Monday, November 30, 2009


पल भर में जो टूट जाए वो कसम हो नहीं सकता,
वीराना कभी खिलता चमन हो नहीं सकता,
एक दूसरे के वास्ते हम और तुम बनें,
पल भर में जो रूठे वो सनम हो नहीं सकता !


41 comments:

अजय कुमार said...

खूबसूरत लाइनें, लुभावना चित्र

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

अति सुन्दर !

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बढ़िया चित्र,
उम्दा शायरी!
nice.

निर्मला कपिला said...

बिलकुल सही कहा बबली जी शुभकामनायें

Mithilesh dubey said...

बात तो आपकी बिल्कुल सही है , लेकिन आज कल कसम के शायद उतने मायने नहीं रह गये , इसलिए टुटने में ज्यादा वक्त नहीं लगता । अच्छी रचना , बधाई

दिगम्बर नासवा said...

आपका कहना सही है ..... . कमाल का LIKHA HAI ...... UMDA .....

kshama said...

Sundar chitr aur utnee hee sundar shayari...!

Unknown said...

ho skta ki bjaye ho skti hota to achha hota... kasam hota nhi hoti hai...

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

बेहतरीन

Apanatva said...

sunder rachana . badhai

ताऊ रामपुरिया said...

वाह बहुत सुंदर बात कही आपने, शुभकामनाएं.

रामराम.

kishore ghildiyal said...

badiya likha hain ati sundar

डॉ टी एस दराल said...

अजी इस रूठने मानाने को ही तो आशिकी कहते हैं।
सुंदर रचना।

M VERMA said...

सुन्दर और सरल ढंग से कही सुन्दर बात
बहुत सुन्दर

CSK said...

टूटे कसमों को जोड़ेंगे..
मुरझी कलियों को सींचेंगे..
तुझको पाने की हसरत में
हम रूठे सनम को खींचेंगे..

जो टूट न सके वो कसम नहीं...
जो मुरझाये न चमन नहीं....
तू मुस्काये हम खिल जाएँ..
पर,जो रूठ न सके वो सनम नहीं...

मनोज कुमार said...

दिल को छू गई।
बेहद पसंद आई।

शरद कोकास said...

पल भर में जो टूट जाए वो कसम हो नहीं सकती
वीरान दुनिया कभी खिलता चमन हो नहीं सकती
हम और तुम बनें हैं सिर्फ एक दूसरे के वास्ते
पल भर में जो रूठे वो सनम हो नहीं सकता !

अब इस आखरी लाइन मे सनम हो नही सकती तो नही जमेगा ,,सोचते है ..क्या किया जा सकता है

राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर said...

रूठने-मनाने का नाम ही प्यार है........पर पल-पल में रूठने वाला सनम नहीं................सुन्दर

दिनेशराय द्विवेदी said...

इस चित्र और उस के लिए लिखी पंक्तियों का जवाब नहीं।

Dr. Ashok Kumar Mishra said...

बबली जी,
बहुत अच्छी कविता लिखी है आपने । छोटी सी रचना गहरा प्रभाव छोडऩे में समर्थ हैं ।

मैने अपने ब्लाग पर एक कविता लिखी है-रूप जगाए इच्छाएं । समय हो तो पढ़ें और कमेंट भी दें-
http://drashokpriyaranjan.blogspot.com

ज्योति सिंह said...

aapki tasvir aur rachna dono shaandar hai ,aapka komal man jhalkta hai

mehek said...

waah bahut khub kaha pal bhar mein ruth jaye wo sanam ho nahi sakta,wah

Udan Tashtari said...

@ शरद भाई

सनम को जानम कर लिजिये...बैठ जायेगा///

पल भर में जो रूठे वो जानम हो नहीं सकती ! :)


एक सुझाव भर है.


बाकी बढ़िया.

Sumandebray said...

bahut badiya... par ruthe ge nahi to manayege kaise!!!

vandana gupta said...

WAAH WAAH.........BAHUT HI SUNDAR PANKTIYAN AUR BHAV.

BK Chowla, said...

I get fascinated by the pictures here and of course the poem.

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

चित्र के साथ....... बहुत सुंदर शायरी..........

रश्मि प्रभा... said...

baat bilkul sahi.....

IMAGE PHOTOGRAPHY said...

khubsurat .....

RAJNISH PARIHAR said...

सनम की तो यही खासियत होती है की वो रूठता नहीं..,,लेकिन आजकल कुछ कह नहीं सकते...

janta ki aawaz said...

aapne ekdam sahi baat kahi hai ki veeraana kabhi khilta chaman nahi ho sakta .........har bar ki tarah lajawab post

Creative Manch said...

पल भर में जो रूठे वो सनम हो नहीं सकता !
सुंदर बात
वैसे ज्यादातर सनम रूठता भी महज इसलिए ही है क्यूंकि वो चाहता है कि उसे मनाया जाए !

स्नेह एवं शुभ कामनाएं


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समय चक्र said...

पल भर में जो टूट जाए वो कसम हो नहीं सकता,
वीराना कभी खिलता चमन हो नहीं सकता
बहुत उम्दा बबली जी...

खुला सांड said...

यही मैं सोच रहा था इतनी सुन्दर लाइने हैं सिर्फ एक "कसम" के लिए गड़बड़ हो रही थी!!! बबली जी शरदजी ने बिलकुल सही ध्यान दिलाया और समीरजी ने सुन्दर तरीके संवार दिया एडिट करके सनम को जानम कर दें तो बेहतर होगा या फिर उपयुक्त शब्द आप ही खोज कर लगा देवें!!! रचना वाकी लाजवाब है पर कसम स्त्रीलिंग का बोध कराती है !!!

Unknown said...

गागर में सागर

सदा said...

बहुत ही सुन्‍दर पंक्तियां ।

Neeraj Kumar said...

वीराना कभी खिलता चमन हो नहीं सकता,

क्या खूब कहा है? दर्द भरी सच्चाई है इन पंक्तियों में...

अलीम आज़मी said...

umda sher aur dilkash tasveer
bahut khoobsurat ............

Umesh Agarwal said...

brilliant!!...you are just superb...great choice of the picture as well :)

राजू मिश्र said...

वाकई आपके शब्‍दों में बहुत दम है और चिंतन नायाब। पूरे मन के साथ बधाई स्‍वीकारें।

दीनदयाल शर्मा said...

कसम बनी है टूटने के लिए.
चमन बनी है चून्टने के लिए
एक दूसरे के लिए बने हैं हम और तुम
सनम बने हैं रूठने के लिए.
www.http://deendayalsharma.blogspot.com
www.http://kavitakosh.org