वो न आए उनकी याद वफ़ा कर गई, उनसे मिलने की चाह सुकून तबाह कर गई, आहट दरवाज़े की हुई तो उठकर देखा, मज़ाक हमसे हवा कर गई ! सुन्दर प्रस्तुति .इसे भी पढ़ें - अंदाज़ हु -बा -हु उनकी आवाज़े पा का था ,बाहर निकलके देखा तो झोंका हवा का था . आवाज़े पा का मतलब पैरों की आवाज़ पदचाप .
आहट दरवाज़े की हुई तो उठकर देखा, मज़ाक हमसे हवा कर गई ! वाह....कम शब्दों में बहुत कुछ कह जाती हैं आप गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें. vikram7: कैसा,यह गणतंत्र हमारा.........
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35 comments:
बहुत बढ़िया मुक्त लिखा है आपने!
बहुत सुंदर रचना,बेहतरीन पोस्ट....अच्छी लगी
new post...वाह रे मंहगाई...
वो न आए उनकी याद वफ़ा कर गई,
उनसे मिलने की चाह सुकून तबाह कर गई,
आहट दरवाज़े की हुई तो उठकर देखा,
मज़ाक हमसे हवा कर गई !
सुन्दर प्रस्तुति .इसे भी पढ़ें -
अंदाज़ हु -बा -हु उनकी आवाज़े पा का था ,बाहर निकलके देखा तो झोंका हवा का था .
आवाज़े पा का मतलब पैरों की आवाज़ पदचाप .
यह मुई हवा भी मजाक कर गई.
वाह!
पर प्यार में क्या कुछ नही होता.
आपकी प्रस्तुति प्यारभरी प्यारी सी है.
वाह! क्या बात है।
वाब बहुत बढिया
मज़ाक हमसे हवा कर गई !
बहुत खूब कहा है ।
aapne sochaa aapke saath hee aisaa huaa hai
mohabbat mein doobe har shakhsh ke saath aisaa hee huaa hai
vaah....kya baat hai.
बहुत सुंदर रचना.
आपकी इन पंक्तियों पे किसी शायर का एक शेर याद आता है .
मेरी हर आहट पे तेरा ध्यान है ।
ज़िन्दगी तेरा बड़ा एहसान है ।
wah
bahut sundar lajvb..
सुंदर मुक्तक हर बार की तरह.
बधाई.
Vaah kya baat hai ... Hava ka haseen mazaak ... Lajawab ...
मासूमियत से भरी कविता!!
हवा नहीं 'पवनदूतिका' कहिए जो उनकी महक लेकर आई थी।
वाह ...बहुत खूब ।
सुन्दर अभिव्यक्ति.
WAAH...WAAH...WAAH...
Kya baat hai Babli!
हवा का क्रूर मज़ाक..... सुंदर पंक्तियाँ.
wah wah!
yeh hwayien bhi ajeeb hai...
har kisi sey chedkhani karti hai!
:)
मजाक हमसे हवा कर गयी... बहुत खूबसूरत....
आपके इस उत्कृष्ठ लेखन का आभार ...
।। गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं ।।
सुन्दर प्रस्तुति .हवा का मानवीकरण ,पवन दूतिका बना दिया हवा को .वाह .
wah bahut khoob...
आहट दरवाज़े की हुई तो उठकर देखा,
मज़ाक हमसे हवा कर गई !
वाह....कम शब्दों में बहुत कुछ कह जाती हैं आप
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.
vikram7: कैसा,यह गणतंत्र हमारा.........
बहुत सुंदर रचना!
बहुत खूब ! खूबसूरत अश'आर! बधाई कबूले |
शुभकामनाएँ!
Wah khoobh. Bahut badhiya.
उनसे मिलने की चाह सुकून तबाह कर गई
बहुत बढ़िया
सुंदर अभिव्यक्ति..
आहट दरवाज़े की हुई तो उठकर देखा,
मज़ाक हमसे हवा कर गई !
Waah Waah Awesome....
बहुत बेहतरीन और प्रशंसनीय.......
बसंत पचंमी की शुभकामनाएँ।
लगता है पंक्तियों को पढ़कर चित्रकार ने चित्र बनाया होगा।
अनुपम !
lovely! I loved every line and the essence of the shayari..when we long for someone so desperately, every things seems to intimate his arrival
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