Monday, April 20, 2009


वो नहीं है साथ हमारे पर आज भी है उनका नशा,
बचे सुर, बचे शब्द पर आज भी है एक नगमा,
आज भी है राहें, आज भी एक मंजिल, जुदा हो गए हमराह,
बचा जिस्म, बचा जिगर, पर आज भी है एक आह !!

19 comments:

Prem Farukhabadi said...

Babli ji
aapka andaz e bayan kaabile tareef.congrets.
न बचा जिस्म, न बचा जिगर, पर आज भी है एक आह !!

gazalkbahane said...

न बचा जिस्म, न बचा जिगर, पर आज भी है एक आह !!
खूब सूरत ख्यालात हेतु बधाई- पर जिगर के स्थान पर
रूह करें तो और सार्थक हो जाएगा
श्याम
कविता या गज़ल में हेतु मेरे ब्लॉग पर आएं
http://gazalkbahane.blogspot.com/ कम से कम दो गज़ल [वज्न सहित] हर सप्ताह
http:/katha-kavita.blogspot.com/ दो छंद मुक्त कविता हर सप्ताह कभी-कभी लघु-कथा या कथा का छौंक भी मिलेगा
सस्नेह
श्यामसखा‘श्याम

manu said...

सुंदर लिखा है,,
न बचा जिस्म,,,,न जिगर,,,,वाह,,,
आप पेंटर भी हैं क्या,,,,,?

sujata sengupta said...

Very Nice Urmi!! I am really impressed by your blog and its presentation, each picture is expressing the exact feeling of your shers..keep it up!!

Rahul Kaushal said...

bus ye he bolunga ki wallah khub likha hain

अभिन्न said...

न बचा जिस्म, न बचा जिगर, पर आज भी है एक आह !!

बहुत खुबसूरत ,

Unknown said...

एक आह !! bas आह ne hi aapki sari bhawnayen vyakt kar di.....??

kabhi kabhi kisi ki ek aaahh kisi ki jaan ban jati hai to kabhi kisi ki jaan le jaati hai......


Jai Ho Mangalmay ho

hem pandey said...

न बचा जिस्म, न बचा जिगर, पर आज भी है एक आह !!

-सुन्दर.

mark rai said...

न बचा जिस्म, न बचा जिगर, पर आज भी है एक आह !!
...... आज भी है उनका नशा....
endless...sweet and meaningful creation....

अनिल कान्त said...

lovely Photo...and ur style is different !!

मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति

Puneet Sahalot said...

bahut hi sunder abhivyakti...
"न बचा जिस्म, न बचा जिगर, पर आज भी है एक आह !!"

अजय कुमार झा said...

jantee hain babli jee, kuchh hee logon mein ye khaas baat hotee hai ki bahut kam mein bahut jyaadaa keh jaanaa aap umein se ek hain, aapkee har post mein aapkee mehnat parilakshit hotee hai, ab to main aapko follow kar raha hoon isliye niyamit aataa rahungaa.

अजय कुमार झा said...

jantee hain babli jee, kuchh hee logon mein ye khaas baat hotee hai ki bahut kam mein bahut jyaadaa keh jaanaa aap umein se ek hain, aapkee har post mein aapkee mehnat parilakshit hotee hai, ab to main aapko follow kar raha hoon isliye niyamit aataa rahungaa.

प्रशांत भगत said...

oh, i became fan of you. i love those words which you wrote here. love it.

manu said...

मतलब ये शानदार पेंटिंग आपकी ही बनाई हुई है,,,,,
कमाल है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
बहुत ही सुंदर,,,,
मुझे भी शौक है पेंटिंग करने का ,,,पर आप तो मास्टर हैं,,,,
आपका शुक्रिया ,,,,ये तस्वीर लगाने का,,,,

गर्दूं-गाफिल said...

निकले हैं वो खजाने को लुटाने
लूट लिए मगर उन्ही ने जमाने
डूबे हैं जो किसी के प्यार में गर्दूं
गाता है जमाना उन्ही के फसाने
लिखते हो बहुत खूब सजाते भी हो उम्दा
दीवाने के पीछे हजारों हैं दीवाने
चाहत है बाँध लेना मुट्ठियों में दुनिया
गुजरेगा वक्त यूँ दिल लगाने के बहाने

jamos jhalla said...

aapki painting apne aap main ek dilkash gazal hai phir bhee aapne isme misthee misthee shabdon ki AAH daali hai.double AAH vaakai BHALO KHOOB BHAALO
JHALLEVICHAR.BLOGSPOT.COM

मोहन वशिष्‍ठ said...

very nice wrote and this painting also very nice mind blowing

shyam gupta said...

क्या खूब यादें हैं--

यादें क्या हैं,
मन की लाइब्ररी में रखीं,
पुस्तकें, पत्र, पत्रिकायें या सी डी,
जिन्हें हम जब चाहें,
किसी कोने से निकाल कर ,
या माउस क्लिक कर ,
पढ लेते हें, ओर -
जी लेते हें,
उन भूले बिसरे पलों को. ।