Saturday, August 22, 2009


गणेश की ज्योति से नूर मिलता है,
सबके दिलों को सुरूर मिलता है,
जो भी जाता है गणेशा के द्वार,
कुछ कुछ ज़रूर मिलता है !
गणपति बप्पा मौर्या, मंगल मूर्ति मौर्या,
जय श्री गणेशा !!

33 comments:

निर्मला कपिला said...

बहुत सुन्दर श्री गणेश जयन्ति की बधाई

श्यामल सुमन said...

बहुत खूब बबली जी। वन्दना और शायरी साथ साथ। शुभकामनाएं।

Udan Tashtari said...

बहुत उम्दा!

गणेश चतुर्थी की मंगलकामनाऐं.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

आदि देव हैं गणपति, हरते संकट क्लेश।
घट-घट में हैं रम रहे,शंकर सुवन गणेश।

श्री गणेश चतुर्थी की हीर्दिक शुभ-कामनाएँ।

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत सुन्दर !!
गणेश चतुर्थी की मंगलकामनाऐं.

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

bahut he badhiya babli ji.....
bahut bahut shubhkaamnaayein aapko bhi ganesh chaturthi ki...

sujata sengupta said...

wow!!very updated post. Its the festival time again, ganpati, Onam and then Pujo..such a joyous time. The cursors are really great.

jamos jhalla said...

Ganpati Bappa Moreyaa
Mangal MURTI Toreyaa.
babli tum ye acchi acchi
paintings kaise banaa leti ho krapyaa nishulk samjhayen.
[1]jhalli gallan
[2]angrezi-vichar.blogspot.com
[3]jhalli-kalam-se

Mithilesh dubey said...

गणपति बप्पा मौर्या, मंगल मूर्ति मौर्या,
जय श्री गणेशा.......

बहुत बढिया रचना। गणेश चतुर्थी की हार्दिक बधाई।

Mishra Pankaj said...

बहुत खूब बबली जी।श्री गणेश जयन्ति की बधाई

RAJIV MAHESHWARI said...

बहुत बढिया रचना। गणेश चतुर्थी की हार्दिक बधाई।

समयचक्र said...

गणेश की ज्योति से नूर मिलता है ,
सबके दिलों को सुरूर मिलता है ,
जो भी जाता है गणेशा के द्वार ,
कुछ न कुछ ज़रूर मिलता है

बहुत सुन्दर बबलीजी .गणपति पर्व की ढेरो शुभकामनाये

ज्योति सिंह said...

man prasnn ho gaya sundar rachana ke saath darshan karke ,ganesh jayanti ki badhai saath hi ganpati bappa sabka mangal kare .

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत सुंदर स्तुति. गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं.

रामराम.

Mumukshh Ki Rachanain said...

वंदना को शायरी का रूप देना या फिर शायरी को वंदना का रूप देना तो कोई आपसे सीखे.
अतिसुन्दर प्रयास और सफल प्रयास.
बधाई.

Neeraj Kumar said...

श्री गणेशाय नमः...

सही समय पर सही बातें करना कोई आपसे सीखे...
बहुत ही सुन्दर ...
अब तो पर्व-त्योहारों का मौसम आ ही गया है...

कल हमारे यहाँ तीज और चौठ भी मनाया गया...

सदा said...

बहुत ही सुन्‍दरता के साथ व्‍यक्‍त गणेश वंदना के लिये बधाई! गणेश उत्‍सव की शुभकामनाएं !!

Khushdeep Sehgal said...

बबली जी.श्री गणेश उत्सव की बधाई, ब्लॉग की दुनिया में नया दाखिला लिया है. अपने ब्लॉग deshnama.blogspot.com के ज़रिये आपका ब्लॉग हमसफ़र बनना चाहता हूँ, आपके comments के इंतजार में...

नीरज गोस्वामी said...

गणपति बप्पा मोरया...हर तरफ ये ही आवाज़ आ रही है आजकल...
नीरज

Anonymous said...

गणेश चतुर्थी की मंगलकामनाऐं.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं, राष्ट्र को प्रगति पथ पर ले जाएं।

BK Chowla, said...

FANTASTIC.
HOW DO YOU GET THE IMAGE ON THE CURSER?

IMAGE PHOTOGRAPHY said...

mubark ho ganesh jayanti

चन्दन कुमार said...

bahubadhiya

Sudhir Kekre said...

bahut sundar
shubkamnayen

Akanksha Yadav said...

गणपति बप्पा मौर्या, मंगल मूर्ति मौर्या,
जय श्री गणेशा !!......गणेश चतुर्थी की मंगलकामनाऐं

Creative Manch said...

बहुत सुन्दर पंक्तियाँ
हार्दिक शुभकामनाएं


********************************
C.M. को प्रतीक्षा है - चैम्पियन की

प्रत्येक बुधवार
सुबह 9.00 बजे C.M. Quiz
********************************
क्रियेटिव मंच

alap said...

kitni sundar rachna ki hai apne very beautiful ganpati bappa moreya

shilpa said...

kitni achi baat kahi hai apne ganpati bappa moreya

Vipin Behari Goyal said...

क्या बात है


बहुत खूब

Rakesh Singh - राकेश सिंह said...

बहुत सुन्दर | जय श्री गणेश

satish kundan said...

jai ganesh jee.....

दिगम्बर नासवा said...

सच कहा ........... जय ganpati bappa ...........

राकेश 'सोऽहं' said...

बबली जी,
आपके ब्लॉग पर पहली बार आया .

पूर्व में आपने मेरी एक 'रहस्य कथा' ब्लॉग इयत्ता पर "वह कौन" की तारीफ़ की थी. आज आपकी कविताओं से रु-बा-रु हो रहा हूँ .

हम जान गए भगवान् गणपति हर जगह विद्यमान हैं.
आज उनका विसर्जन भी धूमधाम से हो गया. सूना सूना सा घर लगता है.

आपकी पंग्तियों को पढ़कर कुछ लाइने दे रहा हूँ -

हे गणेश
बुद्धि के दाता,
गोल - मटोल
पेट सुहाता .

टेढी सूंड
चौडा माथा,
प्यारी लगे
तुम्हारी गाथा .

चूहा क्यों
आड़े आ जाता,
हमें तुम्हारा
लड्डू भाता.

० राकेश 'सोऽहं'