दिल की हालत की तरफ़ किसकी नज़र जाती है,
प्यार की उमर तमन्नाओ में गुज़र जाती है,
मैं रो पड़ती हूँ जब याद तुम्हारी आती है,
ज़माना हँसता है जब मोहब्बत रूठ जाती है !
प्यार की उमर तमन्नाओ में गुज़र जाती है,
मैं रो पड़ती हूँ जब याद तुम्हारी आती है,
ज़माना हँसता है जब मोहब्बत रूठ जाती है !
17 comments:
मुहब्बत रूठ जाती है, दिलों को तोड़ जाती है।
हसीं जन्नत की राहों को नरक में मोड़ जाती है।।
bahut khoob............!!
बहुत खूब.
दिल की लगी इस दिल-लगी पर क्योन न मर जाये कोई ।
या खुदा इस दिल्लगी पर , क्या न कर जाये कोई ॥
कहीं पर सुना था ;
दिल के शिकस्ता साज़ से नग्मे निकल पड़े ,
पूछा किसी ने हाल तो आंसू निकल पड़े .
कितना दर्द है इस अभिव्यक्ति में...
दिल की हालत की तरफ़ किसकी नज़र जाती है,
shubhanallah
dil to hai dil ....
bahut sundar......
प्यार में अपनी जान भी हो जाती है चीज़ पराई
दिल में बसने वाले अकसर होते हैं हरजाई
अमर-
दिल की हालत को कोई क्या जाने,
या तो हम जाने या खुदा जाने,
ये आँसू मेरे दिल कि जुबान है
कब तक दिल के हाथों यूँ मजबूर रहोगे
अपने आंसूं किस किस को दस्तूर करोगे
कभी कभी कुछ मुस्कानों की फसल उगा लो
दर्द सहेजो करार बांटो व्यस्त रहोगे मस्त रहोगे
करने को बात कुछ तो चाहिए सिलसिला
न कह कुछ मुस्कुरा के लव तो हिला
एक बडे शायर का उम्दा शेर पढाया जाए
शायद इसके बाद कुछ और गजब ढाया जाए
अर्ज है
बैचेनियाँ समेट कर सारे जहान की
जब कुछ न बन सका तो मेरा दिल बना दिया
शेर तो आपका अच्छा है ही,,,,
और ये तस्वीर ,,,,,,,,,
क्या ये भी आपकी ही कारगुजारी है,,,,,,,,,,,
बहुत दिलकश,,,,,
love is a personal thing..it really doesnt matter whether the world is with or against us...great poetry once again Urmi!!
बहुत दिलकश अल्फाज़
जमाना हँसता है जब मुहब्बत रूठ जाती है
बहुत शानदार लिखा गया है
Tu dekh ya na dekh, tere dekhne ka gham nahi, par teri ye na dekhne ki ada dekhne se kam nahi..
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