Sunday, November 8, 2009


समंदर की लहरें मचलने लगी हैं,
जीवन की रफ़्तार चलने लगी हैं,
रुकते नहीं हैं कदम अब हमारे,
जवानी के जज़्बे पिघलने लगे हैं !

39 comments:

Arvind Mishra said...

बहुत बिंदास !

दिगम्बर नासवा said...

रुकते नहीं हैं कदम अब हमारे,
जवानी के जज़्बे पिघलने लगे हैं ....

BAHOT HI HASEEN KALPANA HAI .... LAJAWAAB

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

bahut sundar, chitr bade pyaare select katee hai aap !

Apanatva said...

ek pyaree rachana hai.

अमिताभ मीत said...

समंदर की लहरें मचलने दे आखिर
अगर रफ़्तार जीवन में है तो वोही है
क़दम ही वो क्या जो रुकने लगें हों
पिघलते हों जज्बे जवानी वोही है

Umesh Agarwal said...

bahut khub...

Mithilesh dubey said...

बहुत ही उम्दा लगी आपकी चन्द लाईनें।

M VERMA said...

उम्दा रचना
बहुत सुन्दर और भावपूर्ण

राज भाटिय़ा said...

जो रुक जाये बो कदम ही क्या, जो जज्बे जवानी मै ना पिघले वो जज्बे ही कया..... बहुत सुंदर चार लाईने लिखी आप ने

Kavita Saharia said...

Very beautiful and interesting lines!!

Yogesh Verma Swapn said...

sunder panktian.

रुकते नहीं हैं कदम अब हमारे,
जवानी के जज़्बे पिघलने लगे हैं ....

nahut khoob likha hai , dilko chhoo gain . aur zyada khushi mujhe ye hui ki narajgi bhula kar aap mere blog par aai,bahut din baad ,aisa hi hona bhi chahiye, raat gai baat gai. dhanyawaad.

BK Chowla, said...

Babli,very nice and the pictures you are beautiful.

समय चक्र said...

bahut badhiya bindas rachana ...

IMAGE PHOTOGRAPHY said...

मंद है हवायें
मंद पडा मन
पर जज्बात रुकते नही....

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर छन्द है!
बधाई!

RAJNISH PARIHAR said...

अब कदम रुकने भी नहीं चाहिए...आपका चित्र संयोजन बहुत ही अच्छा लगा!बहने दीजिये अपने विचारों को......बिना रुके..

Unknown said...

bahut khoob !

डॉ टी एस दराल said...

बहुत खूब बबली जी, इसमें नयापन है.

हितेष said...

This is the truth of human life.. At last you have to accept the practicality. I hope I understood your theme.. , Anyway.. the word combination was nice.

रश्मि प्रभा... said...

waah....

दीपक 'मशाल' said...

Bhai main chhote kad ka khilaadi hoon, aapki shayari bounce ho jati hai sar se...
meri samajhdani zara kamzor hai.. :)

शरद कोकास said...

chauthi line me लगी है के जोड़ का कुछ ढूंढिये ।बाकी बढ़िया है ।

दीपक 'मशाल' said...

Amitabh Meet ji ne thode se badlaav ke baad is sher ko jo khoobsoorati de di hai uspar dhyaan dijiyega....
Jai Hind...

Unseen India Tours said...

Wah kya baat likhi hai !! Maza aa gaya padh kar !!!

Arshia Ali said...

जिंदगी की रवानी से भरपूर एक शानदार क़ता।
------------------
और अब दो स्क्रीन वाले लैपटॉप।
एक आसान सी पहेली-बूझ सकें तो बूझें।

अलीम आज़मी said...

wow its... fantastic ...its really touches my heart deeply...now its an confirm that ur magician poet...
keep going
best regards
aleem azmi

!!अक्षय-मन!! said...

वाह बबली जी बहुत ही सुन्दर कहा आपने आपकी शाएरी कुछ खास है उसमे कोई बात है

माफ़ी चाहूंगा स्वास्थ्य ठीक ना रहने के कारण काफी समय से आपसे अलग रहा

अक्षय-मन "मन दर्पण" से

padmja sharma said...

बबली ,
चलते रहना ही जीवन है .इस जज़्बे को सलाम ..

मस्तानों का महक़मा said...

bahut hi badiya panktiyan hain.
padkar man achcha ho jata hai.

jab zikr na ho uski zuba se humara
log kehte hai usse kaha hai yaar tumhara.
kese kisi rishte ko log apna nazariya de dete hai.
sab kehte hai yaar tumhe mera, me kehti hu tum pyaar ho humara.

मस्तानों का महक़मा said...

babli ji....
koi narazgi ho to blog par aakar zahir kar sakti ho...
shayad humse hi koi galti ho gai ho.

अजय कुमार said...

मदमस्त करती शायरी

mark rai said...

रुकते नहीं हैं कदम अब हमारे,
जवानी के जज़्बे पिघलने लगे हैं ...

बहुत सुन्दर और भावपूर्ण रचना...

देवेन्द्र पाण्डेय said...

वाह! क्या खूब..! चित्र क्या खूब.. शायरी!!

SACCHAI said...

" khubsurat "

----- eksacchai { AAWAZ }

http://eksacchai.blogspot.com

महावीर said...

रचना और चित्र दोनों ही बहुत अच्छे लगे. आखिर में 'लगे हैं' से यह मिस्रा बहर से खारिज हो गया है. लेकिन आपके ज़ज्बात का जवाब नहीं. बधाई.
अगर मेरी इस तरह दखल्दाज़ी से आप ज़रा भी आहत हुई हों, मैं हार्दिक रूप से क्षमा चाहता हूँ. ऎसी दशा में आप को पूरा हक़ है कि टिप्पणी को हटा सकती हैं.
महावीर शर्मा

satish kundan said...

aapki ek aur behtarin rachna jo dil dharka gai..

ओम आर्य said...

मौसमो का आना और जाना ........यह प्रकृति है तो प्यार के जज्बे मे खुद को मिटा देना ही नौ जीवन.......बहुत खुब!

Neeraj Kumar said...

Pure youthfullness...wow!

Sumandebray said...

Bahut khub .... chalte hi rahena hai..
Rafter apne control mein hona hai