Sunday, August 30, 2009


एक लम्हा बार बार सताता है,
जाने ये दिल क्या चाहता है,
काश इस लम्हे में वो हमारे साथ होते,
पर ये काश तो काश ही बनकर रह जाता है !

44 comments:

Udan Tashtari said...

काश काश से हकीकत बने..दुआऐं!! बेहतरीन!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

एक कुशल जौहरी द्वारा तराशा गया आपका शेर हीरे की तरह चमक रहा है।

श्यामल सुमन said...

सुन्दरम्।

ये काश हकीकत बने - शुभकामनाएं

वाणी गीत said...

काश हकीकत बन जाये ...बहुत शुभकामनायें ..!!

ताऊ रामपुरिया said...

पर ये काश तो काश ही बनकर रह जाता है !

सुंदर अभिव्यक्ति. शुभकामनाएं.

रामराम.

mehek said...

kaash sapne sach ho,bahut khub likha hai.rkdam dil se.

निर्मला कपिला said...

बहुत सुन्दर और आपकी कामना पूर्ण हो शुभकामनायं

मस्तानों का महक़मा said...

बहुत ही सुंदर शब्दों से काश को बयां किया आपने..
पढ़कर अच्छा लगा.


सपने में अगर देख लेता काश उसे
सपनों को सजाने का मिका मिल जाता
में देखता रहा सपने काश कोई सपना उसका भी मिल जाता
बस झलक काफी थी मिलने के लिये
काश से मेरा यकीन जुड़ जाता...

Anonymous said...

bahut khoob..kya baat hai...

tanhaai vastav mein ek 'curse' hai..
Sorry I couldn't think of a word..

I am following this blog from now...
do visit mine...sometimes...

satish kundan said...

इस दिल की मत पूछिये ये तो हर लम्हे में उन्हें महसूस करता है...बहुत भावपूर्ण रचना!!!!

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

wakai kaash ban ke reh jaata hai...

दिगम्बर नासवा said...

काश इस लम्हे में वो हमारे साथ होते

सच कहा .......... बात तो सही है ......... अगर वो साथ hon तो ये lamha जिंदगी बन जाए ......... lajawaab khoobsoorat khwaab है ...........

Vinay said...

Nice One!
--->
गुलाबी कोंपलें · चाँद, बादल और शाम

शिवम् मिश्रा said...

बहुत सुन्दर |

विनोद कुमार पांडेय said...

बेहतरीन अभिव्यक्ति..भावपूर्ण रचना,
शुभकामनाएं!!!

मोहन वशिष्‍ठ said...

काश.....

बहुत ही अच्‍छा बेहतरीन उर्मी जी

नोट : आजकल समस्‍त ब्‍लाग जगत के ब्‍लागर मुझसे पता नहीं किस बात पर नाराज हैं कि कभी मेरे मन की बात जानने की कोशिश भी नहीं करते खासकर बहुत सारे हैं नाम नहीं लूंगा अपने आप जान जाएंगे अगर इस नाचीज से कोई चूक हो गई हो तो माफी चाहूंगा और तनिक हमारे मन की गली में आकर हमारा मार्गदर्शन कर दें आप सभी

kshama said...

haan aise karodon 'kaash' liye jee rahe hain ham bhi..!

Science Bloggers Association said...

Bahut khoob kaha hai aapne.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

अर्चना तिवारी said...

बहुत खूब..

Atmaram Sharma said...

बहुत सुंदर भाव है.

admin said...

kaash!!!!!!

Mithilesh dubey said...

बहुत खुब लाजवाब रचना।

राज भाटिय़ा said...

काश !! हम भगवान से प्राथना करते है, जल्द हक्कीकत बने यह काश....

Mumukshh Ki Rachanain said...

जिंदगी की सारी मशक्कत इसी "काश" को "हकीकत" में बदलने की ही तो है, पर कहा गया है न कि, "मुक़द्दर से ज्यादा और समय से पहले" किसी को कुछ भी नसीब नहीं होता, यही तो नसीब या कहें ऊपर वाले के कंप्युटर का लेखा-जोखा है.

सुन्दर रचना पर हार्दिक बधाई.

चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com

BK Chowla, said...

Babli,as usual very expressive and touching

ओम आर्य said...

हाय ...........यह काश..........हकिकत बन जाय!

Murari Pareek said...

वाह बहुत ही उम्दा रचना ये काश तो काश ही बनकर रह जाता है | आपकी बहुत साड़ी रचना नहीं पढ़ पाया पर आज साड़ी पढ़ ली हैं | आपकी हर रचना में बेशुमार प्रेम झलकता है !!

RAJNISH PARIHAR said...

kaash kabhi na kabhi haqikat me badlega jroor....

Dr.Aditya Kumar said...

'दिल तो दिल है ,परिंदों की तरह उन्मुक्त उडान लिए,
'एक हँसमुख और दिलचस्प लड़की टूटे दिल की बातें ज्यादा करती है,आश्चर्य है,

जगदीश त्रिपाठी said...

बेहतर अभिव्यक्ति,

sujata sengupta said...

wow!! beautiful lines once again urmi.

Anonymous said...

बेहतरीन अभिव्यक्ति !!

महेन्द्र मिश्र said...

बहुत ही भावपूर्ण ...

Amit Kumar Singh said...

Poignant and captivating...

cheers!!

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

bahut hi behtareen shayari..... bahut achcha laga padh ke.......

अनिल कान्त said...

behtreen aur khoobsurat panktiyaan hain

Chandan Kumar Jha said...

बहुत सुन्दर!!!!!

डिम्पल मल्होत्रा said...
This comment has been removed by the author.
M VERMA said...

यह् काश
बने आकाश

Imagination said...

Ati sundar....

My new ID (please see)

jamos jhalla said...

Lamhon ki khtaa
Sadion ki sazaa
kash yeh haqikat
beparda ho jaye.
jhalli-kalam-se
angrezi-vichar.blogspot.com

Neeraj Kumar said...

काश तो काश ही बनकर रह जाता है...

बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ...

Anonymous said...

Great Site!

shyam1950 said...

एक लम्हा बार बार सताता है,
न जाने ये दिल क्या चाहता है,
काश इस लम्हे में वो हमारे साथ होते,
पर ये काश तो काश ही बनकर रह जाता है !

ye dil aakhir chahta kya hai
har lmha itna satata kyon hai
kash ve hamare sath hote
par ye kash!
kash hi rah jata hai

AAPKE SHABDON SE KHELNE KA MAN KIYA AUR LIKH DIYA . . . HALANKI AAPKI KAVITA ADHIK SUNDAR HAI