Wednesday, November 4, 2009


सुर्ख होठों पे लिखा है नाम अब तुम्हारा,
गुल से भी नाज़ुक है यारा दिल हमारा,
रूठ मत जाना तू मुझसे अब सनम,
हमकदम बनकर चलेंगे हर कदम !

33 comments:

Unknown said...

wah babli ji waah !

jaisee babli aap vaisee hi babli aapki shaayri...

kya baat hai !
har kadam aur humkadam ka kya khoobsoorat upyog kiya hai......

badhaai
badhaAi
badhaai

समय चक्र said...

वाह बबली जी कम शब्दों में खूबसूरत रचना ...

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बेहतरीन एहसास!
सुन्दर भाव!!
शानदार शेर!!!

Mishra Pankaj said...

बहुत सुन्दर रचना !!!
बधाइ

Mithilesh dubey said...

क्या बात है। बेहद खूबसूरत व दिल से लिखी गयी रचना। बहुत-बहुत बधाई....

M VERMA said...

बेहतरीन एहसास दिल का गुल से भी नाज़ुक होने का.
बहुत सुन्दर
चित्र के बारे मे क्या कहूँ सदा की तरह लाजवाब

दीपक 'मशाल' said...

Babli ji surkh honth bhi kisi premika ke hote hain aur gul se najuk dil bhi usi ka, ab ye baat koi premi kaise kahega? ladke ke honth kaise surkh hue? agar premika kah rahi hai to premi ka dil kaise gul se najuk ho gaya? samajh nahin aaya( just kidding :) )

achchha sher hai

विनोद कुमार पांडेय said...

क्या बात है बबली जी..बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति...बधाई

kshama said...

Roothe preetam ko maneme ek umr nikal jati hai, unhen to manana aata nahee, to ham roothte nahee..

Dil to chahta hai,ki, hame bhi koyee manaye!

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर रचना.
धन्यवाद

Udan Tashtari said...

बेहतरीन!!

Dr. Ashok Kumar Mishra said...

nice poem

drashokpriyaranjan.blogspot.com

Anonymous said...

अपने दुश्मन को मित्र बनाने के हजार अवसर दो लेकिन अपने मित्र को दुश्मन बनने का एक भी मौका मत दो।

दिनेशराय द्विवेदी said...

बहुत सुंदर अहसास और बात!

Apanatva said...

bahut sunder aagrah karatee aur aashvasan detee rachana . badhai

Murari Pareek said...

babli ji laajwaab !! mere kaam kaa sher hai !!! dhanyawaad!!!

ताऊ रामपुरिया said...

वाह लाजवाब!

रामराम.

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

wah! bahut sunder rachna hai.......

BK Chowla, said...

Babli,every post of yours is better than the other.
Who's picture is it anyway?

janta ki aawaz said...

रूठ मत जाना तू मुझसे अब सनम,
sunder rachna......

IMAGE PHOTOGRAPHY said...

बहुत खुब शायरी लिखी है आपने।
बधाई हो...

Umesh Agarwal said...

very beautiful indeed...

कविता रावत said...

Bahut achhi shayari likhati aap.
Shubhkanayen.

PRAN SHARMA said...

SUNDAR AUR SAHAJ BHAVABHIVYAKTI
KE LIYE AAPKO BADHAAEE AUR SHUBH
KAMNA.

vandana gupta said...

jitne sundar ahsaas utne hi sundar alfaaz.......badhayi.

CSK said...

ये अधर नहीं प्रतिबिम्ब तेरी मधु से मीठे मुस्कान की है..
जिनके प्यासे अब तड़प रहे उनके प्रेयस अनुमान की है...
इनकी शीतलता के अनुभव का आलिंगन अब कौन करें....
इन होठों पे अब यही प्रश्न अधरों के मद-अभिमान की है..

दिगम्बर नासवा said...

कुछ SHABDON में कही LAMBEE बात ......... बहुत सुन्दर .......

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

गागर में सागर। चंद शब्दों में दिल की बात का इज़हार।
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परा मनोविज्ञान- यानि की अलौकिक बातों का विज्ञान।
ओबामा जी, 75 अरब डालर नहीं, सिर्फ 70 डॉलर में लादेन से निपटिए।

अपूर्व said...

खूबसूरत पंक्तियों के साथ कातिलाना फोटो जैसे कि..साकी ने जहर मिला दिया हो शराब मे!!!

Peeyush..... said...

sirf 4 lines hain...par jabardast..!!

मस्तानों का महक़मा said...

बहुत खूब लिखा है..

शब्दों में वो भाव तो आ ही गए जिससे पढ़ने वाला भी अपने अंतरमन में झाक सके।

সুশান্ত কর said...

It's a nice feeling to read your poems . I'll surely tour here every now and then

Neeraj Kumar said...

बहुत ही सुन्दर...बोलता हुआ चित्र और गुनगुनाते हुए शब्द आकर्षित कर रहे हैं...वाआह>>>>>>>>