कितनी बेचैन है ये सांसे मेरी,
बिना तेरे, बहुत रोती है ये आँखें मेरी,
कब से मेरी आंखों को नींद आती ही नहीं,
बाहें मांगती है मुझसे रातें तेरी,
जान आ जाओ के अब दिल कहीं लगता ही नहीं,
तुमको बुला रही है ये बाहें मेरी !
बिना तेरे, बहुत रोती है ये आँखें मेरी,
कब से मेरी आंखों को नींद आती ही नहीं,
बाहें मांगती है मुझसे रातें तेरी,
जान आ जाओ के अब दिल कहीं लगता ही नहीं,
तुमको बुला रही है ये बाहें मेरी !
27 comments:
वाह वाह क्या बात है बहुत खूब
वाह बब्ली क्या लिखती हैं आप ! अतिसुंदर कविता भी और चित्र भी !!
रुमानियत से भरा दिल-फरेब जज़्बा
और मन से की हुई सच्ची पुकार ....
बेचैनी को चैन न मिल पाए ??
हो ही नहीं सकता ...!!
अच्छी रचना है...बधाई .
---मुफलिस---
आह! दिल की गहराई से निकले शब्द बेहद पसंद आये। अच्छा लगा पढ़कर।
सीधे तीर की तरह लगती है दिल में
----
चाँद, बादल और शाम । गुलाबी कोंपलें
bahutkhoob aapki yah shayariya man ko kaafi bha rahi hai........
shukria
मन का सहज बयान !
वाह वाह क्या बात है बहुत खूब
कमाल है,,,
कमाल है,,,
क्या लाजवाब भाव हैं,,,,,
एक दम मस्त कर देने वाले,,,,
बहुत बढिया,,,,
बहुत ही रचना लिखी गई है /वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कुछ शब्द बदल कर कोई इसे इस तरह भी कर सकता है कि """कितनी बेचैन हैं सांसे मेरी ,बिना नौकरी के रोटी हैं ये आँखे मेरी /कब से मेरी आँखों को नींद नहीं आती ,माँ बाप चाहते हैं मुझसे नौकरी मेरी /आदि इत्यादि इस तरह से कविता बढाते चले जाओ
bahut sundr .
babli ji bahut sunder likha hai dil ki aavaaj ko shubhkaamnayen
hummmmm yaar lagta hai..aapko padta hu to lagta hai...dunia mai ROMANCE hi sab kuch hai....wahhh ustad wahhh ...yaar mujhe kuch tips do na shyri ke...ek line banti hai dusri nahi......why???
waise kuch likha hai abt love romance ke bare mai ....aapki tippdi ka intzar rahega....
jai ho mangalmay ho
ur dost
Vish
बाहें ही तो हैं जो खुशी देती है... गम भुलाती हैं..
पास बुलाती हैं गले लगाती हैं.. बहुत खूब..
http://kavikulwant.blogspot.com
Getting better by the day!!
इस ब्लोग की एक एक रचना बहुत ही पठनीय है । मेरे जैसे कम अक्ल इंसान के भी समझ मे आ जाती है । फोटो जो लगायी गयी है वह भी बहुत ही सुरूची पूर्ण तरीके से लगायी है।
sundar kavita...
सहज भाव एक प्रियतमा का अपने प्रियतम के लिए...बहुत सुन्दर रचना. मेरे ब्लॉग पर आने के लिए शुक्रिया
baanh dilbar ki junoon deti hai|
baanh behan ki sukoon deti hai||
baanh baanh mai farq hai kitna|
baanh maa ki jannat deti hai||
Apke blog par pahlee bar ayee hoon .lekin apkee rachnayen bahut badhiya lageen.shubhkamnayen.
Poonam
बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ.
saaf bayani= sundar tasvir
behtareen andaaz apka....lajawaab peshkash aapki hai ....likhte rahiye
pahli baar aana hua hai aapke blog par . achha laga .
virah kee vedna ko darshaati huyi behtareen panktiyan likhi hain aapne.
shubhkaamnaayen.
आप तो लाजवाब हैं आप से पटेगी फर्सत में आप का जीत लेंगे ये एलान है।
ता उम्र मैं पीता रहूं,यारव वो मय उस हुश्न की ,
हो हशीं रुखसत का दिन ,बाहों में तू हो ज़ाम हो।
Post a Comment