एक लम्हा बार बार सताता है,
न जाने ये दिल क्या चाहता है,
काश इस लम्हे में वो हमारे साथ होते,
पर ये काश तो काश ही बनकर रह जाता है !
न जाने ये दिल क्या चाहता है,
काश इस लम्हे में वो हमारे साथ होते,
पर ये काश तो काश ही बनकर रह जाता है !
Posted by Urmi at 6:06 PM
44 comments:
काश काश से हकीकत बने..दुआऐं!! बेहतरीन!
एक कुशल जौहरी द्वारा तराशा गया आपका शेर हीरे की तरह चमक रहा है।
सुन्दरम्।
ये काश हकीकत बने - शुभकामनाएं
काश हकीकत बन जाये ...बहुत शुभकामनायें ..!!
पर ये काश तो काश ही बनकर रह जाता है !
सुंदर अभिव्यक्ति. शुभकामनाएं.
रामराम.
kaash sapne sach ho,bahut khub likha hai.rkdam dil se.
बहुत सुन्दर और आपकी कामना पूर्ण हो शुभकामनायं
बहुत ही सुंदर शब्दों से काश को बयां किया आपने..
पढ़कर अच्छा लगा.
सपने में अगर देख लेता काश उसे
सपनों को सजाने का मिका मिल जाता
में देखता रहा सपने काश कोई सपना उसका भी मिल जाता
बस झलक काफी थी मिलने के लिये
काश से मेरा यकीन जुड़ जाता...
bahut khoob..kya baat hai...
tanhaai vastav mein ek 'curse' hai..
Sorry I couldn't think of a word..
I am following this blog from now...
do visit mine...sometimes...
इस दिल की मत पूछिये ये तो हर लम्हे में उन्हें महसूस करता है...बहुत भावपूर्ण रचना!!!!
wakai kaash ban ke reh jaata hai...
काश इस लम्हे में वो हमारे साथ होते
सच कहा .......... बात तो सही है ......... अगर वो साथ hon तो ये lamha जिंदगी बन जाए ......... lajawaab khoobsoorat khwaab है ...........
Nice One!
--->
गुलाबी कोंपलें · चाँद, बादल और शाम
बहुत सुन्दर |
बेहतरीन अभिव्यक्ति..भावपूर्ण रचना,
शुभकामनाएं!!!
काश.....
बहुत ही अच्छा बेहतरीन उर्मी जी
नोट : आजकल समस्त ब्लाग जगत के ब्लागर मुझसे पता नहीं किस बात पर नाराज हैं कि कभी मेरे मन की बात जानने की कोशिश भी नहीं करते खासकर बहुत सारे हैं नाम नहीं लूंगा अपने आप जान जाएंगे अगर इस नाचीज से कोई चूक हो गई हो तो माफी चाहूंगा और तनिक हमारे मन की गली में आकर हमारा मार्गदर्शन कर दें आप सभी
haan aise karodon 'kaash' liye jee rahe hain ham bhi..!
Bahut khoob kaha hai aapne.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
बहुत खूब..
बहुत सुंदर भाव है.
kaash!!!!!!
बहुत खुब लाजवाब रचना।
काश !! हम भगवान से प्राथना करते है, जल्द हक्कीकत बने यह काश....
जिंदगी की सारी मशक्कत इसी "काश" को "हकीकत" में बदलने की ही तो है, पर कहा गया है न कि, "मुक़द्दर से ज्यादा और समय से पहले" किसी को कुछ भी नसीब नहीं होता, यही तो नसीब या कहें ऊपर वाले के कंप्युटर का लेखा-जोखा है.
सुन्दर रचना पर हार्दिक बधाई.
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com
Babli,as usual very expressive and touching
हाय ...........यह काश..........हकिकत बन जाय!
वाह बहुत ही उम्दा रचना ये काश तो काश ही बनकर रह जाता है | आपकी बहुत साड़ी रचना नहीं पढ़ पाया पर आज साड़ी पढ़ ली हैं | आपकी हर रचना में बेशुमार प्रेम झलकता है !!
kaash kabhi na kabhi haqikat me badlega jroor....
'दिल तो दिल है ,परिंदों की तरह उन्मुक्त उडान लिए,
'एक हँसमुख और दिलचस्प लड़की टूटे दिल की बातें ज्यादा करती है,आश्चर्य है,
बेहतर अभिव्यक्ति,
wow!! beautiful lines once again urmi.
बेहतरीन अभिव्यक्ति !!
बहुत ही भावपूर्ण ...
Poignant and captivating...
cheers!!
bahut hi behtareen shayari..... bahut achcha laga padh ke.......
behtreen aur khoobsurat panktiyaan hain
बहुत सुन्दर!!!!!
यह् काश
बने आकाश
Ati sundar....
My new ID (please see)
Lamhon ki khtaa
Sadion ki sazaa
kash yeh haqikat
beparda ho jaye.
jhalli-kalam-se
angrezi-vichar.blogspot.com
काश तो काश ही बनकर रह जाता है...
बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ...
Great Site!
एक लम्हा बार बार सताता है,
न जाने ये दिल क्या चाहता है,
काश इस लम्हे में वो हमारे साथ होते,
पर ये काश तो काश ही बनकर रह जाता है !
ye dil aakhir chahta kya hai
har lmha itna satata kyon hai
kash ve hamare sath hote
par ye kash!
kash hi rah jata hai
AAPKE SHABDON SE KHELNE KA MAN KIYA AUR LIKH DIYA . . . HALANKI AAPKI KAVITA ADHIK SUNDAR HAI
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