Sunday, September 6, 2009


कितना ख़ूबसूरत ये समा है,
बारीश के बूंदों में खो रहा सारा जहान है,
कुछ कहना चाहती है ये शायद,
तभी तो दिल के करीब ये जहान है !

45 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बारिश की बून्दें कहती हैं
अमृत जल का पान करो।
सच्ची प्रीत निभाओ जग में,
इश्क नही बदनाम करो।।

उर्मी जी।
आज आपने बहुत बढ़िया लिखा है।
बधाई!

विनोद कुमार पांडेय said...

वाह!!
कितनी भाव पूर्ण अभिव्यक्ति...
बधाई..

Unknown said...

bahut achha laga.........
badhaai !

Mishra Pankaj said...

बहूत खूब बबली जी !!!

पंकज

SACCHAI said...

ek bhavpurn abhivyakti ....aapke blog per aaneka yahi to aanand hai

----- eksacchai [AAWAZ}

http://eksacchai.blogspot.com

http://hindimasti4u.blogspot.com

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत सुंदर अभिव्यक्ति. शुभकामनाएं.

रामराम.

Atmaram Sharma said...

सादगी और सरलता से विचारों को रखने की कला आपको सध गई है. साधुवाद.

Saiyed Faiz Hasnain said...

बारिश की बून्दें कहती हैं.........
wah babli ji kya baat kahi hai mano man me badal umad ghumad rahe hai ......
sunder post

दिगम्बर नासवा said...

BAHOOT KHOOB .... BHAAV POORN ABHIVYAKTI ... DIL KE KAREEB SE LIKHA AI AAPNE .....

Aparna said...

Beautiful lines, enjoyed reading them.

hempandey said...

बारिश की बूंदों से रूमानियत उभरने का एक उदाहरण.

Khushdeep Sehgal said...

ये दौलत भी ले लो,ये शोहरत भी ले लो,
भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी...
मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन,
वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी...

ओम आर्य said...

चार पंक्तियो मे आप भी बहुत कुछ कह जाती है जिसमे मनऔर आत्मा दोनो ही खुशी से भर जाता है .....बहुत बहुत बधाई इस खुब्सूरत से रचना के लिये

mehek said...

ekdam baarish ki tarah madmast khilkhilati huyi shayari,waah sunder

मस्तानों का महक़मा said...

बहुत ही अच्छा लगा पढ़कर...
लेकिन
चार लाइनों मे अपने भाव को रख पाना क्या आपको आसान लगता है?
मुझे तो आपकी हर चार लाइनों को पढ़ने के बाद चार लाइने बनाने का मन करता है।

तो क्या आप भी कभी अपनी किसी पुरानी पंक्तियों को पढ़कर चार लाइन बनाती हो।

BK Chowla, said...

It is always a pleasure to read your impressive posts.

Diwakar Sinha said...

bohut hi khoobsurat...wow I love speaking like this. :)

हेमन्त कुमार said...

वाह । आपकी रचनायें विभोर कर देती हैं । बेहतर अभिव्यक्ति ।

jamos jhalla said...

Subah ye post padee baahar aayaa to vaakai samaa haseen thaa ,khoobsoorat thaa.

Anonymous said...

thode shabdoan bahut kuch keh dena....ise hi kala kaha jaata hai...

sujata sengupta said...

Thats a sweet and happy poem, very different from your usual poetry.

M VERMA said...

बूँदो को विस्तार दे दिया.
बहुत खूब
चित्र नायाब

Vipin Behari Goyal said...

वाह क्या बात है

Kavita Saharia said...

Babli...its so hot and humid here ...your words are the best thing today.

राज भाटिय़ा said...

अरे हम तो बिना छाता खुब नहाते थे बारिश मै... बहुत कुछ कहती अहि यह आप की बारिश की बूंदे... धन्यवाद

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar said...

Prakriti ko andar tak mahasoos kar likhee gayee rachna.
HemantKumar

Chandan Kumar Jha said...

बबली जी हमेशा की तरह बेहतरीन शायरी……………लिखती रहें ।

Mithilesh dubey said...

बहुत सही लिखा है आपने। लाजवाब रचना

abdul hai said...

Excellent

Himanshu Pandey said...

बेहद खूबसूरत रचना । आभार ।

दर्पण साह said...

badhiya abhivyakti

निर्मला कपिला said...

आअपकी शायरी के सदके जाऊँ सुन्दर लिखती हैं बधाई

Udan Tashtari said...

भावपूर्ण अभिव्यक्ति..बधाई!

वन्दना अवस्थी दुबे said...

बहुत खूब. उम्दा अशआर.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World said...

Kam shabdon men behatrin rachna...mubarakvad.

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' said...

उर्मी जी,
सुंदर अभिव्यक्ति...लग रहा है आप के यहाँ खूब बारिश हो रही है।बारिश तो अब यहाँ बनारस में भी आजकल खूब हो रही है पर ’क्या बरखा जब कृषि सुखाने’........फिर भी जल स्तर और गर्मी के लिहाज से तो यह आवश्यक है। आप को बारिश की बधाई और आप के जीवन में इस बारिश की तरह ही खुशियों की बारिश भी होती रहे....

vikram7 said...

कितना ख़ूबसूरत ये समा है,
बारीश के बूंदों में खो रहा सारा जहान है,
कुछ कहना चाहती है ये शायद,
तभी तो दिल के करीब ये जहान है !
वाह बहुत खूब, कम शब्दो में ,बहुत कुछ कहने में,आप का जवाब नही

डा श्याम गुप्त said...

रंगे बासन्ती आंचल को,
लहर,लहराती हैं क्यारियां।
दिल में उठता है मेरे धुआं,
एक तू ही नहीं जो यहां॥

Dimple said...

Bahut khoob.......
Great!

Regards,
Dimple
http://poemshub.blogspot.com

Sulabh Jaiswal "सुलभ" said...

बारिश की बून्दें कहती हैं...

bahoot khoob!!

प्रवीण said...

.
.
.
अच्छी अभिव्यक्ति है,
कविता के साथ की तसवीर तो बहुत ही खूबसूरत लगी।

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

babli ji shayad bhagwaan ne aapki sun li...
delhi/ncr mein kal raat se non-stop varsha ho rahi hai...
badhaayi...

Abhilash said...

nice... aapki sayari bahut achi hain...

You have a nice blog...

mark rai said...

कितना ख़ूबसूरत ये समा है,
बारीश के बूंदों में खो रहा सारा जहान है,
कुछ कहना चाहती है ये शायद,
तभी तो दिल के करीब ये जहान है ......
आपने बहुत बढ़िया लिखा .....thanks..

Rakesh Singh - राकेश सिंह said...

जितनी सुन्दर रचना, उतनी ही सुन्दर चित्र का चुनाव