा
इनके खोदे हर गड्ढे को,जनता को भरना होगा,
पर वो पल भी ठहरा तो कुछ पल के लिए ...
खूबसूरत और भावमयी प्रस्तुति .
बहुत सुंदर
bahut hi badhiya likha hai ,tasvir achchhi lagi .
पर वो पल भी ठहरा तो कुछ पल के लिए !
nice
just remembered song pal pal dil ke pass tum
oye hoye..
Lovely.. remembered somethin ..in the past :))
nice as usual.. few words but very real!!
ज़रा कम शिद्दत से पढता हूँ आपकी हर रचना....
सोचता हूँ थोड़ी बचा लूं आने वाले कल के लिए....
Beautiful verses as always.Hope you are doing good Babli.
vaah bahut khoob pal khud itna chanchal hota hai ki kahin bhi thaharta nahi.
बहुत सुंदर ....!
पल-पल काटा इस एक पल के
इतजार में ....!
बधाई !
aaj to kamal ho gaya ..behtarin ..ek shabd ka badi hee khubsurti ke sath prastut kiya hai..dher sari badhayee
wah ! adbhut shyari
बहुत सुन्दर भाव!! दिल से निकले हुए!!
sundar .... maja aa gaya ...sadar aabhar .
आपने तो बच्चन जी की मधुशाला
याद दिला दी
कल कल करता बीत गया कल
कल है फिर आने वाला
सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार,उर्मी जी.
बहत खूब ...अनुप्रास अलंकार का अच्छा तालमेल तालमेल ..बहुत सुन्दर रचना
Absolutely wonderful & so meaningful. I am reminded of visits to Tirupati. We wait endlessly for the darshan but when we reach the sanctum of Sri Venkatachalapathy the time for darsan is so short. Before you know it they usher you out - but we come out with great satisfaction and really savor those few precious moments before the Lord Almighty!
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति , बधाई
Oh..ho..great! really I liked it very much!
आपका पोस्ट अच्छा लगा । मेरे नए पोस्ट "खुशवंत सिंह" पर आपकी प्रतिक्रियायों की आतुरता से प्रतीक्षा रहेगी । धन्यवाद ।
‘पल‘ शब्द का बहुत सुंदर आलंकारिक प्रयोग करने से कविता में चार चांद लग गए हैं।
पल पल तरसते थे जिस पल के लिए,
वो पल भी आया तो कुछ पल के लिए,
पल के महत्त्व को आअप्ने बहुत खूब्सूरती से पिरोया है । मेरी हार्दिक बधाई, इन पंक्तियों के लिए-
पल पल तरसते थे जिस पल के लिए,
वो पल भी आया तो कुछ पल के लिए,
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