जब पास हो, तब खास हो,
जब दूर हो, एहसास हो,
अनकही सी कोई आस हो,
जो न मिटे, वो प्यास हो,
अब और मैं कैसे कहूँ,
आप दिल के कितने पास हो !
जब दूर हो, एहसास हो,
अनकही सी कोई आस हो,
जो न मिटे, वो प्यास हो,
अब और मैं कैसे कहूँ,
आप दिल के कितने पास हो !
Posted by Urmi at 5:27 PM
60 comments:
अनकही सी कोई आस हो,
जो न मिटे, वो प्यास हो,
अच्छे भाव की पंक्तियाँ बबली जी।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
खास हो आम हो, सुबह हो शाम हो।
उनके लब पे अगर, प्यार का नाम हो।
प्यास बुझ जायेगी,खुद-ब-खुद एक दिन,
प्राणधन के अगर, हाथ में जाम हो।
अब और मैं कैसे कहूँ,
आप दिल के कितने पास हो !
बहुत खूब ,आकर्षक रचना.
Bahut achchhi aur bhavpurn rachna
खुबसुरत रचना।
बहुत लाजवाब रचना है !! और आपके चित्रों का तो कोई जवाब नहीं !! দারুন গো !! ছবি টা এতো দারুন কি দেখলে কিছি কিছু হই !! হা..হা..হা..
Every word you write is soaked with love .....very beautiful.
jo labzo se bayan ho mohabbat nahi hoti
mohabbat khamoshi ki jubaan hoti hai
arey is chitr ka koi jawaab nahin, bahut sundar!!!!!! Shayari ke baare mein to kehne ki zaroorat hi nahin hai!!
babli ji...
aap in rachnaaon ki saans ho...
amazingly written...
बहुत सुंदर रचना.
रामराम.
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुती.
गुलमोहर का फूल
अब और मैं कैसे कहूँ,
आप दिल के कितने पास हो !
aisa hi hai ki kabhi kabhi koi itaana khas ho jata hai ki dil pas hi hota chahe kitana bhi door ho chahe is janm se pare ho fir bhi wah hamesha apane aas paas hi najar aata hai ......is sundar rachana keliye badhaaee
very beautiful!! lovely thoughts and so well expressed
fabulous great going
अब और मैं कैसे कहूँ,
आप दिल के कितने पास हो !
wah babli likhte jaao ......
kya baat kahi hai wah .......
नज़रें खाली थी तुमसे पहले,
प्यास बाक़ी थी तुमसे पहले,
तुम मिली तो लगा बहुत कुछ बाक़ी था तुमसे पहले।
काश मैं होता अकेला अगर तुमसे पहले,
न प्यार होता मुझे किसी से तुमसे पहले।
तुम्हें पढ़ता हूं तो मुझे अपने आपको टटोलने का मोका मिलता है। तो ये है कुछ मेरी तरफ से आपके reply में।
जब पास हो, तब खास हो,
जब दूर हो, एहसास हो,
वाकई जब दूरी बढती है तभी एहसास की धरातल पर कमी खलती है.
बहुत सुन्दर भाव
पेंटिंग के तो क्या कहने !!!
वाह
Tobu aashe Swapno,
Lajjahin hoye.
Smirti muchhe phelo
Cheye chhille.
Kintu trishna daklo
Abar tumi Kachhe ele.
very nice composition ...Kya baat hai!Bahut khub
actually ....
jab door ho tab na hote hue bhi pass ho
Dil se nikli rachna.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
Bas aap hi aap ho
Bas aap hi aap!
Kyaa baat hai bahut khoob...!
Hello :-)
Beautiful picture and marvellous words!
Nothing else left to say...
Amazing work done, like always!
Regards,
Dimple
http://poemshub.blogspot.com
Bahut badiya.
आकर्षक लाजवाब रचना.
Woh...Its nice composition...khubsurat abhivyakti.
"युवा" ब्लॉग पर आपका स्वागत है.
iske aage koi SHABD nahin.
BADHAAAIII
लिखी चाँद लाइनें ,क्या गज़ब की बात की,
दिल को छू लेने वाली है ,शायरी आपकी .
pahali baar aap ke blog par aaya bahut achcha laga aapne bahut kam shabdon me bahut sundar bhav bhar diya..achchi nazm...
बबलीजी,
आपकी बधाई का शुक्रिया ! यह शब्द-चित्र उस वक़्त का है जब ८६ वर्षीय मेरे पिताजी पहली और अंतिम बार बीमार पड़े थे 'विदा-जगत' कहने के लिए. मेरी तत्कालीन मनोव्यथा आप तक पहुंची और आपने उसे चिन्हित किया आभारी हूँ !
