Sunday, July 12, 2009


ये हम भी गवारा करते हैं,
ये तुम भी गवारा कर लेना,
रो रो के गुज़ारी है हमने,
तुम हँसके गुज़ारा कर लेना,
बेताबी हद से बढ जाए,
और नींद आए रातों को,
तो डूब के मेरी यादों में,
दुनिया से किनारा कर लेना !

36 comments:

ओम आर्य said...

ye pyaar hi to hai jo duniya se kinara kar deta hai ........har taraf pyaar hi pyar hota hai

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बेताबी हद से बढ जाए,
और नींद न आए रातों को,
तो डूब के मेरी यादों में,
दुनिया से किनारा कर लेना !

सुन्दर शब्द,
बेहतरीन शायरी।
बधाई!

Anonymous said...

चलिए आपकी सलाह ध्यान में रखेंगे....क्या पता कब काम आ जाए...

साभार
प्रशान्त कुमार (काव्यांश)
हमसफ़र यादों का.......

Prem Farukhabadi said...

बेताबी हद से बढ जाए,
और नींद न आए रातों को,
तो डूब के मेरी यादों में,
दुनिया से किनारा कर लेना !

bahut sundar!!!!

डॉ. मनोज मिश्र said...

ये हम भी गवारा करते हैं,
ये तुम भी गवारा कर लेना,
रो रो के गुज़ारी है हमने,
तुम हँसके गुज़ारा कर लेना...
क्या सुंदर भाव है,बधाई.

ARUNA said...

bahut hi khoobsoorat tasvir hai Babli, aur usse bhi sundar tumhari ye kavitaa......great job as usual!!!!

Neeraj Kumar said...

रो रो के गुज़ारी है हमने,
तुम हँसके गुज़ारा कर लेना


कितनी भावुक और सच्ची भावना है...

satish kundan said...

aapki kavitaon se jaise pyar sa ho jata hai''jab main padhta hun''bahut khubsurat rachna...babli jee main aajkal net nahi use kar raha hun abhi mere exm chal rahen hain na isliye...

Vinay said...

वाह वाह, बहुत सुन्दर

---
प्रेम अंधा होता है - वैज्ञानिक शोध

Murari Pareek said...

बहुत ही ग़ज़ब और उतना ही खुबसुरत चित्र वाह धन्य हो!!

राज भाटिय़ा said...

और नींद न आए रातों को,
तो डूब के मेरी यादों में,
दुनिया से किनारा कर लेना !
अरे कया बात है,बहुत सुंदर लिखा आप ने.
धन्यवाद

RAJ SINH said...

पढ़ रहा हूँ बबली हर पोस्ट . अब आपकी शायीरी में और निखार आता जा रहा है .
बधाई .

भारत पहुँच गया हूँ . मुंबई में हूँ.

ताऊ रामपुरिया said...

बेताबी हद से बढ जाए,
और नींद न आए रातों को,
तो डूब के मेरी यादों में,
दुनिया से किनारा कर लेना !

बहुर सुंदर शब्द संयोजन. शुभकामनाएं.

रामराम.

रंजन said...

बहुत खुब..

sujata sengupta said...

Extremely beautiful lines, very poignant and vivid!! great work!

Dimple said...

Oh my my!!
What a lovely creation :-)
Great ... like it

Regards,
Dimple
http://poemshub.blogspot.com

prithvi said...

Well written..... The lines were real deep :)

mehek said...

waah bahut hi badhiya

IMAGE PHOTOGRAPHY said...

nice post ,
babale jee photography mera junun hai aur shaukh hai maine koe pesevar photographer nahi hu , jo cheej mere najar ko theek lagee use mai apane camere se utar leta hu

दिगम्बर नासवा said...

बेताबी हद से बढ जाए,
और नींद न आए रातों को,
तो डूब के मेरी यादों में,
दुनिया से किनारा कर लेना

Duniyaa se kinaara kar ke bhi ...... teri yaadon mein doob kar bhi neend nahi aayee to kahaan jaayenge....

