simat gaya tha aasma bahane ko aasu mere liye.. me gam me tha uske jo ro raha tha mere liye idhar udhar se usne hatho se uthaya aasuooo ko me dhoond raha tha use jo bilak raha tha mere liye.
kash tumhari aankhon ne hamari aankhon ko is haal mein dekha hota, tum suno na suno magar ankhein ankhon ka aitbar karti hai itna bharosa aaj bhi hai...
अश्कों को हमने कई बार रोका, फिर भी न जाने क्यूँ आँखें धोखा दे गई, भरोसा तो था हमें अपने आप पर मगर, उनका ज़िक्र आते ही न जाने क्यूँ पलके नम हो गई बहुत खूब
भरोसा तो था हमें अपने आप पर मगर, उनका ज़िक्र आते ही न जाने क्यूँ पलके नम हो गई !! apkee rachnayen padhkar jo shabd nikalta hai...sirf vah ..vah ...aur sirf vah. Poonam
दुख में झरते,सुख में झरते,नयनों के कष्टों में झरते’ मन-वाणी को मुखरित करते,मन की मौन कहानी है। कोई कहता आंसूं हैं ये,कोई कहता पानी है। मन की कसक सुहानी है,मगन ह्रिदय की वाणी है।
'वियोगी होगा पहला कवि' यह पढ़ा था , आपकी शायरी पढ़ कर लगता है कि शायर परमानेंट वियोगी है. कुछ आनंददायी,सामयिक एवं प्रेरक साहित्य भी लिखिए. आपमें प्रतिभा है.
Dear Babli bahut achhi shyeriya hai but sab dard se sarbor hai.....pyar main aisa hi hota hai jisse pyar hota hai.wahi aahu aur dard deta hai. see my blog.kldangwal.blogspot.com
I am a very cheerful, friendly and fun loving girl and have a great passion for travelling as I love to explore new places, love cooking, reading books, writing Hindi poems and English articles by which I am able to express my thoughts and feelings.
60 comments:
इन आखों का क्या ऐतबार करें,
इनका काम ही धोखा , देना और खाना है,
आंसूओं पर कब, किसका ज़ोर चला,
इन्होंने, भी कहां, किसी का कहना माना है....
बबली बहुत सुन्दर लिखा है बधाई
bahut behatreen. aansoo ki boond par aapne bahut kuchh kah diya.
badhai.
urmi ji!
रचना दिल को छू गई बहुत खूब बबली जी धन्यवाद
सुंदर भाव...सुंदर पंक्तियाँ
बधाई..
बहूत खूब बबली जी गजब की रचना
Pankaj
लाजवाब बबली जी, और क्या कहें आपकी रचना तो गजब ठाती है। बहुत सुन्दर रचना बधाई।
आज तो गजब कर दिया है........
simat gaya tha aasma bahane ko aasu mere liye..
me gam me tha uske jo ro raha tha mere liye
idhar udhar se usne hatho se uthaya aasuooo ko
me dhoond raha tha use jo bilak raha tha mere liye.
अच्छे भाव की पंक्तियाँ बबली जी।
मिलन में नैन सजल होते हैं विरह में जलती आग।
पि्रयतम प्रेम है दीपक राग।।
bahut hi achcha likha hai...
wo feeling nazar aati hai.
kash tumhari aankhon ne hamari aankhon ko is haal mein dekha hota,
tum suno na suno magar ankhein ankhon ka aitbar karti hai itna bharosa aaj bhi hai...
yaad se to aankhen nam hai
par yaad raha unko
yahee kya kam hai
"अश्कों को हमने कई बार रोका,
फिर भी न जाने क्यूँ आँखें धोखा दे गई,
भरोसा तो था हमें अपने आप पर मगर,
उनका ज़िक्र आते ही न जाने क्यूँ पलके नम हो गई !!"
बढ़िया लिखा, लगी रहिये |
शुभकामनाये |
bahut khoobsoorat ahsaas.
hummmmm bahut khoob u hve such a wonderful thought keep going....
नम आंखों की कशिश दूर तलक जाएगी.मेरे ब्लॉग पर हौसला अफजाई के लिए शुक्रिया. उम्मीद करता हूँ, आगे भी ऐसी नज़रे-इनायत मिलती रहेगी
मुझे आपकी इस रचना को पढ़ कर एक पुराना शेर याद आ गया:
आया ही था ख्याल की आँखें छलक पढीं
आंसू किसी की याद से कितने करीब थे
नीरज
अश्कों को हमने कई बार रोका,
फिर भी न जाने क्यूँ आँखें धोखा दे गई,
भरोसा तो था हमें अपने आप पर मगर,
उनका ज़िक्र आते ही न जाने क्यूँ पलके नम हो गई
बहुत खूब
ashko ki baat dil se hokar aati hai ye aap ne bakhoobi bataya hai.........sunder post
बहुत खूबसूरत लिखा. शुभकामनाएं.