बबलीजी आपका स्वागत है।
मैं तो अक्सर आपकी पोस्ट देखता रहता हूं। हां उपस्थिति दर्शाने में गफलत हो जाती है। ध्यान रखुंगा।
बहुत सुंदर रचना . चार पंक्तियों में ही बहुत कुछ कह दिया आपने
Babli,very short and sweet.
उर्मी जी,
वाकई दिल खोल के रख दिया कि कोई कितने पास हो सकता है।
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
waise aap or aapki shayri hamesha meri favrate rahi hai....likhte rahen or mere blog par aise hi aate rahen....swagat hai....
jai ho mangalmay ho
अब और मैं कैसे कहूँ,
आप दिल के कितने पास हो !
बहुत खूब ,आकर्षक रचना.
अनकही सी कोई आस हो,
जो न मिटे, वो प्यास हो,
बबली जी आज तो कमाल कर दिया क्या लाजवाब बात कही बधाई
सच में आप बेमिसाल हो...खुबसूरत लिखा है आपने.
ati sundar.. bilkul dil ko choo gayi ye panktiyaan..
बहुत ख़ूबसूरत ब्लॉग है और उतनी ही ख़ूबसूरत रचनाएँ |
अनकही सी कोई आस हो,
जो न मिटे, वो प्यास हो,
गहरे एहसास में डूबे शब्द............ लाजवाब लिखा है
माफ़ कीजिये बबली जी.......कुछ जरूरी कमों के कारण
आ नहीं सका.... अब बराबर संपर्क मैं बना रहूँगा...
आपकी इस शानदार रचना के लिए बधाई...........
I THINK THIS SHYARI GOES TO ME AS I WILL BE LEAVING MY BELOVED FOR SOME DAYS TO MY HOMECOUNTRY I MISS HIM
This one is lovely !! Reality in words..THanks for sharing..Unseen Rajasthan
बबली जी, मेरे ब्लॉग पर आकर आपने जो मेरा मान बढाया है उसके लिए धन्यवाद. उस पर अपने ब्लॉग पर आपने मुझे आमंत्रित किया उसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद. आपके ब्लॉग के बारे में जो मैं कमेन्ट करना चाहता था वो तो पहले ही अरुणा जी ने लिखा हुआ है. अब मैं क्या कहूँ. सिर्फ इतना की मैं लेखन का चोर नहीं हूँ. लेकिन आपने अपने ब्लॉग पर जो कुछ भी लिखा है और जो फोटो लगे है उन्हें देख लगता है की कौन सी कविता और कौन सी फोटो की कॉपी करू. फिलहाल मैं भी अब तो आपके ब्लॉग का फ्लोवेर बन गया हूँ. जब दिल चाहेगा देखता रहूँगा. बधाई
आप ने अपने शेयरों के साथ जो तस्वीरें दी हैं....वो बहुत ही खूबसूरत हैं...आपके चयन की दाद देनी पड़ेगी....
है बहुत रचना लाजवाब ...
भला हुआ कब आदि-अन्त इन,
प्रणय मिलन के अनुनादों का।
Really, heart touching lines. I m appreciating u for this unique poem. [ Prabhat ]
babli fir pass ho gai.
जब पास हो, तब खास हो,
जब दूर हो, एहसास हो,
बहुत सुन्दर बात कही आपने...
OMG! dil ko chhoo gayi........
अनकही सी कोई आस हो,
जो न मिटे, वो प्यास हो,
ati sundar......
badhai......
लाजवाब शेर, स्वयं में एक तारीफ है, फिर तारीफ करने को और कुछ बचता ही नहीं, वैस भी मेरे से पहले बहुतों ने विभिन्न आयामों में तारीफों का समां पहले से बांध रखा है, यदि मैं कुछ भी कहूं तो शायद किसी न किसी के कमेन्ट की नक़ल ही होगी.
अतः, शुक्रिया कर ही रुखसत होने की तमन्ना है. शेष फिर कभी..............
इतनी खूबसूरत रचना का रचनाकार तो वही हो सकता है जिसके दिल में प्यार अपार हो.
बहुत बढ़िया बबली जी.
bahut sunder
Sudar rachnaa...
Sadhuwad..
- Devesh
Babli ji,
aap jo chitra istemaal kar rahi hai ve to beshaq laajawab hai. Unhe sajane wale alfaj bhi kamaal ke hai.
Meri teleey shubhkamnaye..
sunder chitr ke saath saath
...
likhaa bhi achchhaa hai ji aapne...
badhaaye ho..
Babliji
Bahut hi sundar hai. You can very very write lyrics for Bollywood songs!Beautiful painting too.
Ram
poem ko apki paintings ne jaise jaan phoonk di bahut umdaa
God bless u
aleem azmi
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