Saturday, May 9, 2009


खुशबू की तरह आपके पास बिखर जाऊंगी,
सुकून बनकर दिल में उतर जाऊंगी,
महसूस करने की कोशिश कीजिये,
दूर होकर भी पास नज़र आऊंगी !

25 comments:

sujata sengupta said...

A heart full of love is a heart full of happiness!! Great Urmi..good going!

hem pandey said...

हमेशा की तरह एक और रूमानी रचना पढ़वाने हेतु धन्यवाद.

Yogesh Verma Swapn said...

badi majedaar hain tumhari chhoti chhoti phuljhadiyan. badhaai.



mere geeton ki duniya men anootha geet bankar
mere sapnon ki duniya men anootha meet bankar
aa gaye tum hriday ka sangeet bankar.

अलीम आज़मी said...

behtareen peshkash aapki

Anonymous said...

एक बहुत ही रूमानी रचना

ARUNA said...

wah choti se pyaari se shaayari!

MAVARK said...

Today visited your blog for the first time. It is beautiful and meaningful. You have a great sense of combining PHOTOES with THOUGHTS.
Being in Austrelia so much active on Hindi blog very very appreciable. Keep it up and enjoy too.GOD BLESS YOU.

Saiyed Faiz Hasnain said...

ये सब मेरे लिए अब बे मानेहै कोई है जो मुझे भूल चुका है उसकी याद दिलाने का शुक्रिया । काफी दिल से लिखती है आप लिखती रहिये.......

वीनस केसरी said...

बबली जी
अच्छा लिखती हैं आप
लिखते रहिये,पढ़वाते रहिये
वीनस केसरी

अजय कुमार झा said...

tujh se lipat ke sanwar jaaungee...
tujh se bichhad ke kidhar jaaungee.

subah , shaam aur dopahar aaungee.
teri aankhon mein har pahar aaungee

babli jee, bahut khoob, aapkee rachnaaon mein aapke lagaaye chitra ek sundar rang bhar dete hain.. jaldee hee aapke dosre blog par bhee pahunchtaa hoon...
hauslaa afjai kaa shukriya.

sneh aur saath banaye rakhein....

शोभना चौरे said...

bahut ache bade khubsurt ahsas detihaii aap lika kijiye ham pdha krege .aur hrday me utara krege .

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar said...

बब्ली जी ,
आपकी हर पोस्ट बहुत खूबसूरती के साथ पेश की गयी है ....
आपकी रचनाओं में संवेदनाओं को बढ़िया शब्दों में अभिव्यक्त किया गया है ..अच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आकर .
हेमंत कुमार

BrijmohanShrivastava said...

बिटिया बबली /यदि चित्र न लगाया होता तो मेरी नजर में , यह कविता, हमारे देश की उस बच्ची पर भी लागू हो सकती है जो बिदाई के वक्त अपने माता पिता से कह कर उन्हें तसल्ली दे रही हो

मोहन वशिष्‍ठ said...

खुशबू की तरह आपके पास बिखर जाऊंगी,
सुकून बनकर दिल में उतर जाऊंगी,
महसूस करने की कोशिश कीजिये,
दूर होकर भी पास नज़र आऊंगी !

वाह जी उर्मी जी आपकी यह कविता सीधे दिल में उतर गई बेहतरीन उपलबधि बधाई

सौरभ कुणाल said...

बहुत अच्छा कर रही हैं। कविताओं और ग़ज़ल के लिए मेरे ब्लॉग पर स्वागत है।
सौरभ कुणाल
www.syaah.blogspot.com

RAJNISH PARIHAR said...

VERY VERY NICE THINKING....

Mumukshh Ki Rachanain said...

खुशबू की तरह आपके पास बिखर जाऊंगी,
सुकून बनकर दिल में उतर जाऊंगी,
महसूस करने की कोशिश कीजिये,
दूर होकर भी पास नज़र आऊंगी !

हमेशा की तरह एक और रूमानी रचना पढ़वाने हेतु धन्यवाद.

चन्द्र मोहन गुप्त

रवीन्द्र दास said...

kaise kahun k bahut khubsurat hai....... shayari aapki.

अमिताभ श्रीवास्तव said...

waah/
brijmohanji ki tippani se meri sahmati poori poori he////
prem esa ho ki sirf mahsoos ho, bas fir kya he,,,dooriya samapt ho jaati he//

manu said...

बहुत खूबसूरत तस्वीर है ,,,
और शायरी भी अच्छी है,,,,
वेरी गुड,,,

डॉ. मनोज मिश्र said...

bahut hee sundr

अनुपम अग्रवाल said...

सुन्दर एहसासों की अभिव्यक्ति.

shyam gupta said...

ज़ाम तेरे वस्ल का और नूर तेरे शबाव का,
उम्र भर छलका रहे यूं ही ज़िन्दगी की शाम् हो।

Sushant Singh said...

acchi shayri likhti ho aap .. :D

Basanta said...

Beautiful!