Sunday, July 19, 2009


कभी तो वक्त की अहमियत को समझा करो,
अपनी आवाज़ सुनाकर हाले दिल बयान करो,
हम तो कबसे आँखें बिछाए खड़े हैं,
बस रहते हैं हम आप ही के ख्यालों में,
कभी ख़ुद को महसूस करो हमारी नज़रों में !

47 comments:

manu said...

bahut sunder tasweer hai babli ji......
likha bhi achchhaa hai...
shaayad OIL-PAINT hai..?

Vinay said...

दिल से निकला कलाम
---
गुलाबी कोंपलें

Kavita Saharia said...

bahut khuubsurat...i like the way you present your poems with a painting..

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

आपका शेर बहुत बढ़िया है,
ये भी आपको समर्पित है-

कभी तो वक्त की अहमियत को समझा करो,
दो दिलों के फासलों को और मत पैदा करो,
आप बसते हैं ख्यालों और ख्वाबों में मिरे,
मेरे जज्बातों से ज्यादा छेड़खानी मत करो,

Murari Pareek said...

आपकी रचनाए दिल को छू जाती हैं, कुछ सच्चाई सी बयान करती हैं !!

समय चक्र said...

कभी तो वक्त की अहमियत को समझा करो,
अपनी आवाज़ सुनाकर हाले दिल बयान करो

बहुत ही बढ़िया बिंदास रचना बहुत बढ़िया लिखी है . आभार.

admin said...

महफूज रहें आप, महसूस करने की जरूरत नहीं
तस्वीर से बयां होती है दास्ताँ, आवाज की जरूरत नहीं

बहुत खूब

M Verma said...

वक्त की अहमियत को समझाती आपकी रचना बहुत अच्छी लगी. मै तो आपकी उस कला का कायल हो गया हू जिसे पेंटिंग कहते है. बोलती हुई तस्वीरे वाह ---

मुकेश कुमार तिवारी said...

उर्मी जी,

यह वक्त भी बड़ी कमबख्त चीज है
जब होता है समझ नही आता है
और जब नही होता है तो समझ आता है

इंतज़ार के लम्हें बस कुछ ना पूछिये
आँखें बिछायी, याद किया और रो लिये

दिल की सीधी भावनाओं को व्यक्त करती शायरी।

सादर,

मुकेश कुमार तिवारी

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

very nice composition urmi...
keep up your great work....

mehek said...

waah khud ko nazaron mein mehsus karon,ahut sunder

Anonymous said...

Bahut sundar

pradipwritenow said...

O keno eto sundari holo
Emni kore Baire elo
Khola chule
Baire elo
Dekhe to Ami
Mugdho hoboi
Ami to Manush
O keno oto sundari holo.
Manna dey's song and one of unforgettable moment in my life.

Murari Pareek said...

babli ji main apne blog me ye YO fm kaise kagaaun?

Prem Farukhabadi said...

बस रहते हैं हम आप ही की ख्यालों में,
कभी ख़ुद को महसूस करो हमारी नज़रों में !

बहुत बढ़िया लिखी है रचना !!!!!!!!!

दिगम्बर नासवा said...

कभी ख़ुद को महसूस करो हमारी नज़रों में

लाजवाब चित्र के साथ ........खूबसूरत नज़्म......... बहूत खूब

अलीम आज़मी said...

apni awaaz ko.....kya bat hai maza agya
God bless u
aleem azmi

Neeraj Kumar said...

अति सुन्दर रचना ...
प्रतीक्षा रहती ही आपके पोस्ट किअच्छी रचना के सात मनोहर पिक्स भी देखने को मिलते हैं...

Anonymous said...

bahu sundar guldaste par aaaj hamari nazar padi hai...
aap hamesha yun hi likhtin rahein aur guldaste ki tarah mahakti rahen... way of presentation with images is beautiful

Science Bloggers Association said...

Bahut shaandar.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

IMAGE PHOTOGRAPHY said...

बस रहते हैं हम आप ही की ख्यालों में,
कभी ख़ुद को महसूस करो हमारी नज़रों में !
आखँ और मन का खुबसुरत एहसास

निर्मला कपिला said...

babaleeji bahut din baad ane ke liye maafi chahati hoon achhi rachana hai aabhaar

RAJNISH PARIHAR said...

कुछ दिनों से आपकी रचनाएँ एक ही तरह की लगने लगी है...कृपया कुछ अलग टाइप में लिखिए न....हमें अच्छा लगेगा...