रामराम.
बबलीजी,
बहुत ही सुन्दर बातें...
अब अपनी रचनाओं को थोडा विस्तार दें...
आप तो लगता है, बहुत कुछ हम लोगों के सोचने-विचारने के लिए छोड़ देती हैं...
great shayari..keep writing :)
lovely lines once again. You should come out witha book on verses now..you have so many beautiful poems here.
बबली ..बेहद सुंदर !..लगा जैसे मेरे मनके भावों को आपने ज़ुबाँ दी हो ..!
bahut badhiyaa
यह दर्द हर एक आदमी भोगत ही है .....पर आपबहुत ही खुब्सूरती से दर्द को आवाज दे देती है .......बहुत बहुत बधाई
सुंदर भावः संजोये अभिव्यक्ती के लिए बधाई
Bahut badhiya.
Think Scientific Act Scientific
इक दिन गुल ने पुछा गुलशन से
बता ये गुलशन तेरे आंखो मे अश्क क्यो
तो उसने कहा , जमाने की नजर लग गयी
भरोसा तो था हमें अपने आप पर मगर,
उनका ज़िक्र आते ही न जाने क्यूँ पलके नम हो गई !!
apkee rachnayen padhkar jo shabd nikalta hai...sirf vah ..vah ...aur sirf vah.
Poonam
As usual beautifully written lines.
bahut khub,ye ashq bhi beh jate hai bas....
बहुत सुन्दर रचना...दिल को छू गई..
bahut sundar
वाह !
वाह !
वाह !
____________क्या बात है !
आँसू का इक क़तरा भी शबनम हो जाएगा ..........
आप गर मुस्कुरादो तो मरहम हो जाएगा ..........
____
_____बधाई ! बहुत उम्दा शायरी !
hota hai, hota hai aisa bhi hota hai. chhota teer ghav gambheer.
it's so mesmerizing :)
so touching...:)
cheers!!
बबली जी,
ऐसा सभी के साथ हो जाता है कभी कभी कि न चाहते हुए भी आंखें नम हो जायें...
पूरी शिद्दत से पकड़ा इस अहसास को आपने।
THUMBS UP!
बहुत सुन्दर भाव. आभार.
I agree with Sujata..you must write a book.
babli ji....
har bar ki tarah is baar bhi aapne dil khush kar diya apni rachna se..
wo kaun se ehsaas the jo mere sang reh rahe the,
kaun se dard ab bhi baki the jo ashq ban kar beh rahe the...
-Sheena
kya kahne aapke bahut....behtareen
Kya baat ...bahut khoob....
Bin bulaye bewaqat aa jaana hi hai ansuon ka kaam
Har lamhe ko ji jana har ashk ko pee jana hai Zindagi ka naam
Apke sher padte padte hum bhi shayarana hogaye
bahut behatreen...
Tum mujhe bhool bhi jaao to yeh haaq hai tumko
Meri baat aur hai Maine to mohabbat ki hai………….
this you wriiten close to my heart just something hap recently before so this poem touched me
दुख में झरते,सुख में झरते,नयनों के कष्टों में झरते’
मन-वाणी को मुखरित करते,मन की मौन कहानी है।
कोई कहता आंसूं हैं ये,कोई कहता पानी है।
मन की कसक सुहानी है,मगन ह्रिदय की वाणी है।
Wah !!
Kya shayari karti ho..
Interesting !!
shayari achha hain:p despite not speaking hindi too well i cud understand it..!
cheers..
'वियोगी होगा पहला कवि' यह पढ़ा था , आपकी शायरी पढ़ कर लगता है कि शायर परमानेंट वियोगी है. कुछ आनंददायी,सामयिक एवं प्रेरक साहित्य भी लिखिए. आपमें प्रतिभा है.
आँखें नम कर गई आपकी रचना....इस खुबसूरत रचना के लिए बहुत बहुत बधाई
bahut dard likh diya hai.. but gr8
'उनका ज़िक्र आते ही न जाने क्यूँ पलके नम हो गई !!'
- उनका ख्याल ही ऐसा होता है.
Dear Babli
bahut achhi shyeriya hai but sab dard se sarbor hai.....pyar main aisa hi hota hai jisse pyar hota hai.wahi aahu aur dard deta hai. see my blog.kldangwal.blogspot.com
भरोसा तो था हमें अपने आप पर मगर,
उनका ज़िक्र आते ही न जाने क्यूँ पलके नम हो गई !!
Har bar kee tarah is bar bhee lajavab .post.
HemantKumar
great shayari with full of emotions
उनका ज़िक्र आते ही न जाने क्यूँ पलके नम हो गई
सच कहा .......... पर इन आंसूओं पर किसका ज़ोर है ............
भरोसा तो था हमें अपने आप पर मगर...
इतने दर्दीले और नाजुक तरीके से आपने "मगर" कह दिया...
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