Sundar likha hai.... khoobsoorat najm hai

mark rai said...

ये हम भी गवारा करते हैं,
ये तुम भी गवारा कर लेना,
रो रो के गुज़ारी है हमने,
तुम हँसके गुज़ारा कर लेना....
babli ji very nice....

admin said...

अरे वाह, यह नज्‍म तो बहुत ही प्‍यारी लिख दी है आपने।

M VERMA said...

आपकी चन्द लाईने एक दर्द -- एक एहसास का सिलसिला होता है. खूबसूरत लेखन
फिर वही प्रश्न किसे सराहू आपकी शायरी को या आपकी चित्रकारी को. आप तो मेरी नजर से देखा जाए तो दो दो शायरी एक साथ पोस्ट करती है.

लोकेन्द्र विक्रम सिंह said...

वाह खूब कहा है..........
तो डूब के मेरी यादों में,
दुनिया से किनारा कर लेना !

admin said...

रो रो के गुज़ारी है हमने,
तुम हँसके गुज़ारा कर लेना,
बेताबी हद से बढ जाए,
और नींद न आए रातों को,
तो डूब के मेरी यादों में,
दुनिया से किनारा कर लेना !

Laajabaav rachna hai aapki. Badhaai

Kavita Saharia said...

Beautifully expressed....how you do it?brilliant Babli ji.

पूनम श्रीवास्तव said...

बब्ली जी ,
आपकी हर रचना ..छोटी पर दिल को छूने वाली होती है.
पूनम

शोभना चौरे said...

बेताबी हद से बढ जाए,
और नींद न आए रातों को,
तो डूब के मेरी यादों में,
दुनिया से किनारा कर लेना !

bhut sundar abhivykti.

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

amazing composition janaab...
thanks a million for your valuable comments to my composition....
i sure would be following you in and out ;-)
thanks again...

pradipwritenow said...

Eto NiL(akash) Eto je Alo
Tar Smiriti tuku tomai dilam
Chhaya thak Amar kachhe.
Adhunik gaan By Nirmala Mishra. I read your poetry and hummed this song.

SURINDER RATTI said...

बेताबी हद से बढ जाए,
और नींद न आए रातों को,
तो डूब के मेरी यादों में,
दुनिया से किनारा कर लेना !

Hi,
Bahut hi khoobsurat rachna khaaskar yeh panktiyaan, bhaut hi choo gayi dil ko,
And your blog is also very decorated and beautiful.

Surinder

Ramakrishnan said...

Babli Ji
Lajawab once again.And thanks for leaving nice comment in my blog.I shall certainly read your other blogs too.

Warm Regards
Ram

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' said...

"ये हम भी गवारा करते हैं,
ये तुम भी गवारा कर लेना|
रो रो के गुज़ारी है हमने,
तुम हँसके गुज़ारा कर लेना|"
बहुत उम्दा शेर..आप की सभी रचनाओं में सर्वश्रेष्ठ लगी ये रचना.....

अजय कुमार झा said...

चलो ये भी माना की,
दुनिया से कर के किनारा भी,
तुम्हें चैन न मिले, तो मेरी,
मान के नसीहत, गलती ये दोबारा कर लेना,

हाँ मगर अबकी जो होगा,
वो साथ ही होगा,
मैं तो तैयार बैठा हूँ कबसे,
तुम करने से पहले इशारा कर देना..

बबली जी..इधर ओफ्फिस की व्यस्तता के कारण अनियमित सा हो गया हूँ..उम्मीद है क्षमा करेंगे.....

समयचक्र said...

"ये वो नहीं उसकी परछाई थी"
बबली जी
बहुत ही भावपूर्ण अभिव्यक्ति है . बहुत बढ़िया लिखा है आपने . आभार.

स्वप्न मञ्जूषा said...

बेताबी हद से बढ जाए,
और नींद न आए रातों को,
तो डूब के मेरी यादों में,
दुनिया से किनारा कर लेना

ae jigesh ta khoob pocchondo korechhi..
khoob bhallo..