आपसे मुलाकात न हो तो होती है हमें फ़िक्र,
हर वक़्त अपने आपसे करते हैं आपका ज़िक्र,
आप जैसा कोई दूजा न होगा हमें नसीब,
आप दूर होकर भी सदा रहोगे हमारे करीब !
हर वक़्त अपने आपसे करते हैं आपका ज़िक्र,
आप जैसा कोई दूजा न होगा हमें नसीब,
आप दूर होकर भी सदा रहोगे हमारे करीब !
38 comments:
आपकी आह पर भी निकलती है वाह!
चाह से ही बनती हैं राह!
बढ़िया शायरी!
आप दूर होकर भी सदा रहोगे हमारे करीब
bahut sundar rachna
shekhar kumawat
kavyawani.blogspot.com/
ek behtrin sayri ,bahut sunder,etc.etc.
सही कहा जिससे प्रेम हो जाये उसके जैसा दूसरा कोई नहीं दिखता
पर जब वो चला जाता हैं तो हर चेहरा उसके जैसा लगता हैं
sundar rachna.
मिलते नहीं हैं आप जब तो होती है हमें फ़िक्र,
हर वक़्त खुद से किया करते हैं आपका हम ज़िक्र,
होगा न कोई दूजा हमें आप जैसा नसीब
दूर होके भी सदा रहेगें आप मेरे करीब
वाह बहुत उम्दा !
Nazro mein ho na ho phir bhi nazro mein ho...
kya baat hai ji...
bahut khub
bahut he badhiyaa ji....
क्या शायरी कही है आपने वाह....
बहुत ही बढिया शायरी!
aap kee sayariya to andar se jhakjhor detee hai usapar photo ke sath laajabaab
आप जैसा कोई दूजा न होगा हमें नसीब,
आप दूर होकर भी सदा रहोगे हमारे करीब
सच है .. कुछ लोग हमेशा दिलें रहते हैं .... अच्छा लिखा है बहुत ...
बहुत बढ़िया. यूं ही लिखती रहें
आप की रचना ने दिल छूलिया। बहुत ही शानदार लिखा आपने।
सही लिखा आपने ....."
Hello Babli ji,
Bahut hi sundar...
Shabdo ne dil ko chooh liya.
Regards,
Dimps
Superwriyings.
बहुत अच्छा लिखा है । बधाई।
खूबसूरत एहसास....बधाई
दो शेरों मे से जिक्र किसका करूँ
एक तो पेंटिंग की शक्ल में है
दूसरा
आपसे मुलाकात न हो तो होती है हमें फ़िक्र,
हर वक़्त अपने आपसे करते हैं आपका ज़िक्र,
दोनों लाजवाब
...बहुत सुन्दर!!
बहुत सीधी सरल भाषा. एक नारी मन व उसकी व्यथा.
प्यार हो गया है आप को किसी से....:)
आप जैसा कोई दूजा न होगा हमें नसीब,
आप दूर होकर भी सदा रहोगे हमारे करीब !
bahut badiya
kya baat hai ji...
bahut khub
किसी प्रिय के बिछुड़ने या दूर जाने पर ऐसा ही होता है...!अच्छी विरह रचना ..बढ़िया शायरी!
एक बहुत अच्छी रचना
अंतर्मन की सुन्दर और सार्थक अभिव्यक्ति
आप जैसा कोई दूजा न होगा हमें नसीब,
आप दूर होकर भी सदा रहोगे हमारे करीब !
....vaah, vaaah....
ham jaisa duja ho sakta hai naseeb.
fir bhi ham rahenge aapke kareeb.
होगा न कोई दूजा हमें आप जैसा नसीब
दूर होके भी सदा रहेगें आप मेरे करीब
achcha likhti ho
Badhiya tukbandi!
Ab ye padhein:
Door hai is lamha tu,
Mujhse zaroor ae sanam!
Kya kahoon mere magar,
Tu kitna kareeb hai!
Soch kar tujhko nahin,
Sochta kisi aur ko!
Meri soch kehti hai ke,
Tu mera habeeb hai!
Jab se toone 'haan' kaha,
Mere izhaar-e-ishq par!
Tabhi se tu zindagi,
Tu hi mera naseeb hai!
Yakeen hai mujhpar agar,
Duniya ko tu de bata!
Teri ye khamoshi,
Meri sabse badi raqeeb hai!!!
Iske baare mein kya khyal hai???
A bachelor in Punjab
Wah Kya Khub Kaha Hai !! Ati Sundar !!
" bahut hi acchi bhawna ..bahut hi acchi sayari "
----- eksacchai { AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
Very beautifully romantic ...loved it.
waah waah....
kya baat hai....
Bahut khub..lajwab !!
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"शब्द-शिखर" पर सुप्रीम कोर्ट में भी महिलाओं के लिए आरक्षण
nice............
really
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