ओम आर्य said...

kabhi kud ko mahsus karo hamari najaro se ........bahut hi khub .....yah bahut hi bada kambakhat chij hai .......sundar

डॉ टी एस दराल said...

आप बाहर रहकर भी हिंदी ब्लोगिंग से जुडी हैं और इतनी अच्छी रचनाएँ लिखती हैं , यह देखकर आश्चर्य मिश्रित प्रसंता हुई. इतने सारे ब्लोग्स का अनुसरण करने के लिए तो बहुत जुनून चाहिए.
मेरा ब्लॉग से जुड़ने के लिए धन्यवाद.

Dimple said...

Hello,

Nicely written thought and quite emotional...

बस रहते हैं हम आप ही की ख्यालों में ==
in this line it should be "ke" instead of "ki"

What do you say? Don't mind please!

Regards,
Dimple
http://poemshub.blogspot.com

Udan Tashtari said...

बहुत सही!!

Anonymous said...

Another marvelous work of art! You really are a talented artist! :)

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत सही कहा आपने.

रामराम.

Anonymous said...

pehla pehla aagman hai,
paya khubsoorat aalam hai
Will visit again.

mark rai said...

bahut hi sunder.....har ek ek shaayri lajwab hoti hai...

vishnu-luvingheart said...

Kis shayri ki tarif karen all are good....keep it up....

ARUNA said...

यही बात बहुत अच्छी लगती है तुममे! दिल से लिखती हो, लाजवाब लिखती हो! चित्र भी दिल से बनाती हो, इसलिए उनमे जान आ जाती है!

Ramakrishnan said...

Babliji
Another ati sundar shayari with gehri matlab. Really enjoyed it.The sketch/painting of the girls is superb.Tell me do you also paint?
Regards
Ram

abdul hai said...

I like the way you present your painting and your thought.

Sandy said...

I wanted to tell you that you have a very beautiful blog site. I can not read what your have written,but I am sure it is as lovely as your imagery. Thank you for visiting my site as well.
Sandy

Chandan Kumar Jha said...

बहुत ही उत्कृष्ट रचना. बधाई.

गुलमोहर का फूल

Randhir Singh Suman said...

nice.......nice..........nice.....

पूनम श्रीवास्तव said...

बस रहते हैं हम आप ही के ख्यालों में,
कभी ख़ुद को महसूस करो हमारी नज़रों में !
Bablee ji,
apakee panktiuon men har bar ek nayee tajagee ka ahasas hota hai.....yadi blog par ek hindi riter box laga len to tippaniyan hindi men hii dena asan rahega.shubhakamnayen.
Poonam

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar said...

बस रहते हैं हम आप ही के ख्यालों में,
कभी ख़ुद को महसूस करो हमारी नज़रों में !
Babli ji,
apkee panktiyon ko padha kar ...apke andar kee kaviyatree kee pooree jhalak milatee hai.bahut sundar bhav...
Hemant Kumar

Mumukshh Ki Rachanain said...

कभी तो वक्त की अहमियत को समझा करो,
अपनी आवाज़ सुनाकर हाले दिल बयान करो,

शानदार और लाजवाब पंक्तिया, फिर भी जवाब देने की हिमाकत कि अपने हाल हमारे ब्लाग पर बयां होइते ही रहते हैं.

बधाई.

Imagination said...

Arrey wah bahut khoob Shayari karti hain aap toh. Apka poora blog padhna hoga. Mere blog mien visit karene ke liye bahut dhanyawaad.

I though let me try a little with Hindi. We'll keep in touch

KK Yadav said...

Kabhi khud ko mehsus karo hanari najron se...dil men utarati panktiyan..behatrin prastuti !!

मेरे ब्लॉग शब्द सृजन की ओर पर पर पढें-"तिरंगे की 62वीं वर्षगांठ ...विजयी विश्व तिरंगा प्यारा"

डा श्याम गुप्त said...

झांक लेते तुम जो इन भीगे द्रगों में
जान जाते पीर मन की,प्यार मन का।
तो अमित विश्वास के साये महकते,
प्यार की निश्वास के पन्छी चहकते।

Atmaram Sharma said...

बहुत अच्छा लगा.

Hari Shanker Rarhi said...

एक हंसमुख और दिलचस्प लडकी के शे’रों में इतना दर्द क्यों ?वैसे दर्द के गीत स्थाई होते हैं.अपनी मेल देखें.
हरिशंकर राढी

LR Photography said...

I can't read but one thing I know, the art is wonderful, congratulations!