वो चांदनी रात थी,
तारों की बारात थी,
पर छाया था आलम हर तरफ़ खामोशी का,
डूबी थी मैं ख्यालों में,
तभी आहट सी हुई उसके आने की,
जैसे पूरा किया वादा साथ निभाने की,
पर धत पगली, तू किस ख्याल में खोयी थी,
ये वो नहीं उसकी परछाई थी!
तारों की बारात थी,
पर छाया था आलम हर तरफ़ खामोशी का,
डूबी थी मैं ख्यालों में,
तभी आहट सी हुई उसके आने की,
जैसे पूरा किया वादा साथ निभाने की,
पर धत पगली, तू किस ख्याल में खोयी थी,
ये वो नहीं उसकी परछाई थी!
52 comments:
ऊर्मि जी!
आपको सुन्दर शेर के लिए बधाई!
कभी-कभी परछाँई, सच का भान करा देती है।
दिलवर के आने का, मन में ज्ञान करा देती है।।
very beautiful! and it happens sometimes that whta we feel we heard surely is just a figment of imagination
bahut sunder,parchai bhi unki hi thi.
Tomai Daki
Ei Tara ghera Chandni rate
Eso Mom Jhonai Katha Bali Dujane
Tumi asho, Pakhir nire
Batesher sabdo satpurai Tule
Kintu tumi noi
Chhaya Ase sudhu.
Tomar sundar kabita pore amar anander anubhuti.
अति सुन्दर बबली जी !! इन्तजार इतनी गहराई से की परछाई में भी उनके कदमो की आहट !!
বাবলি দি , আপনার লিখা তা দারুন আর কি বলবো আমার কাছে শব্দ নেই !!
bahut mast rachna likhi hai aapne. anand aa gaya.
बहुत सुंदर !!
बबली जी मैं सिलिगुरी, दुर्गापुर रह चुका हूँ ! आसाम में १५ साल से था !! आसमिज और बंगाली भाषा की लिपि में बहुत कम फर्क होता है | इसलिए बोल लेता हूँ ! harkirat haqeer जी के साथ असामीज में बात करता हूँ !!
बहुत खूब। अंतिम पंक्तियों का मजा ही कुछ और है।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
It is good to see how words can add meaning to our thoughts.
Keep writing & I will keep appreciating :-)
Regards,
Dimple
http://poemshub.blogspot.com
this is awesome...
bahut sundar sher babli!! Tumhara tho yaar jawaab hi nahin!!!
sundar...
खूबसूरत ख्यालों का सुंदर अंकन।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
bahut hi sahi kaha aapane khyal bahut hi sundar khayal hai .....in chand panitiyo me pyar ki yade bahut bahut hi sundar
बेहद उम्दा रचना. शुभकामनाएं.
रामराम.
उसकी परछाई थी......
बहुत सुंदर.
बबली जी आपने बेहद तरीके से चीजो को परोसा है । जिस ख्याल में आपने ये शैर लिखा है वह लाजबाब है । शानदार तरीके से लिखा है धन्यवाद
क्या बात है -वो नहीं उसकी परछाईं थी -चांदनी रात -तारों की बारात -खामोशी अच्छा चयन शब्दों का |आहट पर ध्यान जाना स्वाभाविक | एक फिल्मी गाना भी है +हर आहट पे समझी वो आय गयो री + आहट पर देखना और परछाई दिखाई दे जाना स्वाभाविक और परछाई द्वारा आहट किया जाना अस्वाभाविक | कुल मिला कर रचना अति उत्तम |
bahut hi sundar rachna..babli ji
ऐसी आहट दिल के तह में जाने पर ही सुनाई देती है। सुंदर कल्पना।
पर धत पगली,
तू किस ख्याल में खोयी थी,
ये वो नहीं उसकी परछाई थी
Maasoom likha hai......... kisi ke pyaar mein doobo to pata hi nahi chalta ........ asal aur parchaai ka..... sundar, bahoot sundar
पर धत पगली,
तू किस ख्याल में खोयी थी,
ये वो नहीं उसकी परछाई थी
khud ko hi samjhaane ki ek aur naakaam koshish.
bahut khoob likha hai..
पर धत पगली, तू किस ख्याल में खोयी थी,
ये वो नहीं उसकी परछाई थी.
Bahut sundar...padhkar dil khush ho gaya.
बहुत खूबसूरत !!
बहुत सुन्दर रचना बेहतरीन !
पर धत पगली, तू किस ख्याल में खोयी थी,
ये वो नहीं उसकी परछाई थी.
====
परछाईया भी तो सच्चाई का एक हिस्सा है. परछाई है तो यकीनन सच्चाई भी जरूर उसके पीछे होगी. नज़र घुमा कर तो देखिये.
बेशक लाजवाब रचना.
चित्र की खूबसूरती को क्या कहना वे तो खुद बोलती है.
bahut sunder,,,,,
wah,,
Suspenseful ending of the poem:
..'पर धत पगली, तू किस ख्याल में खोयी थी,
ये वो नहीं उसकी परछाई थी!....'
You have poetic imagination.It is really admirable.
Thanks for visiting my blog and sharing your kind views..
I am following your blog.
ati sundar aur ant ki pankti ka to kahna hi kya...
पर धत पगली, तू किस ख्याल में खोयी थी,
ये वो नहीं उसकी परछाई थी!
bahut achcha laga............
पर धत पगली, तू किस ख्याल में खोयी थी,
ये वो नहीं उसकी परछाई थी!
Ultimate
Very beautiful i might say these lines to my hubby thanks for posting dear
ख्वाब के आनंद का दुखद समापन हकीकत ही कर सकती है, यही नियति है.
सुन्दर प्रस्तुति.
चन्द्र मोहन गुप्त
This is a lovely one!! Ati sundar hai..Unseen Rajasthan
बहुत ही सुंदर, बहुत अच्छी
"khoobsurat babliji ,aap bhi aap ki shaayari bhi ,ek shair aapke liye :andaaz apna aaine main dekhten hain vo ,aur ye bhi dekhten hain ,koi dekhtaa na ho ."shaayad mere geet kisi ne gaaye hain ,isiliye ,bemausam ,badal chaaye hain .achcha likhtin hain Mdji aap ,mubaarak ,sabhi rachnaayen padhi hain maine ,veerubhai .
What a lovely drawing!
Great!
moonstruck .. is it
Chandni can create wonders ...
"Woh jahen mein tha aur uski parchai zamin mein tha....."
What a wonderful thought...
I am glad that I have visited your page.
Another lovely shayarai
आहटों से चौंक उठते
उनके आने का यकीन
रात की ये चांदनी थी
ख्वाब से ज्यादा हसीं
चाँदनी रात मे तारो की बारात मे हुये शामिल हम, चारो तरफ थी खुशियाँ कि पिया बारात ले कर आये।
arre parchaayi ke baad hi to uskaa aagman hotaa hai.
jhallevichar.blogspot.com
bahut sundar shabd aur chitr.
badhai
wo meri parchai thi ....shayad ..
bahut achhi post
parchhai bhi sukoon de jaati he, jab ham kisi ke khyaalo me khoye rahte he to/
badhiya likha he/
thanx babli..ur way of writing is also superb
aapnar kovita ta khoob shundor,
amar badhai aapna ke paathiye dichhi...
Great blog that you have too, congratulations! Wonderful art.
it's very amazing art!
bahut dino baad tumhari shayriyan aaj dekh rahi hoon asusual bahut khubsoorat!!
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